घर तोड़े, फसल रौंदी, जख्मी किया... बोकारो में हाथियों ने जमकर मचाया उत्पात, दाने-दाने को मोहताज हुआ परिवार
बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड में हाथियों ने लोधी और कंडेर पंचायत में भारी उत्पात मचाया। कंडेर में एक महिला जख्मी हो गई जबकि कई घरों और फसलों को नुकसान पहुंचा। लोधी के बरतुआ और बनचतरा गांव में भी हाथियों के झुंड ने कई घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया और खाद्यान्न चट कर गए।

संवाद सहयोगी, गोमिया/ललपनिया। बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड के लोधी और कंडेर पंचायत में बुधवार अहले सुबह हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान कंडेर में एक महिला को बुरी तरह जख्मी कर दिया।
वहीं कई घरों व फसलों को नुकसान पहुंचाया। वहीं लोधी के बरतुआ व बनचतरा गांव में जंगली हाथियों के एक झुंड ने जमकर तांडव मचाया और कई घरों को निशाना बनाकर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया।
हाथी के हमले से घायल महिला। फोटो जागरण
घर के अन्दर रखे खाद्यान्न आदि चट कर दिए। बनचतरा गांव निवासी विधवा महिला छोटकी देवी ने कहा कि वे रात अपनी दो बेटियों खुशबु मरांडी व पानो मरांडी के साथ घर में सोई थी, तभी हाथियों का एक झुंड उसके घर तक आ गया और बारी में लगे फसलों को रौंदने लगा।
हाथी ने फसल को रौंदा । फोटो जागरण
आवाज से जब उनकी नींद खुली तो जान बचाने के लिए मिट्टी के खपरैल मकान से निकल भागे और पड़ोस के ही एक पक्का मकान के छत पर शरण लिया।
हाथियों ने सबकुछ कर दिया बर्बाद
उन्होंने बताया कि हाथियों ने उनके घर की दीवार को तोड़ दिया और अन्दर घुसकर एक कमरे के पक्के मकान में सुराख़ कर घर के अन्दर रखे 30 किलोग्राम चावल व 25 किलो गेहूं सहित सब्जियों को खा गया।
हाथियों ने घरों को बनाया निशाना। फोटो जागरण
कहा कि अब उनके समक्ष खाने पीने के लाले पड़े हैं और घर टूटने से आर्थिक नुकसान भी हुआ है। आनंद मरांडी पत्नी बिरंती टुडू के घर को क्षतिग्रस्त कर दिया और दो कुर्सियां भी हाथियों ने तोड़ डाली।बारी में लगी मकई की फसल को रौंद दिया और घर में रखे अनाज को चट कर दिया।
जिनुन मरांडी पत्नी खुशबु मांझी ने बताया कि उनके केले की फसल को हाथियों ने बर्बाद कर दिया और दरवाजा को क्षतिग्रस्त कर दिया, तो वहीं खिड़की को तोड़कर अंदर रखे चावल-सब्जी आदि को बाहर निकालकर खा गये।
बड़ी मुश्किल से बची जान
बड़ी मुश्किल से घर से बाहर निकल कर गांव वालों को बुलाया, जिसके बाद बड़ी मशक्कत कर ग्रामीणों द्वारा हाथी को भगाया गया।
मोतीलाल मांझी ने कहा कि रातभर वन विभाग के पदाधिकारियों को फोन किया लेकिन कोई झांकने तक नहीं पहुंचा। उन्होंने बताया कि देर रात पांच लीटर डीजल लाकर जूट के बोर फाड़कर आग लगाकर ग्रामीणों की मदद से हाथियों को खदेड़ा गया।
उन्होंने बताया कि बरतुआ गांव में सहदेव गंझू के घर की खिड़की तोड़कर खाद्यान्न को खा गये, वहीं जीतन गंझू के भी घर को निशाना बनाया है और खाद्यान्न को चट कर गया।
मुआवजे की मांग
उन्होंने विभाग पर लापरवाही का आरोप लगते हुए भुक्तभोगियों ने प्रशासन एवं वन विभाग से मुआवजे की मांग की। कहा कि गांव वाले हाथियों के आतंक से इधर काफी त्रस्त हैं।
इन दिनों हाथियों के आतंक से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आए दिन यहां जंगली हाथी उत्पात मचा रहे हैं। खेत में लगी फसल सब्जी को तहस-नहस कर दिया है।
सबसे दुखद बात यह है कि हाथियों के खौफ से ग्रामीणों को निजात दिलाने के लिए वन विभाग कोई सार्थक पहल नहीं कर रहा है, जिससे ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति काफी रोष है।
फ़िलहाल जंगली हाथियों का झुंड कपसा स्थान के समीप जंगल को अपना ठिकाना बनाए हुए हैं। जिसमें दो बच्चे भी शामिल हैं।
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