BSNL से नाराज SAIL अधिकारी, वैकल्पिक मोबाइल सेवा पर मंथन तेज
SAIL: सेल और बीएसएनएल के बीच सीयूजी एग्रीमेंट समाप्त होने की कगार पर है, क्योंकि दोनों कंपनियों में सहमति नहीं बन पा रही है। इस समझौते के खत्म होने से सेल कर्मचारियों की संचार व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। सेल प्रबंधन अब अन्य दूरसंचार कंपनियों के साथ समझौता करने पर विचार कर रहा है ताकि कर्मचारियों को निर्बाध संचार सेवा मिलती रहे।

संचार को लेकर बीएसएनएल के साथ सेल का है करार।
जागरण संवाददाता, बोकारो। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) और भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के बीच वर्षों से चल रही साझेदारी समाप्त हो सकती है। बोकारो इस्पात संयंत्र (बीएसएल) सहित सेल की कई इकाइयों में लंबे समय से मोबाइल नेटवर्क की गंभीर समस्या बनी हुई है।
नेटवर्क के अभाव ने अधिकारियों की विभागीय कार्यप्रणाली को प्रभावित कर दिया है। स्थिति यह है कि ड्यूटी के दौरान अधिकारी एक-दूसरे से समय पर संवाद नहीं कर पा रहे हैं। महत्वपूर्ण संदेश और निर्देश व्हाट्सऐप व अन्य माध्यमों से भेजना भी मुश्किल हो गया है, जिससे कार्यों में विलंब और भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
उपयोग करने वाले अधिकारियों का मानना है कि जिन इकाइयों में बीएसएनएल सेवा बेहतर नहीं है, वहां अब दूसरे मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि अधिकारियों के संचार तंत्र को मजबूत किया जा सके। हालांकि जिन क्षेत्रों में बीएसएनएल का नेटवर्क सुचारू है, वहां फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
बीएसएनएल और सेल के बीच चल रही इस व्यवस्था में परिवर्तन का सुझाव स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया (सेफी) की ओर से गत माह दिया गया था।
संगठन ने सेल अध्यक्ष को प्रस्ताव सौंपकर कहा था कि अधिकारी कार्य संबंधी संचार में लगातार समस्याओं का सामना कर रहे हैं, इसलिए नेटवर्क कमजोर होने वाले क्षेत्रों में वैकल्पिक सेवा प्रदाताओं को शामिल किया जाना चाहिए। इस प्रस्ताव पर अब विचार मंथन तेज हो गया है।
बोकारो में काल ड्रापिंग की समस्या बरकरार
बोकारो में बीएसएनएल ने 4जी सेवा तो शुरू कर दी है, लेकिन कॉल ड्रॉपिंग अब भी बड़ी समस्या बनी हुई है, खासकर जब दूसरे नेटवर्क पर कॉल किया जाता है। नेटवर्क की यह अस्थिरता बीएसएल और सेल के लिए और अधिक चुनौतीपूर्ण बन गई है क्योंकि बोकारो में बीएसएनएल का सबसे बड़ा कॉर्पोरेट ग्राहक बोकारो स्टील प्लांट ही है।
यहां लगभग 1500 सीयूजी सिम और 2,000 से अधिक प्रीपेड सिम बीएसएल के मजदूरों के पास हैं। इसके अलावा शहर में कम से कम 15 हजार उपभोक्ता बीएसएनएल सेवा पर निर्भर हैं। इसके बावजूद शिकायत निवारण तंत्र की निष्क्रियता उपभोक्ताओं के बीच असंतोष बढ़ा रही है।
सेल प्रबंधन और अधिकारी दोनों का मानना है कि यदि नेटवर्क समस्या का समाधान समय पर नहीं हुआ तो वैकल्पिक मोबाइल सेवा प्रदाताओं की ओर रुख करना अनिवार्य हो जाएगा।
मैक्स फोन की सेवा को लेकर संशय बरकरार
बोकारो इस्पात संयंत्र के कई विभागों में सेल प्रबंधन बीएसएनएल की साझेदारी के साथ ‘मैक्स फोन’ सेवा संचालित करता है। सभी अधिकारियों को कंपनी की ओर से मोबाइल फोन उपलब्ध कराए गए हैं जिनमें बीएसएनएल के सिम उपयोग किए जाते हैं।
लेकिन अब जब बीएसएल के अंदर नेटवर्क निष्प्रभावी हो रहा है, तब मैक्स फोन की उपयोगिता पर भी सवाल उठने लगे हैं। प्रबंधन के समक्ष अब दोहरे विकल्प की स्थिति है या तो मैक्स फोन को जारी रखा जाए या फिर पूरी तरह आधुनिक स्मार्टफोन व्यवस्था पर निर्भर हो जाया जाए, क्योंकि सभी अधिकारियों के पास पहले से हाई-टेक मोबाइल उपलब्ध हैं।
यदि वैकल्पिक नेटवर्क बेहतर तरीके से उपलब्ध कराया जाता है, तो स्वाभाविक रूप से मैक्स फोन की उपयोगिता समाप्त होती जाएगी, जिससे कंपनी को हर माह लाखों रुपये की बचत हो सकती है।
इस विषय पर भी सेफी ने अपने प्रस्ताव में स्पष्ट उल्लेख किया था कि नेटवर्क खराब रहने वाले क्षेत्रों में मैक्स फोन और बीएसएनएल दोनों मिलकर अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं, इसलिए नया विकल्प जरूरी है।
बीएसएल अधिकारियों को खराब मोबाइल नेटवर्क के कारण कई प्रकार की विभागीय समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में सेल अध्यक्ष से मांग की गई थी कि जिन इकाइयों में बीएसएनएल का नेटवर्क बेहतर नहीं है, वहां दूसरे मोबाइल कंपनी की सेवा बहाल की जाए।-अजय कुमार पांडेय, वाइस चेयरमैन, सेफी
बोकारो स्टील प्लांट के अंदर 9 टावर हैं। कुछ स्थानों पर समस्या की शिकायत मिली है उसे दूर किया जा रहा है। फिलहाल शहर में नेटवर्क व स्पीड अन्य सभी सेवा प्रदताओं से बेहतर है। शिकायत मिलने पर सुधार किया जाएगा।- चंद्र शेखर, एसडीई , मोबाइल बीएसएनएल

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।