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    Bokaro के वनरक्षी ने उठाया पर्यावरण बचाने का बीड़ा, करम पर्व पर घर-घर बांट रहे पौधे

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 11:14 AM (IST)

    मुकेश कुमार महतो जो वन विभाग में वनरक्षी हैं नावाडीह के जंगलों की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे हैं। वे करम पर्व पर गांव-गांव जाकर करम के पौधे बांट रहे हैं और लोगों को हरियाली बनाए रखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मुकेश कुमार ने बताया कि उन्होंने नर्सरी में पौधे तैयार किए हैं और उत्तर प्रदेश से भी मंगाए हैं।

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    मुकेश कुमार ने नर्सरी में पौधे तैयार किए हैं

    मुकेश कुमार महतो, बेरमो (बोकारो)। वन विभाग के वनरक्षी मुकेश कुमार पर नावाडीह के जंगलों की सुरक्षा का जिम्मा है। प्रकृति से लगाव रखने वाले मुकेश करम पर्व पर गांव-गांव जा रहे हैं।

    करम अखाड़ा पहुंचकर ये करम पौधे का वितरण करते हैं। गांव वालों को संकल्प दिलाते हैं कि इन पौधों को लगाने के साथ उनको सहेजेंगे भी, ताकि हरियाली से हमारी धरती आच्छादित रहे। करम पौधे बड़े होकर पेड़ बन सकें। गांव वालों को पर्व पर इसकी डालियां उपलब्ध हो सकें।

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    दरअसल, पूरे झारखंड में इन दिनों गांव-गांव में करम पर्व की धूम है। इस त्योहार में करम वृक्ष की पूजा की जाती है। यह पूजा संदेश देती है कि हमें अपनी प्रकृति की रक्षा करनी है, पर्यावरण को संरक्षित करना है। ऐसे में गांव वाले भी वनरक्षी की इस पहल को सराह रहे हैं।

    मुकेश कहते हैं कि नर्सरी में तैयार करने के साथ उत्तर प्रदेश से भी करम पौधे मंगाए हैं। करीब दस हजार पौधे बांटने का लक्ष्य रखा है। एक सप्ताह में करीब तीन हजार पौधे बांट चुके हैं, बाकी भी बांट रहे हैं।

    आदिवासी-कुड़मी बहुल क्षेत्रों में प्राचीन काल से करम पूजा हो रही है। करम पर्व के दिन ढोल बाजा के साथ करम की डाली गांव वाले लाते हैं। डाली को गांव लाकर करम अखाड़ा में गाड़कर पूजा की जाती है, ऐसे में हम अपनी संस्कृति को भी सहेज रहे हैं।

    मुकेश का कहना है कि वे बोकारो के तलगड़िया से हैं। विकास के नाम पर सैकड़ों पेड़ों को कटते देखते हैं तो दुख होता है। इस बीच देखा कि जिस पौधे की गांव के लोग पूजा करते हैं, उसको नहीं काटते। तब ऐसे पौधे बांटने का ख्याल आया।

    नर्सरी में तैयार कर रहे सरहुल के पौधे

    मुकेश का कहना है कि प्रकृति से जुड़े हर पर्व पर उससे संबंधित पौधों का वितरण करने का निश्चय किया है। आदिवासियों के सबसे बड़े सरहुल पर दस हजार से अधिक सखुआ के पौधों का वितरण करने का प्रण लिया है।

    नर्सरी में सखुआ के पौधे तैयार कर रहा हूं। लगभग हर आदिवासी गांवों में इनका वितरण करना है। इनकी देखरेख की जिम्मेदारी गांव वालों को देंगे।

    इस मानसून में लाख से अधिक पौधे लगा चुका विभाग 

    मुकेश के अनुसार मानसून से पहले से ही वन विभाग की ओर से पौधारोपण शुरू किया गया था। ढाई माह के दौरान वन विभाग ने अपनी भूमि पर एक लाख से अधिक पौधे लगाए हैं। इन पौधों की मवेशियों से सुरक्षा के लिए ट्रेंच काटा गया है। सुरक्षा को लेकर जालियां भी लगाई हैं।

    करम महोत्सव में आए लोगों को बांटे पौधे

    भलमारा के तुलसी कुमार बताते हैं कि गांव में करम महोत्सव पर बड़ी संख्या में लोग आए। वनरक्षी मुकेश कुमार ने यहां करीब 700 पौधों का वितरण किया।

    सभी को पौधे देकर उनको सहेजने का संकल्प कराया। वहीं नर्रा गांव के निरंजन महतो कहते हैं कि हमारे यहां भी करीब ढाई सौ करम पौधे वितरित हुए हैं। मुकेश कुमार प्रकृति के संरक्षण को अच्छा काम कर रहे।