'सेल' के स्वदेशी स्टील से मजबूत हुई नौसेना, आत्मनिर्भर भारत को मिली ताकत
आत्मनिर्भर भारत के तहत SAIL भारतीय नौसेना को विशेष इस्पात (स्टील) की आपूर्ति कर रहा है। हाल ही में आईएनएस अजय और आईएनएस निस्तार जैसे जहाजों के लिए स्वदेशी डीएमआर ग्रेड का इस्पात इस्तेमाल किया गया है। यह डीआरडीओ और सेल की साझेदारी से संभव हुआ जिससे रक्षा क्षेत्र में आयात पर निर्भरता कम हुई है। यह पहल मेक इन इंडिया को मजबूत करते हुए देश की समुद्री सुरक्षा बढ़ा रही है।

जागरण संवाददाता, बोकारो। आत्मनिर्भर भारत के नए युग में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) देश की समुद्री सुरक्षा को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत की प्रमुख इस्पात उत्पादक कंपनी सेल ने हाल ही में भारतीय नौसेना के दो प्रमुख पोत, आईएनएस अजय और आईएनएस निस्तार, के लिए विशेष ग्रेड के स्टील की आपूर्ति की है। यह आपूर्ति देश के रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आईएनएस अजय, जिसे गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड ने तैयार किया है, एक अत्याधुनिक एंटी-सबमरीन युद्धपोत है। सेल ने इसके निर्माण के लिए पूरी मात्रा में डीएमआर ग्रेड की स्टील प्लेट्स दी हैं, जो इसकी संरचनात्मक मजबूती और स्टील्थ तकनीक को सुनिश्चित करती हैं। इसी तरह, आईएनएस निस्तार, जिसे हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड ने हाल ही में कमीशन किया है, भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल है। इसमें भी विशेष ग्रेड का स्टील सेल द्वारा ही उपलब्ध कराया गया है। सेल की यह भूमिका न केवल भारत की समुद्री शक्ति को बढ़ा रही है, बल्कि देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों को भी गति दे रही है।
स्वदेशी स्टील से मजबूत हो रहा भारत का रक्षा कवच
आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश में पहली बार स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का निर्माण किया गया, जिसे 2022 में नौसेना को सौंपा गया। इसमें 30,000 टन विशेष स्टील की आपूर्ति सेल द्वारा की गई थी। इसके बाद आईएनएस अर्नाला, आईएनएस विंध्यगिरि, आईएनएस सूरत, आईएनएस उदयगिरि, आईएनएस कमोर्टा जैसे कई अन्य युद्धपोतों के निर्माण में भी सेल ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
पहले ऐसे विशेष ग्रेड के स्टील विदेशों से आयात करने पड़ते थे, लेकिन अब डीआरडीओ द्वारा विकसित डीएमआर-249 ए स्टील का उत्पादन बोकारो इस्पात संयंत्र समेत सेल की विभिन्न इकाइयों में किया जा रहा है। यह स्टील पानी में लंबे समय तक रहने पर भी जंग नहीं लगने जैसी विशेषताओं के कारण नौसेना के पोतों के लिए बेहद उपयुक्त है। सेल की यह पहल न केवल रक्षा क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर रही है, बल्कि भारत को आयात पर निर्भरता से मुक्त करते हुए पूरी तरह आत्मनिर्भर बना रही है।
देश की सामरिक ज़रूरतों को पूरा करने की दिशा में बोकारो इस्पात संयंत्र हमेशा अग्रणी रहा है। बीएसएल में उत्पादित डीएमआर 249ए ग्रेड स्टील का उपयोग भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के निर्माण में किया जा रहा है। यह सेल (बीएसएल) के लिए गर्व की बात है। आत्मनिर्भर भारत अभियान को सेल गति दे रहा है।
-मणिकांत धान, प्रमुख संचार, बोकारो स्टील
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