चिरायु का आशीर्वाद लेने से पहले काल ने झपटा
बहादुरपुर उम्र तो बचपन की थी लेकिन बच्चा होशियार था। कोरोना से बचाव को सरकार की

बहादुरपुर : उम्र तो बचपन की थी, लेकिन बच्चा होशियार था। कोरोना से बचाव को सरकार की गाइडलाइन से वाकिफ था। लिहाजा, उसने सार्वजनिक तौर पर होली न खेलने का बड़े से वादा लिया। सांझ ढले छोटे ने बड़े भाई से कहा भइया हम लोग बाजार से अबीर-गुलाल लेकर आते हैं। मम्मी-पापा को अबीर लगाकर आशीर्वाद लेंगे। दोनों भाई साइकिल लेकर घर से कुछ दूर स्थित दुकान के लिए निकले। पिता दुर्गा से कहा कि पापा पांच मिनट में हम दोनों आ रहे हैं, लेकिन होनी को शायद यह मंजूर नहीं था। काल को भी भय था कि बच्चे चिरायु का आशीर्वाद माता-पिता से पा गए तो वह कुछ नहीं कर पाएंगे। लिहाजा, घर आई हादसे की खबर, जिसमें छोटा बेटा काल कवलित हो गया, तो बड़ा गंभीरावस्था में बीजीएच में इलाजरत है।
कसमार के बगदा निवासी दुर्गा के दो बेटे 11 वर्षीय अनूप रंजन व नौ वर्षीय आशीष रंजन थे। हादसे में मृत आशीष छोटा था, लेकिन अपने व्यवहार के चलते सभी का प्यारा था। यही वजह थी कि गांव में जैसे ही हादसे की खबर आई कोहराम मच गया। होली के पर्व को लेकर लोगों के घर में पकवान बन रहे थे। महिलाओं ने चूल्हे बुझा दिए। किसी ने रोटी का एक निवाला भी नहीं लिया। लोगों ने खाना तक फेंक दिया।
-बच्चों को अच्छी शिक्षा दे अफसर बनाना चाहता हैं दुर्गा-पेशे से चालक व किसान दुर्गा महतो खुद गरीब हैं। वह अपने दोनों बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर अफसर बनाना चाहते हैं। बच्चे भी पढ़ने में अच्छे हैं। दोनों बगदा मध्य विद्यालय में पढ़ते हैं, जिस छोटे बेटे आशीष की मौत हुई वह पांचवीं का छात्र था। हर वर्ष वह अपने कक्षा में प्रथम आता था। पिता अपने बेटे की इसी उपलब्धि से उत्साहित थे। लगभग दो लाख रुपये पिता अपने दोनों बेटों को नवोदय विद्यालय में नामांकन कराने के लिए जमा कर रखे थे। -बीजीएच पहुंचे एसपी व विधायक-- घायलों का हाल जानने के लिए बीजीएच में गोमिया विधायक लंबोदर महतो, एसपी चंदन कुमार झा, पुलिस मेंस एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष राकेश पांडेय समेत अन्य पहुंचे। घायलों को हर संभव मदद का भरोसा मिला। इधर पूरे मामले में कमलेश महतो, उपेंद्र महतो, कविता कुमारी, संगीता देवी सहित कई ग्रामीणों का चोट लगी है।
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