पंचायतों का बढ़ा कार्यकाल, ग्राम प्रधान के साथ उप मुखिया व उपाध्यक्ष भी रहेंगे पावर में
बोकारो बोकारो के पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल अगले चुनाव होने तक बढ़ गया है। इसका र ...और पढ़ें

बोकारो : बोकारो के पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल अगले चुनाव होने तक बढ़ गया है। इसका रास्ता 16 जुलाई को ही विधि विभाग ने साफ कर दिया था। उसी आलोक में मंगलवार को पंचायत राज विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है। संभावना है कि इस आदेश के आलोक में उपायुक्त भी जिलादेश जारी करें। विदित हो कि 16 जुलाई राज्य सरकार के विधि विभाग में कोरोना महामारी का हवाला देते हुए झारखंड पंचायती राज अधिनियम 2001 से संबंधित संशोधन अध्यादेश जारी कर किया था। सरकार के जारी अध्यादेश में पंचायती राज अधिनियम की धारा 24 की उप धारा चार के बाद नई उप धारा पांच को जोड़ा गया था। महामारी के कारण जिसमें ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन के लिए निर्वाचन संपन्न कराना संभव न हो तो राज्य सरकार उस ग्राम पंचायत के संबंध में आगामी निर्वाचन पूर्ण होने तक की अवधि के लिए निर्णय ले सकेगी। इसके बाद अगले चुनाव तक पंचायत राज संस्थाअेां का कार्यकाल बढ़ा दिया गया है।
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क्या हुआ है एक्ट में संशोधन : इसी प्रकार धारा 42 और धारा 57 में एक-एक उपबंध जोड़े गए हैं। पंचायती राज अधिनियम की धारा 107 के बाद उपबंध छह जोड़ा गया था। उसे लेकर पंचायती राज विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। खास बात यह है कि अब उप मुखिया, उप प्रमुख व उपाध्यक्ष भी पावर में आ गए हैं। पूर्व में वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मुखिया के स्थान पर ग्राम प्रधान का नया पद बनाया गया था। इसी प्रकार प्रमुख को ब्लाक प्रमुख व जिप अध्यक्ष को जिला परिषद का प्रधान का पद दिया गया था। संशोधित आदेश में उप मुखिया, उप प्रमुख, उपाध्यक्ष भी पावर में रहेंगे। यह विस्तार चुनाव होने तक होगा। वर्तमान में जिले के 249 पंचायत, नौ प्रखंड तथा जिला परिषद में कार्यकारी समिति काम कर रही है। 23 जनवरी को जिले के सभी पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। जिले में जिला परिषद के 31, पंचायत समिति के 294, 249 मुखिया तथा 2958 वार्ड सदस्य हैं। माना जा रहा है कि अवधि विस्तार का रास्ता प्रशस्त हो गया है। सरकार अब निर्णय ले सकेगी।
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27 जुलाई तक था समितियों का कार्यकाल :
इस वर्ष जनवरी माह में पंचायतों के पांच वर्ष के कार्यकाल पूरा होने के कारण। समिति बनाकर पंचायतों का कार्यकाल संचालित करने का निर्णय लिया था पर पंचायती राज अधिनियम के तहत नव गठित समितियों का कार्यकाल छह माह निर्धारित था। इसी आलोक में 28 जनवरी 2021 को उपायुक्त बोकारो ने जिले के पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर समितियों का गठन किया था। इन समितियों का कार्यकाल 27 जुलाई को समाप्त हो गया था। इसके बाद उपायुक्त ने पूरे जिले की समिति को भंग कर दिया था।
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बोकारो में पंचायत प्रतिनिधियों से संबंधित आंकड़े
क्रम संख्या--प्रखंड --जिप सदस्य --पंसस --मुखिया- वार्ड सदस्य -- कुल
1. गोमिया--5-46-36--36-462-549
2. बेरमो -2--20-19--201--242
3. नावाडीह--3--28--24--275--330
4. चंद्रपुरा --3--26--23--265--317
5. पेटरवार ---3--26--23--264--316
6. कसमार---2--18---15--182--217
7. जरीडीह--2--21--17--210--250
8. चास--6--63--54--636--759
9. चंदनकियारी---5--46--38--463--552
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वर्जन :
सरकार का निर्णय स्वागतयोग्य है। इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम बधाई के पात्र है। कोरोना की तीसरी लहर में गांव की सरकार बनी रहे और गांव का विकास नहीं रूके । इसके लिए चुनाव तक वैकल्पिक व्यवस्था बनी रहनी चाहिए। सरकार से मांग करता हूं कि गठित समिति के पदधारकों को सुविधा भी देने का निर्णय लेना चाहिए। ताकि वह काम कर सकें।
हीरालाल मांझी, उपाध्यक्ष जिला परिषद बोकारो

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