बारिश के साथ गिरे ओले, फसलें बर्बाद
जागरण टीम बेरमो बेरमो कोयलांचल में शुक्रवार को मौसम का मिजाज बिगड़ गया। दोपहर के

जागरण टीम, बेरमो : बेरमो कोयलांचल में शुक्रवार को मौसम का मिजाज बिगड़ गया। दोपहर के बाद बारिश के साथ ओले गिरे। हालांकि मौसम में तब्दीली गुरुवार की देर रात मेघ गर्जना के साथ बारिश होने से ही आ गई थी। सुबह होने पर भी आसमान पर बादल छाए रहे। दिन में कुछ देर के लिए एक-दो बार सूर्य के दर्शन हुए। फिर पूरे आकाश पर बादलों की चादर तनी रही। बोकारो थर्मल स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बादलों के बाद सुबह बेरमो क्षेत्र का न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस और दोपहर में अधिकतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस था। वहीं दोपहर करीब तीन बजे के बाद बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से यहां का पारा लुढ़ककर 10 डिग्री सेल्सियस हो गया। -सड़क पर बिछ गई बर्फ की चादर : बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से फुसरो बाजार की मुख्य सड़क पर बर्फ की चादर बिछ गई थी। दूर-दूर तक ओले पसरे थे। हालांकि तेज बारिश की जद से ओले कुछ देर में ही पिघल गए। बच्चों ने ओले गिरने के नजारे का खूब लुत्फ लिया। वहीं, युवक-युवतियों ने सेल्फी ली। देर शाम तक रुक-रुककर बारिश होती रही। बारिश होने के दौरान सड़कों पर मोटरसाइकिलों व राहगीरों का आवागमन लगभग थम गया था। दोपहर से देर शाम तक रुक-रुककर बारिश होने के दौरान फुसरो नगर के वार्ड नंबर 22 स्थित बाटागली और वार्ड-21 के रहीमगंज में पुराना बड़ा नाला का जलस्तर बढ़ गया, जिससे घरों में पानी प्रवेश करने की आशंका को लेकर लोग परेशान रहे। लोग अपने घर में नीचे रखे सामानों को ऊपर रखने में जुटे रहे। ताकि बारिश का पानी घर में घुसने पर सामानों को बर्बाद होने से बचाया जा सके। -ग्रामीण क्षेत्रों में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त बेरमो कोयलांचल के शहरी इलाके के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी ओलावृष्टि व बारिश होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। सड़क पर जलजमाव हो जाने से आवागमन करने में लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ा। बारिश के साथ ओलावृष्टि होने से घर से बाहर निकले लोग जहां-तहां फंस गए और वर्षा रुकने का घंटों इंतजार करते रहे। खेत-खलिहान में पानी भर गया, जिससे खेत में लगी विभिन्न फसलों को नुकसान पहुंचा। ओलावृष्टि से फसलों को पहुंचा नुकसान : ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा। चंद्रपुरा प्रखंड अंतर्गत पपलो ग्राम के किसान रामटहल महतो ने बताया कि उनके खेत में लगी गोभी, टमाटर, झींगा, मटर व कद्दू की फसल बर्बाद हो गई। तारानारी के किसान हीरालाल महतो ने बताया कि लगभग साढ़े तीन एकड़ जमीन में लगी टमाटर की फसल ओले की मार से बर्बाद हो गई। वहीं, तारानारी के ही किसान बेनी महतो ने बताया कि उनके खेत में लगी प्याज, पालक, टमाटर व आलू की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। उन किसानों ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि ओले और बारिश से हुए नुकसान का सर्वेक्षण कराकर किसानों को क्षतिपूर्ति दी जाए। बाक्स जिन किसानों के खेत में बारिश का पानी भर गया है, वह अपने खेत से अविलंब पानी की निकासी करें। जो भी फसल क्षतिग्रस्त हो गई है, उसकी फोटोग्राफी करा लें, ताकि कृषि विभाग के अधिकारियों को ओलावृष्टि व बारिश से हुए नुकसान के बारे में प्रमाण के साथ अवगत कराया जा सके।
- बबलू सिंह, बीटीएम, चंद्रपुरा प्रखंड
---------------------------- जाड़े के मौसम में होने वाली बारिश का स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए मौसम बिगड़ने पर लापरवाही ठीक नहीं। यह बारिश लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए लोगों को इस तरह की बारिश में भीगने से बचना चाहिए।
- डा. नीतीश कुमार, केंद्रीय अस्पताल ढोरी

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