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    Bokaro Townhall का बदला नाम, झारखंड आंदोलनकारी दिशोम गुरु को दिया गया सम्मान

    By Birendra Kumar Pandey Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Sun, 09 Nov 2025 08:21 AM (IST)

    बोकारो टाउन हाल अब शिबू सोरेन स्मृति भवन के नाम से जाना जाएगा। यह निर्णय झारखंड आंदोलन में शिबू सोरेन के योगदान को सम्मान देने के लिए लिया गया है, जिनका बोकारो से गहरा संबंध रहा है। स्थानीय नागरिकों ने इस फैसले का स्वागत किया है, उनका मानना है कि यह नई पीढ़ी को झारखंड के इतिहास की याद दिलाएगा। नगर एवं आवास विभाग जल्द ही औपचारिक घोषणा करेगा।

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    बोकारो स्थित नवनिर्मित टाउनहाल। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, बोकारो। झारखंड के बोकारो जिले में स्थित प्रतिष्ठित बोकारो टाउन हाल का नाम अब शिबू सोरेन स्मृति भवन कर दिया गया है। यह बदलाव राज्य के नगर एवं आवास विभाग ने किया है।

    नगर एवं आवास विभाग द्वारा निर्मित इस भवन का नामकरण झारखंड आंदोलन के प्रणेता, दिशोम गुरु और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. शिबू सोरेन के नाम पर किया गया है, जिसे बोकारो के लिए ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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    स्व. शिबू सोरेन का बोकारो से गहरा नाता रहा है। झारखंड राज्य निर्माण आंदोलन के दौरान बोकारो कई ऐतिहासिक सभाओं, जनांदोलनों और रैलियों का केंद्र रहा, जिसमें गुरुजी की नेतृत्वकारी भूमिका अहम थी। उनका निधन 4 अगस्त, 2025 को हुआ था।

    जनजातीय अधिकार, भूमि संरक्षण, विस्थापन विरोध और सामाजिक न्याय की लड़ाई में उनके अतुलनीय योगदान को सम्मान देते हुए यह निर्णय लिया गया। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक थे और वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता थे।

    स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों और राजनीतिक दलों ने इस फैसले का हार्दिक स्वागत किया है। उनका मानना है कि झारखंड की अस्मिता, संघर्ष और पहचान के प्रतीक शिबू सोरेन के नाम पर शहर के प्रमुख भवन का नामकरण नई पीढ़ी को राज्य के गौरवशाली इतिहास, आंदोलन और बलिदानों की स्मृति दिलाएगा।

    इससे युवाओं में आदिवासी संस्कृति और अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। जानकारी के अनुसार, नगर एवं आवास विभाग शीघ्र ही नाम परिवर्तन की औपचारिक घोषणा करेगा।

    पट्टिका अनावरण समारोह आयोजित होगा, जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई वरिष्ठ नेता, अधिकारी और झामुमो कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन बोकारो की सांस्कृतिक धरोहर को मजबूत करेगा।