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    Lugu Buru Festival 2025: आदिवासियों की आस्था और भक्ति का दिखा अनोखा संगम, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्नी कल्पना संग अर्पित की श्रद्धा

    By Rajnish Prasad Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Wed, 05 Nov 2025 03:27 PM (IST)

    लुगु बुरु स्टेट फेस्टिवल 2025 संताल आदिवासियों की आस्था और भक्ति का अद्भुत प्रदर्शन है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भागीदारी इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बनाती है। यह त्योहार संताल संस्कृति की समृद्धि और विविधता को दर्शाता है, जो समुदाय की परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत को संजोए रखने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।

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    लुगू बुरू राजकीय महोत्सव में स्मृति चिह्न प्रदान करते मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और साथ में उनकी पत्नी कल्पना सोरेन। (फोटो-जागरण)

    जागरण संवाददाता, बेरमो (बोकारो)। झारखंड के बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड स्थित ललपनिया में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय लुगू बुरु घांटाबाड़ी धोरोम गाढ़ राजकीय महोत्सव- 2025 के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन शामिल हुए।

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    मुख्यमंत्री सोरेन ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ पुनाय थान में पारंपरिक विधि- विधान से लुगू बुरु बाबा की पूजा- अर्चना कर राज्य की सुख- समृद्धि, खुशहाली एवं शांति की कामना की। मुख्यमंत्री ने यहां भगवान बिरसा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी  श्रद्धांजलि।

    लुगू बुरू संतालियों का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। इसे संताल आदिवासियों का कुंभ भी कहा जाता है। मंगलवार सुबह से ही यहां आस्था और भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। देश-विदेश से पहुंचे श्रद्धालुओं की भीड़ लुगूबाबा के दर्शन के लिए उमड़ पड़ी है।

    प्रशासनिक आंकड़ों के अनुसार अब तक दो लाख से अधिक श्रद्धालु पहाड़ की चढ़ाई कर बाबा के दर्शन कर चुके हैं। पुनाय थान परिसर में सुबह से लंबी कतारें लगी रहीं, जहां श्रद्धालु पारंपरिक गीतों और नृत्यों के माध्यम से अपनी भक्ति व्यक्त कर रहे हैं।

    महोत्सव के दौरान टेंट सिटी परिसर में दिशोम गुरु शिबू सोरेन की स्मृति में विशेष प्रदर्शनी लगाई गई है, जिसमें उनके जीवन, संघर्ष और झारखंड आंदोलन के ऐतिहासिक क्षणों को दर्शाया गया है। युवा वर्ग इससे प्रेरणा ले रहा है।

    इसके साथ ही दिशोम गुरु की स्मृति में निःशुल्क खिचड़ी सेवा भी जारी है, जिसका संचालन जिला प्रशासन बोकारो और सोना सोबरन मेमोरियल सोसाइटी द्वारा किया जा रहा है। श्रद्धालु लुगूबाबा के दर्शन के बाद प्रसादस्वरूप खिचड़ी ग्रहण कर रहे हैं।