निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी से छूटेगी तंबाकू की लत
तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र में दी जाने वाली सुविधाओं व दवाओं से संबंधित जानकारी को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन किया गया।

निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी से छूटेगी तंबाकू की लत
जागरण संवाददाता, बोकारो : राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कैंप-दो एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में शनिवार को तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र में दी जाने वाली सुविधाओं व दवाओं से संबंधित जानकारी को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजन किया गया। इसमें डा. एनपी सिंह ने निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी के बारे में जानकारी दी और तंबाकू छोड़ने व लाभार्थी के व्यवहार में परिवर्तन लाने को लेकर परामर्श देने की प्रक्रिया के बारे में बताया।
सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों को तंबाकू छोड़ने को लेकर परामर्शी प्रक्रिया व फेफड़े की स्थिति की जांच का प्रशिक्षण दिया गया। ऐसे लाभार्थी जो तंबाकू का उपयोग करते हैं और तंबाकू छोड़ना चाहते हैं, वे सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक डा. प्रशांत कुमार मिश्रा से संपर्क कर सकते हैं। बताया गया कि तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र में जो भी सुविधा उपलब्ध है ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाए। जिला परामर्शी मो. असलम ने बताया कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तंबाकू नशा मुक्ति का संचालन एनसीडी क्लीनिक में किया जा रहा है। इस अवसर पर आरती कुमारी मिश्रा, छोटेलाल के साथ सभी प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।
क्या है निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी : तंबाकू में निकोटिन पाया जाता है। लगातार तंबाकू के सेवन से शरीर के कुछ अंग इसको लेकर संवेदी हो जाते हैं। इस कारण तंबाकू या सिगरेट छोड़ना बहुत मुश्किल होता है। इसको छुड़ाने के लिए निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के डा. एनपी सिंह के मुताबिक तंबाकू या सिगरेट के अलावा किसी और तरीके से बाडी में निकोटिन पहुंचाने को निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी कहते हैं। स्मोकिंग छुड़ाने के लिए यह थेरेपी यूज की जाती है। इसके तहत निकोटिन के चुइंगम, स्प्रे, इनहेलर, पैच आदि दिए जाते हैं। लेकिन सबसे आसान और अच्छा तरीका चुइंगम है। इसमें कम मात्रा में निकोटिन होता है और धुएं में पाए जाने वाले टाक्सिन इसमें नहीं होते। इसका मकसद निकोटिन की मात्रा को कम कर धीरे-धीरे लत को दूर करना होता है।
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