Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शहीद खुदीराम बोस की याद में की गई जनसेवा

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 03 Dec 2021 07:44 PM (IST)

    गोविदपुर (बेरमो) बोकारो थर्मल स्थित सबस्टेशन चौक के समीप शुक्रवार को नेताजी समाज कल्याण स

    Hero Image
    शहीद खुदीराम बोस की याद में की गई जनसेवा

    गोविदपुर (बेरमो) : बोकारो थर्मल स्थित सबस्टेशन चौक के समीप शुक्रवार को नेताजी समाज कल्याण संघ की ओर से शहीद खुदीराम बोस की याद में जनसेवा की गई। यहां उनकी जयंती मनाकर जरूरतमंदों को कपड़े दिए गए और बच्चों को लेखन सामग्री दी गई। संघ के संचालक तपेश्वर ठाकुर ने दर्जनों जरूरतमंदों को कंबल, शाल, चादर, मफलर, टोपी आदि देने के साथ ही बच्चों के बीच कलम, कापी, पेंसिल, रबर आदि वितरित की।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने बताया कि शहीद खुदीराम बोस का जन्म तीन दिसंबर-1889 को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के हबीबपुर ग्राम में हुआ था। उनके पिता का नाम त्रैलोक्यनाथ बोस और माता का नाम लक्ष्मीप्रिय देवी था। उनके सिर से मां-पिता का साया कम उम्र में ही हट गया था। इसलिए उनका लालन-पालन बड़ी बहन ने किया था। उनके मन में देशभक्ति की भावना इतनी प्रबल थी कि स्कूल के दिनों से ही राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू कर दिया था। नौवीं कक्षा के बाद ही पढ़ाई छोड़कर जंग-ए-आजादी में कूद पड़े थे।

    खुदीराम बोस ने क्रांतिकारी जीवन सत्येन बोस के नेतृत्व में शुरू किया था। मात्र 16 साल की उम्र में उन्होंने पुलिस स्टेशन के पास बम रखकर कई सरकारी कर्मचारियों को निशाना बनाया था। वहीं, छह दिसंबर-1907 को उन्होंने नारायणगढ़ रेलवे स्टेशन पर बंगाल के तत्कालीन गवर्नर की विशेष ट्रेन पर हमला किया था। 30 अप्रैल 1908 को खुदीराम बोस ने बिहार के मुजफ्फरपुर में मजिस्ट्रेट किग्स्फोर्ड की बग्घी पर बम फेंका था। उस आरोप में अंग्रेजी हुकूमत की पुलिस ने गिरफ्तार कर 11 अगस्त-1908 को उन्हें मात्र 18 वर्ष की उम्र में फांसी दे दी थी।