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    जब जमानत जब्त होने के बाद भी हारू बने थे विधायक, बोकारो विधानसभा सीट के नाम दर्ज हैं अनोखे रिकॉर्ड

    Updated: Thu, 24 Oct 2024 09:23 AM (IST)

    बोकारो विधानसभा क्षेत्र ने कई अनोखे चुनावी रिकॉर्ड बनाए हैं। सबसे ज्यादा प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने से लेकर सबसे ज्यादा नामांकन रद्द होने तक बोकारो का नाम सबसे ऊपर है। यहां तक कि एक ऐसा मामला भी सामने आया है जहां चुनाव जीतने के बाद भी प्रत्याशी अपनी जमानत नहीं बचा सका। इस लेख में हम आपको बोकारो के इन अनोखे चुनावी रिकॉर्ड के बारे में विस्तार से बताएँगे।

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    जमानत जब्त होने के बाद भी हारू बने थे विधायक। फाइल फोटो

    बीके पाण्डेय, बोकारो। बोकारो विधानसभा क्षेत्र (Bokaro Assembly Seat) के नाम चार चुनाव में सबसे अधिक प्रत्याशियों के लड़ने का रिकॉर्ड है। वहीं सबसे अधिक उम्मीदवारों का नामांकन रद्द होने का रिकॉर्ड भी बोकारो के ही नाम है। यह भी रिकॉर्ड है कि जो प्रत्याशी चुनाव में जीतकर विधायक बन गया, वह अपनी जमानत नहीं बचा सका।

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    यह मामला चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र का है। वर्ष 2005 के चुनाव में हारू रजवार झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ें थे। उन्हें जीत भी मिली, मगर चुनाव परिणाम में खास बात यह रही कि सभी 32 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। चुनाव में 1.9 लाख मत पड़े थे। जमानत बचाने के लिए 18,179 मत चाहिए था।

    हारू को मात्र 17,823 मत मिले। उस वक्त आजसू के उमाकांत रजक, जेवीएम के अमर कुमार बाउरी व निर्दलीय सतीश रजक सहित सबकी जमानत जब्त हो गई। जिनकी जमानत जब्त हुई, वे दूसरे चुनाव में विधायक और मंत्री भी बने, मगर हारू कभी मंत्री नहीं बन सके।

    समरेश व अकलू राम महतो ने भी देखा था ऐसा दिन

    बोकारो में अपने राजनीतिक जनाधार के लिए दिग्गज माने जाने वाले समरेश सिंह, अकलू राम महतो व छत्रु राम महतो जैसे नेताओं की भी चुनाव में जमानत जब्त हो चुकी है। वर्ष 2014 में समरेश भाजपा की लहर के सामने टिक नहीं सके।

    चुनाव में दूसरे स्थान पर रहने वाले समरेश को मात्र 41,678 मत मिले थे, जबकि उन्हें 43,918 मत चाहिए थे। इसी प्रकार 2009 के चुनाव में बोकारो विस क्षेत्र से पूर्व मंत्री अकलू राम तथा गोमिया विस क्षेत्र से छत्रु राम की जमानत जब्त हो गई थी। इसके बाद इन क्षत्रपों ने चुनावी राजनीति से किनारा कर लिया।

    26 से शुरू होगा वोटर इंफॉर्मेशन स्लिप का वितरण

    मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार के अनुसार पहले चरण के मतदान के लिए वोटर इंफार्मेशन स्लिप का वितरण 26 अक्टूबर (शनिवार) से शुरू होगा। बीएलओ द्वारा मतदाताओं के घर-घर जाकर इसका वितरण होगा। छह दिन के भीतर यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। वोटर इंफार्मेशन स्लिप से मतदाताओं को मतदान के दौरान सीरियल नंबर खोजने में आसानी होगी और उनका समय भी बचेगा। इससे मतदान की गति भी तेज आएगी। इसके अलावा मतदान गति बढ़ाने के लिए चुनाव कर्मियों को भी प्रशिक्षित किया जा चुका है।

    बुधवार को धुर्वा स्थित निर्वाचन सदन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि चुनाव के दौरान धन बल के प्रयोग की हर आशंका पर जहां कड़ी नजर रखी जा रही है। वहीं कार्रवाई भी की जा रही है। 290 चेकपोस्ट के माध्यम से राज्य के भीतर और सीमा क्षेत्रों में सघन जांच की जा रही है। इसी का परिणाम है कि लगातार अवैध सामग्री और नकदी की जब्ती कर कार्रवाई की जा रही है।

    उन्होंने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक 16.67 करोड़ रुपये की अवैध सामग्री और नकदी की जब्ती की जा चुकी है। वहीं, आदर्श आचार संहिता उल्लंघन में अब तक कुल 14 प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। जिसमें सर्वाधिक आठ मामले गढ़वा जिले में दर्ज हुए हैं। वहीं सिमडेगा में दो, रांची, सरायकेला खरसावां, धनबाद और रामगढ़ जिले में एक-एक मामले दर्ज किए गए हैं।

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