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    Bokaro News: बोकारो वालों की बल्ले-बल्ले, बड़ा सपना होने जा रहा पूरा, सरकार करेगी 200 करोड़ रुपये खर्च

    Updated: Thu, 12 Sep 2024 09:22 AM (IST)

    Bokaro Steel City केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने झारखंड में 200 करोड़ रुपये की लागत से एक प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना की घोषणा की है। यह केंद्र राज्य के एमएसएमई इकाइयों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा और युवाओं के कौशल विकास के लिए कार्य करेगा। मंत्री ने रैंप योजना के तहत झारखंड के उद्यमियों के विकास के लिए 70 करोड़ रुपये की राशि प्रदान करने की भी घोषणा की।

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    बोकारो स्टील सिटी को मिलने जा रही सौगात (जागरण फोटो)

     जागरण संवाददाता, रांची। Bokaro News: केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि पूरे देश में 20 प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्थापना की जा रही है। इनमें एक का झारखंड के बोकारो जिले में स्थापना को लेकर वर्चुअल मोड में शिलान्यास किया गया है।

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    इसकी अनुमानित लागत 200 करोड़ रुपये है। ये प्रौद्योगिकी केंद्र और राज्य के एमएसएमई इकाइयों को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। साथ ही युवाओं के कौशल विकास के लिए कार्य करेगा।

    उन्होंने रैंप योजना के तहत झारखंड के उद्यमियों के विकास के लिए 70 करोड़ की राशि प्रदान करने की घोषणा की। यह भी कहा कि झारखंड में पांच सौ करोड़ की योजना देकर जा रहे हैं।

    जीतन राम मांझी ने किए कई एलान

    केंद्रीय मंत्री मांझी ने बुधवार को रांची विवि के आर्यभट्ट सभागार में एमएसएमई कानक्लेव तथा पीएम विश्वकर्मा कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश में स्थापित हो रहे 100 विस्तार केंद्रों में से दो केंद्र की स्थापना झारखंड के आइआइटी-आइएसएम, धनबाद एवं तकनीकी विश्वविद्यालय रांची में की जा रही है।

    ये विस्तार केंद्र एमएसएमई इकाइयों की आवश्यकतानुसार तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे और कौशल विकास कार्यक्रम चलाएंगे। इसपर प्रसन्नता व्यक्त की कि पांच वर्षों में 30 लाख विश्वकर्माओं को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य मिला था, जबकि मात्र एक वर्ष के कम समय में ही 2.45 करोड़ लोग इससे जुड़ चुके हैं।

    मांझी ने वर्चुअल मोड में बोकारो में प्रौद्योगिकी केंद्र, जेड 2.0, आइडिया हैकथान 4.0 की आधारशिला रखी। केंद्रीय राज्यमंत्री शोभा करांदलाजे ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर देश की जीडीपी के लगभग 30 प्रतिशत, विनिर्माण क्षेत्र में लगभग 45 प्रतिशत एवं निर्यात क्षेत्र में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान करता है।

    समाजिक-आर्थिक विकास में बड़ा योगदान करने के कारण इसे देश के रीढ़ की हड्डी कहना कोई अतिश्योक्ति नहीं होगा। गरीबी उन्मूलन की दिशा में यह योजना कारगर है। कार्यक्रम में अपर सचिव एवं विकास आयुक्त डा. रजनीश, सचिव जितेन्द्र कुमार सिंह, संयुक्त सचिव मर्सी एपाओ, आरके राय ने भी अपनी बात रखी। कार्यशाला में पूरे राज्य से लगभग 600 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

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