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    झारखंड नई शराब नीति लागू होने के बाद हर दिन हो रहे विवाद, दुकानदार करते हैं मनमानी

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 09:58 AM (IST)

    झारखंड में नई शराब नीति के तहत दुकानें निजी हाथों में जाने के बाद विवाद बढ़ रहे हैं। बेरमो कोयलांचल में ग्राहकों और दुकानदारों के बीच हाथापाई की घटनाएं आम हैं अक्सर अधिक कीमत वसूली को लेकर। कई दुकानों में केवल नकद भुगतान स्वीकार किया जा रहा है जिससे यूपीआई भुगतान में दिक्कतें आ रही हैं।

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    झारखंड नई शराब नीति लागू होने के बाद हर दिन हो रहे विवाद

    मुकेश कुमार महतो, बेरमो (बोकारो)। प्रदेश में नई शराब नीति के तहत शराब दुकानें पिछले दो सप्ताह से संचालित हो रही हैं। इस बार दुकानों को निजी हाथों में सौंपा गया है। लेकिन आबकारी की नई नीति-निर्देशों के दुकानों तक अब तक नहीं पहुंचने से आए दिन शराब दुकानों में ग्राहकों और दुकानदारों के बीच विवाद के साथ हाथापाई की खबरें आ रही हैं।

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    पिछले दो सप्ताह में ही एक दर्जन के करीब ऐसे मामले सिर्फ बेरमो कोयलांचल की आस पास की शराब दुकानों से आ चुके हैं। बात सिर्फ विवाद तक ही नहीं रह रही है, खून खराबे तक भी पहुंच जा रही है।

    शराब दुकानों के खुलने के साथ ही फुसरो स्थित एक दुकान में प्रिंट रेट से काफी ज्यादा पैसे लेने पर पहले तो ग्राहक और दुकानदार के बीच विवाद हुआ। मामला इतना ज्यादा बढ़ गया कि दुकानदार ने ग्राहक के सिर पर बोतल से हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। अब तक वह अस्पताल में भर्ती है।

    घटना को लेकर थाना में मामला भी दर्ज कराया गया है। दो दिन पहले ही तेलो स्थित दुकान में भी ग्राहक और दुकानदार के बीच बहस के बाद मारपीट हो गई। जिसमें दो लोग घायल हुए। चंद्रपुरा थाना पुलिस ने पहुंचकर मामले को शांत कराया।

    कुछ दिन पहले ही कथारा स्थित शराब दुकान में भी ग्राहक और दुकानदार के बीच जमकर धक्का मुक्की हुई। वहां भी बोकारो थर्मल थाना इंस्पेक्टर ने पहुंचकर मामले को संभाला। ऐसे कई मामले पिछले दो सप्ताह में नावाडीह, गोमिया, फुसरो से आ चुके हैं।

    फसाद की जड़ है आधी अधूरी तैयारी के साथ दुकानों का संचालन

    जानकारी के अनुसार विवाद की जड़ आबकारी विभाग की आधी अधूरी तैयारी और शराब दुकान मालिकों की जल्दबाजी है। दुकान खुले दो सप्ताह हो गए हैं लेकिन संचालकों के पास न तो शराब की कीमत की सूची आई है और न ही नई शराब नीति के तहत शराब की बोतलों में प्रिंट रेट लिखा गया है।

    जिस कारण ग्राहकों से प्रिंट रेट से 20 रुपए से लेकर 100 रुपए अधिक की वसूली की जा रही है। दुकानदारों का कहना है कि यह विभाग का ही आदेश है।

    सिर्फ कैश से ही हो रही बिक्री, ऑनलाइन पेमेंट लेने की मनाही

    दूसरी वजह यह है कि अधिकतर दुकानों में नकद पैसे से ही शराब बेची जा रही है। कई दुकानों में तो ओनली कैश पेमेंट का बोर्ड भी लगा हुआ है। ऐसे में ग्राहक यूपीआई पेमेंट नहीं कर पा रहे, जिसके बाद विवाद बढ़ रहा है।

    कई ग्राहकों ने आरोप लगाया कि मनमानी तरीके से वसूली करने की वजह से कैश पैसा ही लिया जा रहा है। इसका कारण पूछने पर भी कोई दुकानदार कुछ भी बताने से इनकार कर रहा है। कई जगह से यह भी शिकायतें आ रही हैं कि कैश नहीं होने पर यूपीआई करने के लिए 20 रुपए और ज्यादा लेकर शराब बेची जा रही है।

    जबकि विभाग का सख्त आदेश- बोर्ड व रेट लिस्ट जरूर हो

    जबकि विभाग का सख्त आदेश है कि कोई भी दुकान बगैर रेट लिस्ट व दुकान के नाम का बोर्ड लगाए बगैर नहीं खोले जा सकते हैं। लेकिन यहां की लगभग सभी शराब दुकानों में रेट लिस्ट तो नहीं लगी है।

    इसके अलावा कई दुकानों में दुकान के नाम का बोर्ड भी अब तक नहीं लग सका है। कथारा में हुए विवाद के बाद पहुंची पुलिस ने बोर्ड व लिस्ट लगाने के बाद ही दुकान को खोलने का आदेश दिया। तब तक के लिए दुकान को बंद रखने की बात कही।

    एमआरपी से अधिक लेते पकड़े गए तो एक लाख तक जुर्माना

    जानकारी के अनुसार वर्तमान में पुराने एमआरपी वाली शराब भी निर्धारित नए दर पर बिक रही है। संभावना है कि संशोधित एमआरपी वाली शराब की बोतलें आने में कुछ समय लग सकता है।

    हालांकि नई शराब नीति में प्रावधान है कि पहली बार एमआरपी से अधिक कीमत पर शराब बेचते पकड़े जाने पर 50 हजार जुर्माना, दूसरी बार में 75 हजार व तीसरी बार में एक लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। इसके बाद भी पकड़े जाने पर दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

    बिना किसी रेट लिस्ट या दुकान के नाम का बोर्ड लगाए बगैर शराब दुकान का संचालन नहीं होना चाहिए। दुकानों का निजीकरण किया गया है इसका ये मतलब नहीं कि विभाग सब कुछ देखता रहे। ग्राहकों के साथ बदतमीजी या अवैध तरीके से पैसे लेना सही नहीं है। ऐसे है तो दुकानदारों के साथ मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - योगेंद्र प्रसाद, उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री