दवा सेवन के बाद समस्या हो तो फाइलेरिया के लक्षण
सात से 12 मार्च तक जिले में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के तहत चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर गुरुवार को कैंप-दो स्थित एएनएम ट्रेनिग सेंटर में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर सेविका एवं सहायिका के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

जागरण संवाददाता, बोकारो: सात से 12 मार्च तक जिले में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के तहत चलने वाले फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर गुरुवार को कैंप-दो स्थित एएनएम ट्रेनिग सेंटर में आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, सेविका एवं सहायिका के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर जिला मलेरिया पदाधिकारी डा. रेणु भारती ने बताया कि बोकारो जिले के करीब 24.41 लाख लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा देने का लक्ष्य रखा गया है। गर्भवती महिला, बुजुर्ग, बीमार व्यक्तियों और दो साल से कम छोटे बच्चों को छोड़कर सभी को डीईसी और एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। यह दवा खाली पेट नहीं देनी है। दवा खाने के बाद किसी व्यक्ति को सिर दर्द, शरीर में दर्द बुखार, उल्टी व खुजली जैसी कोई समस्या आती है तो इसका मतलब है कि उस व्यक्ति के अंदर फाइलेरिया के लक्षण हैं।
बताया कि सात मार्च को बूथ पर एवं आठ से 12 मार्च तक घर-घर जाकर स्वास्थ्य कर्मी दवा की खुराक देंगे। कहा कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है। यदि समय पर इसका इलाज नहीं हुआ तो यह काफी कष्टदायक हो जाता है। बीमारी कई सालों बाद उभर कर आती है। फाइलेरिया जैसी घातक बीमारी को फैलाने वाले परजीवी रात में सक्रिय होते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आशीष कुमार, अतीश मिश्रा, अनिल कुमार हेस्सा, सुरेश प्रसाद, शैलेश कुमार पाठक, नीतू देवी, मनोज कुमार, सुनीता कुमारी, रेणु कुमारी, ममता रानी, प्राणेश्वरी किस्कू, सदानंद दत्ता, ठाकुर दास महतो उपस्थित थे।
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