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    Bokaro Crime: पार्टनर को फंसाने के लिए खुद पर चलवाई गोली, पुलिस की जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

    बोकारो में टैक्स कंसल्टेंट अभिषेक प्रताप सिंह ने अपने पार्टनर चंद्रभूषण ओझा और उसकी पत्नी को फंसाने के लिए खुद पर गोली चलवाई। पुलिस ने अभिषेक और उसके चचेरे भाई मंधीर को गिरफ्तार किया और घटना में इस्तेमाल हथियार बरामद किए। अभिषेक अपने पार्टनर से परेशान था जिसके कारण उसने इस घटना को अंजाम दिलवाया।

    By Arvind kumar Singh Edited By: Krishna Parihar Updated: Wed, 27 Aug 2025 08:19 AM (IST)
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    टैक्स कंसल्टेंट ने अपने ऊपर चचेरे भाई से पार्टनर को फंसाने को चलावाई थी गोली

    जागरण संवाददाता, बोकारो। बीते 23 अगस्त को सेक्टर बारह डी के आवास संख्या 1165 निवासी टैक्स कंसल्टेंट का काम करने वाले अभिषेक प्रताप सिंह ने अपने ऊपर खुद ही गोली चलवाई थी। अभिषेक के कहने पर उसके चचेरे भाई मंधीर कुमार सिंह ने उसके ऊपर गोली चलाई थी।

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    अभिषेक अपने पार्टनर चंद्रभूषण ओझा व उसकी पत्नी को फंसाने के लिए इस घटना को अंजाम दिलवाया। पुलिस ने अभिषेक व उसके चचेरे भाई मंधीर को गिरफ्तार कर लिया है। यह जानकारी एसपी हरविंदर सिंह ने मंगलवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों को दी।

    उन्होंने बताया कि अभिषेक व उसके भाई की निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयोग की गई देशी पिस्तौल च 19 जिंदा गोली को बरामद कर लिया। दो मोबाइल फोन, घटना में प्रयोग की गई पल्सर बाइक व एक खोखा भी पुलिस के हाथ लगा है।

    एसपी ने बताया कि 23 अगस्त की रात इस बात की जानकारी मिली कि टैक्स कंसल्टेंट का काम करने वाले अभिषेक पर एक बाइक सवार हेलमेट पहने युवक ने फायरिंग की है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की।

    टैक्स कंसल्टेंट ने पुलिस को बताया कि उसके पार्टनर चंद्रमोहन ने अपनी पत्नी अर्चना ओझा के साथ मिलकर एक साजिश के तहत उसपर फायरिंग करवाई। उसके बताया कि उससे कर्ज में रुपये चंद्रमोहन लिया था।

    वह रुपये देने का दबाव बना रहे थे। इसी वजह से उसने ऐसा कराया। कप्तान ने बताया कि इस सूचना के बाद पुलिस ने चंद्रमोहन व उसकी पत्नी के खिलाफ प्राथमिकी कर जांच शुरू की। जांच में इस बात की।

    जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा 

    जानकारी मिली कि टैक्स कंसल्टेंट अभिषेक व सेक्टर पांच निवासी चंद्रमोहन ने एक फर्म मिलकर खोला। दोनों साझेदार थे। चंद्रमोहन ने बैंक से लोन लेकर एक कार ली। इसमें अभिषेक ही पार्टनर था। चंद्रमोहन कार का किश्त नहीं देने लगा तो बैंक वाले गारंटर बनें अभिषेक को परेशान करने लगे।

    इससे उसका सिविल भी खराब हो गया। इसके अलावा चंद्रमोहन ने कुछ रुपये भी अभिषेक का लिया था। अभिषेक इन सबसे काफी परेशान था। इसने अपने साझेदार को सबक सिखाने की योजना बनाई।

    इस योजना में अपने यहां काम करने वाले अपने चचेरे भाई मंधीर को इसने साथ लिया। योजना के अनुसार मंधीर हेलमेट पहनकर बाइक से आया और 23 की शाम घर के बाहर मौजूद अभिषेक पर फायरिंग कर भाग निकला। सूचना मिलने पर पुलिस ने पहुंचकर जांच शुरू की। 

    सिटी डीएसपी आलोक रंजन की अगुवाई में बनी पुलिस टीम ने इस घटना का खुलासा किया। इस टीम में सेक्टर थानेदार सुभाष चंद्र सिंह, सेक्टर चार थाना इंचार्ज संजय कुमार, सिटी थाना इंचार्ज सुदामा कुमार दास, सेक्टर बारह के सब इंस्पेक्टर कांति बिलास , दिलीप टुड्डू, एएसआइ मिथिलेश कुमार दुबे, इंद्रर कुमार पासवान, सिपाही योगेंद्र कुमार रजक, प्रफुल्ल कुमार मंडल, सिद्धेवर प्रसाद सिंह, रंजीत महतो और सुधीर हेम्ब्रम थे।