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    जनता मजदूर संघ के आंदोलन से बैकफुट पर सीसीएल प्रबंधन

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 01 Sep 2021 08:43 PM (IST)

    जनता मजदूर संघ (जमसं) के आंदोलन से बुधवार को सीसीएल प्रबंधन ने यूटर्न लिया। जमसं के प्रतिनिधियों से प्रबंधन ने वार्ता कर समस्याओं पर बातचीत की। ...और पढ़ें

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    जनता मजदूर संघ के आंदोलन से बैकफुट पर सीसीएल प्रबंधन

    जनता मजदूर संघ (जमसं) के आंदोलन से बुधवार को सीसीएल प्रबंधन ने यूटर्न लिया। जमसं के प्रतिनिधियों व सदस्यों ने सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र की कोनार-खासमहल परियोजना का चक्काजाम कर जब कोयले का संप्रेषण ठप कर दिया, तब लगभग तीन घंटे बाद परियोजना प्रबंधन ने वार्ता कर मांगों का निराकरण करने का आश्वासन दिया। तब जाकर यह आंदोलन समाप्त हुआ। इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए जनता मजदूर संघ के दर्जनों प्रतिनिधि व सदस्य झंडा व बैनर लेकर सुबह छह बजे से ही सड़क पर उतर गए थे। साथ ही, परियोजना के कांटाघर को बंद कराकर कोल ट्रांसपोर्टिंग में लगे एक भी डंपर को चलने नहीं दिया। तब जाकर सुबह लगभग 10 बजे परियोजना प्रबंधन हरकत में आया और खासमहल पिट आफिस में परियोजना पदाधिकारी दिनेश कुमार गुप्ता, खान प्रबंधक अनिल कुमार तिवारी एवं एसओपी मनोरंजन सिंह ने जनता मजदूर संघ के बीएंडके क्षेत्रीय सचिव ओमप्रकाश सिंह उर्फ टीनू सिंह से वार्ता कर आंदोलन को समाप्त करने का आग्रह किया। साथ ही आश्वासन दिया कि जनता मजदूर संघ की ओर से दिए गए छह सूत्री मांगपत्र के आलोक में दस दिनों के भीतर वार्ता की जाएगी। -मांगपत्र में कई ज्वलंत मुद्दों को किया गया शामिल : जनता मजदूर संघ के बीएंडके क्षेत्रीय सचिव ओमप्रकाश सिंह ने बताया कि उनकी यूनियन के छह सूत्री मांगपत्र में क्षेत्र के कई ज्वलंत मुद्दों को शामिल किया गया है। उनमें मुख्य रूप से बरवाबेड़ा ग्राम की सड़क की मरम्मत करना, खासमहल लोकल सेल के लिए कोयले का आफर भेजना। क्षेत्र के हैवी ड्राइविग लाइसेंस प्राप्त एवं बेरोजगार युवकों को ट्रेनिग दिलाकर आउटसोर्सिग कंपनी में रोजगार देना आदि मांग शामिल हैं। बताया की परियोजना प्रबंधन को पूर्व में ही मांगपत्र सौंपा गया था। उसके बाद वार्ता के लिए प्रबंधन ने आमंत्रित किया था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया तो चक्काजाम आंदोलन करने का निर्णय लिया गया था। लगभग तीन घंटे तक आंदोलन चलने के बाद परियोजना प्रबंधन ने लिखित रूप से आश्वस्त किया कि बेरोजगारों को आउटसोर्सिंग में रोजगार देने सहित अन्य मांगों को पूरा किया जाएगा। तब जाकर चक्काजाम आंदोलन को समाप्त कर दिया गया। मौके पर असंगठित मजदूर संघ के खासमहल शाखा अध्यक्ष गुलाम जिलानी व सचिव मो. इस्लाम सहित संतोष कुमार, मनोज सिंह, मो. सनाउल्लाह, मो. जहीर, गणेश महतो, मो. जमीरुद्दीन, भरत पासवान, अब्दुलहकीम खान, मो. फिरोज, मो. कादिर, मो. आबिद, मो. अशरफ, मो. इसरार, मो. साकिर आदि उपस्थित थे। -आंदोलन विफल करने में जुटे रहे राकोमसं के पदाधिकारी : जनता मजदूर संघ के चक्काजाम आंदोलन को विफल करने में इंटक रेड्डी गुट से संबद्ध राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (राकोमसं) के पदाधिकारी जुट रहे। राकोमसं के पदाधिकारियों ने खासमहल परियोजना पहुंचकर कामगारों को कार्य करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही कोल ट्रांसपोर्टिंग में लगे डंपरों को परिचालित कराने का प्रयास किया। इस संबंध में पूछे जाने पर राकोमसं के बीएंडके क्षेत्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह से ने कहा कि उनकी यूनियन की जनता मजदूर संघ के आंदोलन के प्रति सहमति नहीं थी। इसलिए राकोमसं के प्रतिनिधियों ने उस आंदोलन का विरोध किया।इससे पहले जब संयुक्त ट्रेड यूनियन की ओर से हड़ताल की गई थी, तब जनता मजदूर संघ के लोगों ने दिखावे के लिए साथ रहते हुए प्रबंधन से मिलीभगत कर हड़ताल का विफल करने का प्रयास किया था। जनता मजदूर संघ के आंदोलन को विफल करने को राकोमसं के सुबोध सिंह पवार, जयनाथ तांती, अभय सिंह, गोपाल मंडल, सनत रजक, राजन कुमार आदि सक्रिय थे।

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