विज्ञान की नई खोज ही तकनीक का आधार
new technique. विज्ञान के क्षेत्र में भारत को श्रेष्ठ बनाने के लिए देश के नौजवानों को विज्ञान के प्रति जागृत किया गया।
बोकारो : जीजीईएस इंजीनिय¨रग एवं मैनेजमेंट संस्थान कांड्रा, चास में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया। संस्थान के निदेशक डॉ.अमरेन्द्र नाथ सिन्हा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने देश के महान वैज्ञानिक डॉ.सीवी रमन की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। कहा कि डॉ.सीवी रमन देश के महान वैज्ञानिक थे। उनका अनुसंधान 28 फरवरी 1928 को पूरा हुआ। इसे रमन प्रभाव का नाम दिया गया। इसके लिए इन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया। रूसी वैज्ञानिक चार्ल्सन, यूजीन लाक, रदरफोर्ड, नील्स बोअर, चार्ल्स कैबी और विल्सन जैसे वैज्ञानिकों ने नोबेल पुरस्कार के लिए रमन के नाम को प्रस्तावित किया था।
विज्ञान के क्षेत्र में भारत को श्रेष्ठ बनाने के लिए उन्होंने देश के नौजवानों को विज्ञान के प्रति जागृत किया। रमन की खोज के माध्यम से मनुष्य अपनी रेटिना का चित्र स्वयं ही देख सकता है। वह यह भी देख सकता है की उसकी आंखें कैसे काम कराती हैं। कहा कि विज्ञान की नई खोज ही नवीन तकनीकी का आधार है। इसलिए विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच उत्पन्न करना चाहिए। विद्यार्थियों को नवीन शोध करने का प्रयास करना चाहिए। पुरस्कृत किए गए विद्यार्थी इस दौरान साइंस क्विज व टॉक ऑन साइंस प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें भाग लेकर विद्यार्थियों ने अपने कौशल का प्रदर्शन किया। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। मोके पर डीन डॉ.एचआर साहा, मुख्य को-आर्डिनेटर डॉ.अरुण प्रसाद वर्णवाल, डॉ.रजनी प्रसाद, डॉ.दीपक कुमार, डॉ.एस राणा, डॉ.रंजना, डॉ.अपूर्वा, डॉ.पंकज कुमार ¨सह आदि उपस्थित थे।