Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कोयला उत्पादन बढ़ाने को सीसीएल बी एंड के प्रबंधन रेस

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 12 Dec 2021 08:00 PM (IST)

    करगली (बेरमो) कोयला उत्पादन बढ़ाने को सीसीएल बी एंड के प्रबंधन रेस हो गया है। इसके तहत

    Hero Image
    कोयला उत्पादन बढ़ाने को सीसीएल बी एंड के प्रबंधन रेस

    करगली (बेरमो) : कोयला उत्पादन बढ़ाने को सीसीएल बी एंड के प्रबंधन रेस हो गया है। इसके तहत महाप्रबंधक एमके राव ने रविवार को करगली रेस्टहाउस में क्षेत्रीय सलाहकार समिति (एसीसी) सदस्यों के साथ बैठक कर सुझाव व सहयोग मांगा। साथ ही खासमहल परियोजना की कोनार रेलवे साइडिग का आनलाइन उद्घाटन किया। समिति के सदस्यों ने सुरक्षा के साथ कोयला उत्पादन व संप्रेषण बढ़ाने का सुझाव दिया। कहा कि वक्त के साथ देश में कोयले की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसकी पूर्ति कराना सबकी जिम्मेदारी है। महाप्रबंधक राव ने कहा कि माइंस के विस्तार में आ रही समस्याओं को दूर करने में विस्थापित-रैयत परिवार के लोग सीसीएल प्रबंधन का साथ दें। कोयला उत्पादन पर ही इस क्षेत्र का भविष्य निर्भर है। बताया कि बी एंड के प्रक्षेत्र के लिए मुख्यालय की ओर वित्तीय वर्ष 20-21 का कोयला उत्पादन लक्ष्य 72 लाख टन निर्धारित किया गया है। इसे शेष चार माह में प्राप्त करना है। साथ ही सुरक्षा के मानकों का भी पालन कराना है। विस्थापितों व प्रभावित ग्रामीणों को सीसीएल के सीएसआर मद से विकास योजनाओं के साथ ही बिजली, पानी, चिकित्सा, शिक्षा आदि का लाभ दिया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महाप्रबंधक ने कहा कि माइंस के विस्तारीकरण के लिए कारो, बरवाबेड़ा, व दरगाह मुहल्ला को जल्द से जल्द अन्यत्र शिफ्ट कराने की दिशा में पहल की जा रही है। प्रतिदिन के उत्पादन का जो लक्ष्य है, उसे प्राप्त करने की दिशा में गंभीरता से कार्य किया जा रहा है। विस्थापितों की जमीन से ही कोयला उत्पादन होता है, इसलिए सीसीएल प्रबंधन विस्थापितों को वाजिब अधिकार देने के प्रति पूरी तरह गंभीर है। सभी के सहयोग से ही बी एंड के प्रक्षेत्र निर्धारित उत्पादन लक्ष्य कि ओर तेजी से बढ़ रहा है। मौके पर सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र के एसओपी राजीव कुमार, परियोजना पदाधिकारी दिनेश गुप्ता एवं सेफ्टी आफिसर एसके झा सहित एसीसी सदस्यों में टीनू सिंह, गणेश महतो, विजय भोई, मधुसूदन भट्टाचार्य आदि मौजूद थे।