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    10 साल से पेयजल संकट में चास का प्राथमिक विद्यालय; जर्जर शौचालय और शिक्षकों की कमी

    Updated: Fri, 21 Nov 2025 04:17 PM (IST)

    बोकारो के चास स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में पिछले 10 वर्षों से पीने के पानी की समस्या है। 109 विद्यार्थी प्रभारी के भरोसे पढ़ाई कर रहे हैं। पेयजल की व्यवस्था न होने और शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों को परेशानी हो रही है। प्रबंधन ने कई विभागों को पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जर्जर शौचालय और चारदीवारी न होने से भी दिक्कतें हैं।

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    पेयजल संकट में चास का प्राथमिक विद्यालय

    राममूर्ति प्रसाद, बोकारो। नव प्राथमिक विद्यालय मुस्लिम मोहल्ला चास में 10 वर्ष से पेयजल की व्यवस्था नहीं है। यहां 109 बच्चे कक्षा एक से पांचवीं कक्षा में अध्ययनरत हैं। प्रभारी रुख्साना परवीन के भरोसे इनकी पढ़ाई हो रही है। 

    वहीं स्कूल में पेयजल की व्यवस्था नहीं रहने एवं शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विद्यार्थी अपने घर से बोतल में पानी लेकर आते हैं। कुछ विद्यार्थियों को आसपास के घरों से पानी लेना पड़ता है। 

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    पेयजल की व्यवस्था कराने के लिए पत्र लिखा

    प्रत्येक दिन पानी के लिए बच्चे व स्कूल प्रबंधन पानी-पानी हो रहे हैं। विद्यालय प्रबंधन की ओर से नगर निगम चास, पीएचईडी विभाग व शिक्षा विभाग को पेयजल की व्यवस्था कराने के लिए पत्र दिया गया। 

    इसके बावजूद अब तक इस दिशा में कार्रवाई नहीं की गई है। विद्यालय में चारदीवारी नहीं रहने से एक कमरे में ही झूला व अन्य उपकरण रखे हैं। कुछ बच्चे कमरे में रखे झूला में झूलते हैं।

    जर्जर शौचालय भवन बना परेशानी का सबब

    इस विद्यालय के परिसर में एक चापाकल लगाया गया है, जो दस वर्ष पूर्व खराब हो गया। इसे बनवाने का कई बार प्रयास किया गया। लेकिन इसे दुरुस्त नहीं कराया जा सका। 

    प्रभारी रुख्साना परवीन ने कहा कि तीन वर्ष पूर्व स्कूल के निकट स्थित सामुदायिक शौचालय के डीप बोरिंग से पानी का कनेक्शन लिया। स्कूल की पानी टंकी से पेयजल की व्यवस्था की। लेकिन एक वर्ष बाद ही यह व्यवस्था भी फेल हो गई। मध्याह्न भोजन के लिए आसपास के घरों से पानी का जुगाड़ करना पड़ता है। साथ ही मिनरल वाटर खरीदना पड़ता है। 

    दो कमरे जर्जर

    कहा कि विद्यालय भवन में छह कमरे हैं। इनमें से दो कमरे जर्जर हैं। इसलिए चार कमरे में बच्चों के बैठने की व्यवस्था की गई है। शौचालय भवन जर्जर है, जो परेशानी का सबब बन गया है। विद्यालय में चाहरदीवारी नहीं है। इसलिए मवेशी विद्यालय परिसर में घुस जाते हैं। 

    कहा कि सबसे बड़ी समस्या पानी की है। विभागीय स्तर पर कई बार यहां पेयजल की व्यवस्था का आश्वासन दिया गया। नगर निगम चास के कर्मी भी यहां आकर मुआयना कर चुके हैं। लेकिन अब तक यहां पेयजल की व्यवस्था नहीं की जा सकी है।

    चास की प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी को जर्जर शौचालय व वर्ग कक्ष की भी लिखित जानकारी दी गई है।