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    महाराजा अहिबरन से बरनवाल समाज की रखी थी नींव

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 25 Dec 2020 10:27 PM (IST)

    बरनवाल वैश्य समुदाय का काफी गौरवशाली इतिहास रहा है। बरनवाल समाज के लोगों की उत्तरप्रदेश बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल एवं पड़ोसी देश नेपाल में बहुतायात है। ...और पढ़ें

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    महाराजा अहिबरन से बरनवाल समाज की रखी थी नींव

    जागरण संवाददाता, बेरमो :

    बरनवाल वैश्य समुदाय का काफी गौरवशाली इतिहास रहा है। बरनवाल समाज के लोगों की उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल एवं पड़ोसी देश नेपाल में बहुतायात है। महाराजा अहिबरन से बरनवाल समाज की उत्पत्ति हुई। महाराजा अहिबरन बुलंदशहर के राजा थे। बुलंदशहर में महाराजा अहिबरन का किला आज भी मौजूद है। कहा जाता है कि धन की देवी लक्ष्मी ने राजा अहिबरन एवं उनके वंशजों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दिया था। अयोध्या के सूर्यवंशी राजा मान्धाता के दो पुत्र गुनाधि एवं मोहन थे। मोहन के वंशज वल्लभ और उनके पुत्र अग्रसेन हुए। महाराजा अग्रसेन ने अग्रवाल व अग्रहरि वैश्य वंश की शुरुआत की, तो दूसरे पुत्र गुनाधि के पुत्र परामल और उनके पौत्र अहिबरन हुए। महाराज अहिबरन ने बरनवाल समुदाय की नींव रखी।

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    समस्त वैश्य समुदाय का किया विस्तार : महाराजा अहिबरन ने व्यापार को बढ़ावा देने और अपनी प्रजा की भलाई के लिए समस्त वैश्य समुदाय का विस्तार किया। हालांकि सन 1192 ई. में मोहम्मद गौरी के सेनापति कुतबुद्दीन ने बुलंदशहर पर आक्रमण कर महाराज अहिबरन के किले को अपने कब्जे में ले लिया था। हाल ही में बुलंदशहर के वीरपुर, भटोरा एवं गालिबपुर में खुदाई के दौरान अहिबरन साम्राज्य के अवशेष मिले, जिन्हें लखनऊ के राजकीय संग्रहालय में रखा गया है।

    एशियेटिक सोसाइटी के जर्नल में उल्लेख : एशियेटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल के जर्नल में अहिबरन साम्राज्य का उल्लेख है। उसके मुताबिक अहिबरन साम्राज्य काफी संपन्न था। वहां ताम्ब्रपत्र के अभिलेख और चांदी के मुद्राओं का प्रचलन था। अंग्रेजी शासनकाल में बरनवाल समुदाय के लोग रायबहादुर के उपनाम से जमींदारी किया करते थे। बरनवाल समाज में 36 गोत्र हैं।

    राजेंद्र स्मृति भवन फुसरो में होगा समारोह : बेरमो में बरनवाल युवक संघ की ओर से हर वर्ष 26 दिसंबर को धूमधाम से महाराज अहिबरन की जयंती मनाई जाती है। इस मौके पर फुसरो शहर में शोभायात्रा भी निकाली जाती है। समारोह में सामाजिक मिलन के साथ ही रंगारंग कार्यक्रम भी किए जाते हैं। इस बार राजेंद्र स्मृति भवन फुसरो में अहिबरन जयंती मनाई जाएगी। समारोह के मुख्य अतिथि झारखंड प्रदेश बरनवाल महासभा के अध्यक्ष सदानंद बर्णवाल, प्रदेश महिला समिति की अध्यक्ष पूनम बरनवाल एवं बोकारो के विधायक विरंची नारायण होंगे।