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    अभिभावकों पर बच्चों को नियमित स्कूल भेजने की जिम्मेदारी

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 25 Aug 2022 08:32 PM (IST)

    जिला के सरकारी विद्यालयों में गुरुवार को शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अभिभावकों का स्वागत किया। ...और पढ़ें

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    अभिभावकों पर बच्चों को नियमित स्कूल भेजने की जिम्मेदारी

    अभिभावकों पर बच्चों को नियमित स्कूल भेजने की जिम्मेदारी

    जागरण संवाददाता, बोकारो: जिला के सरकारी विद्यालयों में गुरुवार को शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अभिभावकों का स्वागत किया। विद्यार्थियों ने भी अपने माता-पिता का स्कूल आने पर अभिनंदन दिया। कुछ विद्यालयों में गुलाब का फूल देकर अभिभावकों को सम्मानित किया गया। शिक्षक व अभिभावकों ने बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार करने, विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहयोग करने, बच्चों की स्कूल में शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने, विद्यार्थियों के लर्निंग गैप को पाटने, व्यवसायिक कोर्स से बच्चों को जोड़ने आदि पर चर्चा की।

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    प्राचार्य मनोज झा ने जिला शिक्षा अधीक्षक नूर आलम खान को सम्मानित किया। जिला शिक्षा अधीक्षक ने कहा कि प्रत्येक तीन माह पर सभी सरकारी विद्यालयों में शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। अभिभावकों के सहयोग से विद्यालय में शिक्षा का बेहतर वातावरण तैयार किया जाएगा। विद्यालय के विकास में इनकी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में सकारात्मक काम किया जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस के अलावा क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी व विभिन्न प्रखंडों के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने भी प्राथमिक विद्यालय टुपरा कन्या, मध्य विद्यालय आसनसोल, मध्य विद्यालय चास, एसबीएस चास, मध्य विद्यालय हरिला, मध्य विद्यालय बाउरी टोला, मध्य विद्यालय सतनपुर, मध्य विद्यालय आजाद नगर के अलावा विभिन्न सरकारी विद्यालयों में शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी में शामिल हुए।

    -बच्चों को विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन जरूरी

    जिला शिक्षा पदाधिकारी प्रबला खेस ने कहा कि बच्चों का विद्यालय में शत-प्रतिशत नामांकन जरूरी है। ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। अभिभावकों को अपने बच्चे के प्रदर्शन के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है। ताकि स्कूल में बच्चों की अनुपस्थिति को कम किया जा सके। परीक्षा में छात्रों के प्रदर्शन से अभिभावकों को अवगत कराने की आवश्यकता है। माता-पिता को अपने बच्चों की शैक्षिक ताकत व कमजोरियों के बारे में पता होना चाहिए। व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों में जीविकोपार्जन करने की क्षमता विकसित की जाएगी। इसलिए बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ने की दिशा में काम हो रहा है। कहा कि 21 से 26 नवंबर 2022 एवं 20 से 24 फरवरी 2023 तक शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इसके माध्यम से शिक्षा का बेहतर माहौल तैयार किया जाएगा।