'...मैं भी जवाब दे सकता हूं', सांसद ढुलू महतो की बात सुन भड़क उठे SP साहब, कलेक्टर ने कराया मामला शांत
शुक्रवार को हुई कैंप टू स्थित न्याय सदन सभागार में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में धनबाद के सांसद ढुलू महतो और एसपी पूज्य प्रकाश के बीच बहस हो गई। इस बैठक के दौरान जब सांसद ढुलू महतो ने शंकर रवानी की हत्या के मुद्दे को उठाया तो इसके बाद एसपी पूज्य प्रकाश भड़क गए और सांसद को दे डाली नसीहत।
जागारण संवाददाता, बोकारो। शुक्रवार को कैंप टू स्थित न्याय सदन सभागार में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने की।
पूरी बैठक इधर-उधर के मुद्दों पर रही। भारत सरकार के ग्रामीण विकास के दिशा निर्देंशों के विरूद्ध पूरी बैठक में उन मुद्दों पर चर्चा हुई जो कि सामान्य तौर पर दिशा की गाइड लाइन के तहत नहीं आते हैं।
सांसद ढुलू की बात पर भड़के एसपी
बैठक में धनबाद सांसद ढुलू महतो ने शंकर रवानी की हत्या के मुद्दे को उठाया तो पूरा सदन गरम हो गया। पहले उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि शंकर रवानी को जिला बदर उनके न्यायालय ने किया था। इसके बाद सांसद ने जैसे ही मामले को रखा कि किन परिस्थितियों में उसकी हत्या हुई।
इसके बाद एसपी पूज्य प्रकाश भड़क गए। उन्होंने कहा कि श्रीमान आप भी लोकसेवक हैं और मैं भी लोकसेवक हूं। जिस प्रकार की भाषा का प्रयोग आपने फोन पर किया। उसी प्रकार का जवाब मैं दे सकता हूं। दोनों ओर से हो रही कहा सूनी के बीच डीसी ने मध्यस्थता करते हुए कहा कि यह इन मुद्दों पर चर्चा के लिए मंच नहीं है।
इसके लिए अलग से बात करेंगे। उन्होंने एसपी का पक्ष लेते हुए कहा कि सभी को अपने पद की गरीमा का ख्याल रखना चाहिए। इसके बाद अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चौधरी ने हस्तक्षेप करते हुए मामले को शांत कराया और बैठक की कार्रवाई आगे प्रारंभ हुई।
क्या-क्या मुद्दे उठे व किन पर लिया निर्णय
1. विधायक बिरंची नारायण ने सिवेज प्लांट का मुद्दा उठाया इस पर यह निर्णय हुआ कि जहां सिवेज प्लांट बनना है वहां इएसआई अस्पताल बनेगा और सिवजे प्लांट दामोदर नदी के किनारे बनेगा।
2 विद्युत प्रमंडल चास एवं तेनुघाट में उपभोक्ताओं को खपत से अधिक बिजली विपत्र देने, नियमित विपत्र जारी नहीं करने, भुगतान नहीं करने पर कनेक्शन काटने एवं उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की लगातार शिकायत प्राप्त होने की बात कहीं। उन्होंने इस व्यवस्था को अविलंब दुरूस्त करने की बात कहीं। मौके पर कार्यपालक अभियंता विद्युत प्रमंडल द्वय को जनता दरबार का आयोजन नियमित करने एवं ऐसे मामलों की सुनवाई करने का निर्देश दिया। साथ ही, खराब एवं जर्जर पोल/विद्युत तार को दुरूस्त करने को कहा।
3. उद्घाटन शिलान्याय के मामले में कार्यपालक अभियंतों को निर्देश दिया गया कि ऐसी कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। इस बाबत राज्य सरकार से स्पष्ट पत्र जारी किया गया है। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं के शुभारंभ/शिलान्यास एवं लोकार्प, उद्घाटन, शिलापट्ट पर नाम अंकित करने के प्रोटोकाल का अनुपालन सभी को करना है, तय प्रोटोकाल का उल्लंघन नहीं होना चाहिए।
4. खराब पड़े चापाकलों को दुरूस्त नहीं करने को लेकर बिरंची नारायण एवं अन्य प्रतिनिधियों ने बात रखी। उपायुक्त ने कहा कि चापाकलों की मरम्मति को लेकर राशि की कोई कमी नहीं है। 15 वें वित्त आयोग के तहत उपलब्ध राशि का इस्तेमाल पंचायत स्तर पर खराब पड़ें चापाकलों को दुरूस्त करने के लिए किया जा सकता है।
उन्होंने सभी मुखियाओं से उनके क्षेत्र अंतर्गत खराब पड़े चापाकलों की सूची तैयार कर ग्रामसभा के माध्यम से उसे पारित करते हुए गैंगमैन के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से जिला पंचायती राज कार्यालय को समन्वय कर खराब चापाकलों को दुरूस्त करने का निर्देश दिया।
5.गोमिया विधायक लंबोदर महतो ने बीज वितरण एवं उसके लाभुकों की सूची उपलब्ध कराने का जिला सहकारिता पदाधिकारी को निर्देश दिया। डीसीओ ने बताया कि जिले के 1480 क्विंटल बीज का लक्ष्य थी, जिसमें 300 क्विंटल बीज अब तक उपलब्ध नहीं हुआ है, जो बीज उपलब्ध था, उसका वितरण पैक्सों के माध्यम से किसानों को कर दिया गया है।
6.डीवीसी, बीएसएल,सीसीएल आदि द्वारा सीएसआर के तहत किए जाने वाले कार्यों पर चर्चा की गई। सभी प्रतिनिधियों ने कंपनियों को सीएसआर की बैठक करने एवं पूर्व में उनके द्वारा अनुशंसित कार्यों की प्रगति का प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा।
7. बोकारो स्टील प्रबंधन (बीएसएल) द्वारा ठेका श्रमिकों को डायबिटीज एवं बीपी की बीमारी बता काम से हटाने को लेकर दिशा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चौधरी ने इस पर नाराजगी जताई। उन्होंने श्रमिकों का ईलाज बीजीएच में सुनिश्चित करने को कहा।
जिला प्रशासन के लिए कोरम मात्र है दिशा की बैठक
बोकारो में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक मजाक बनकर रह गई है। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की पर्यवेक्षण एवं निगरानी के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समिति का गठन किया है। पर बोकारो में अब तक इस पर काम नहीं हो रहा है। बैठक की सूचना वेबसाइट पर लोड करना है।
मिटिंग में हुए निर्णय को सूचित करना हैं एवं केन्द्र प्रयोजित 43 योजनाओं की प्रगति पर चर्चा करनी है, लेकिन यह बैठक नास्ता-खाना कनीय अधिकारियों को फटकार के साथ कोरम पूरा किया जा रहा है। न तो मनरेगा पर चर्चा हुई और न ही केन्द्र प्रायोजित योजना पर।
उल्टी बैठक में पीएसयू के सीएसआर फंड पर चर्चा कर समाप्त कर दिया गया। यही वजह है कि सांसदों को न तो केन्द्रीय योजनाओं की प्रगति की जानकारी होती है और न ही वे फीड बैक लेते हैं।
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