फुटबॉलर सह आजसू नेता अजय व तीरंदाज पत्नी एंजला दोषी करार
Footballer and ajsu leader Ajay singh. अदालत ने हथियार बरामद होने के मामले में फुटबॉलर सह आजसू नेता अजय सिंह व उसकी पत्नी को दोषी करार दिया है।
जागरण संवाददाता, बोकारो। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम रंजीत कुमार की अदालत ने एक कारबाइन, तीन पिस्टल व गोलियां बरामद होने के मामले में फुटबॉलर सह आजसू नेता अजय सिंह व उसकी तीरंदाज पत्नी एंजला सिंह को दोषी करार दिया है। अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई की तारीख 10 अप्रैल की निर्धारित की है। इस मामले में अभियोजन का पक्ष अदालत में अपर लोक अभियोजक संजय कुमार झा ने रखा।
पुलिस को बीते वर्ष 14 फरवरी की शाम यह सूचना मिली थी कि सेक्टर नौ स्ट्रीट 4 के पास सुनील कुमार नामक युवक की हत्या हो गई है। यहीं पर अमरेश कुमार सिंह नामक युवक को गोली लगी है। अमरेश गोली लगने से घायल हुआ है और इसे इलाज के लिए बोकारो जनरल अस्पताल पहुंचाया गया है। बताया गया कि पुलिस जब यहां पहुंची तो जानकारी मिली कि हत्याकांड व जानलेवा हमला की घटना को फुटबॉलर अजय सिंह ने अंजाम दिया है। फुटबॉलर आर्म्स सप्लायर भी है। इसके घर की तलाशी लेने पर आर्म्स बरामद हो सकता है।
इसी सूचना पर 15 फरवरी की सुबह सवा चार बजे पुलिस अजय के सेक्टर नौ ए स्ट्रीट 1 स्थित आवास में पहुंची। तलाशी लेने पर आलमारी व चौकी के नीचे रखा असलहा बरामद हुआ था। बरामदगी के समय अजय की पत्नी एंजला भी आवास में ही मौजूद थीं। यहां से एक कारबाइन, तीन पिस्टल, 13 गोलियां बरामद हुई थीं। बरामद गोलियों में कुछ प्रतिबंधित थीं। पूरे मामले की प्राथमिकी तत्कालीन हरला थाना इंचार्ज राजेश कुजुर के बयान पर दर्ज हुई थी। पुलिस असलहा बरामद होने के मामले में पति और पत्नी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
हत्याकांड व जानलेवा हमला में हो चुका है फुटबॉलर रिहाः पुलिस
हत्याकांड व जानलेवा हमला के मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की तो दूसरी प्राथमिकी अवैध असलहा बरामद होने के मामले में दर्ज की गई। हत्याकांड व जानलेवा हमला के मामले में फुटबॉलर अजय दोष सिद्ध न होने पर बीते तीन माह पहले रिहा हो चुका है। गैर कानूनी असलहा बरामद होने के मामले का विचारण चल रहा था।
17 फरवरी को किया था कोर्ट में सरेंडर
हत्याकांड, जानलेवा हमला व असलहा बरामद होने के बाद अजय सिंह फरार हो गया था। पत्नी एंजला को असलहा बरामद होने के मामले में पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेजी थी। घटना के बाद फरार अजय 17 फरवरी को कोर्ट में सरेंडर किया था। पुलिस इसके बाद रिमांड पर लेकर पति-पत्नी दोनों से पूछताछ की। पुलिस ने पूछताछ के बाद बताया था कि अजय बीएसएल का टेंडर मैनेज करने के लिए हथियार खरीदा था।