डेढ़ करोड़ के लूट कांड में गिरफ्तार फुलेंद्र का भाई है दारोगा, जेल से धमकी के बाद घटना को दिया अंजाम
बोकारो में आस्था ज्वेलर्स में हुई डकैती के मामले में सीआरपीएफ दारोगा का भाई फुलेंद्र कुमार गिरफ्तार हुआ है। उसने बताया कि वह पटना में देवा से मिला और अविनाश श्रीवास्तव की धमकी के बाद डकैती में शामिल हुआ। डकैती के बाद भागते समय उसकी बाइक खराब हो गई जिसके बाद वह होटल में रुका और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

अरविंद, बाेकारो। बीते माह की 23 तारीख को चास के बाई पास रोड स्थित आस्था ज्वेलर्स में हुई डेढ़ करोड़ के सोने की डकैती के मामले में घटना के सात दिन बाद गिरफ्तार 33 वर्षीय फुलेंद्र कुमार उर्फ अक्षय ने कई खुलासा किया है।
वह सीआरपीएफ के दारोगा रमेश सिंह बाद छोटा भाई है। इसका एक और भाई नरेंद्र बिहार पुलिस में एएसआई है। दाउदनगर औरंगाबाद बिहार का रहने वाला आरोपित के पिता धर्मदेव सिंह भी सेवानिवृत पुलिस कर्मी हैं। पुलिस गिरफ्त में आए आरोपित ने अपने बारे में यह जानकारी दी है।
इसने पुलिस को बताया है कि वह 2015 में पटना बेउर महाबीर कॉलोनी में एक भाड़े के आवास में रहकर पढ़ाई करता था। इस मोहल्ले में विक्की किराना दुकान से वह राशन लेता था। इसी दुकान पर करण उर्फ देवा भी सामान लेने आता था। देवा से यहीं पर पहचान हुई।
दोनों साथ क्रिकेट भी खेलते थे। पटना की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी रोहतक से बीटेक की पढ़ाई करने गया था पर पूरा नहीं हो सका। वह वर्तमान में दिल्ली की एक बिल्डर कंपनी में काम करता था।
मई माह में वह अपने भाई की शादी में औरंगाबाद आया था। भाई की शादी में वह अपने पुराने दोस्त करण उर्फ देवा को भी बुलाया था। दो जून को देवा ने फोन कर धनबाद में लीलोरी स्थान घुमाने चलने को कहा। 12 जून को वह अपने साथियों के साथ लिलोरी स्थान घुमाने आया और गहना दुकान की रेकी कर 13 जून को सभी लौट गए।
22 जून को धनबाद में आकर ठहरे थे सभी, 23 को डाला डाका
फुलेंद्र के अनुसार 22 जून को उसके साथ कुल नौ लोग डकैती की योजना को अंजाम देने के लिए पटना से धनबाद एक बार व दो बाइक से पहुंचे। लिलोरी स्थान पर रुकने का प्लान था लेकिन वहां कोई रुकने का ठिकाना नहीं होने की वजह से वह लोग धनबाद के तोपचांची स्थित पंजाबी ढाबा चले गए।
यहां वह लोग रुके। देवा उसका एटीएम कार्ड ले लिया था। इसी को लेकर उससे उसका विवाद हुआ। वह झगड़ा कर पटना जाने लगा। उसकी जेब में एक बाइक की चाबी रह गई थी। उसे फोन कर चाबी देने के लिए देवा ने बुलाया। वह वापस लौटा तो सभी लिलोरी स्थान पहुंच चुके थे।
यहां पर बेउर जेल से कुख्यात अविनाश श्रीवास्तव से देवा ने फोन से बात कराई। अविनाश ने उसे धमकी देते हुए कहा कि अगर वह डकैती की घटना को अंजाम देने नहीं गया तो जान से मार दिया जाएगा। जेल में बंद अविनाश श्रीवास्तव की डकैती की योजना बनाया था और वह देवा समेत अन्य के माध्यम से इसे अंजाम दिलवाया।
बकौल फुलेंद्र जेल में बंद अविनाश की धमकी के बाद वह डाका डालने चला गया। डकैती की घटना को अंजाम देने के बाद वह पल्सर बाइक से धनबाद लिलोरी स्थान अकेले भाग गया।
लिलोरी स्थान पर हो गई बाइक खराब, धनबाद स्टेशन के पास अप्सरा होटल में ठहरा
आरोपित फुलेंद्र ने बताया है कि वह बोकारो में टोला प्लाजा पार कर पल्सर बाइक से सीधे लिलोरी स्थान पहुंच गया। यहां पर बाइक का इंजन खराब हो गया। वह बाइक को यहीं पर अर्ध निर्मित ईंटा के दुकान में खड़ी कर दिया।
ऑटो से वह इसके बाद धनबाद रेलवे स्टेशन आया। स्टेशन के बगल में अप्सरा होटल में रात छह सौ रुपये फोन पे से भुगतान कर रहा। अगले दिन वह होटल छोड़कर इधर-उधर रहने लगा।
लिलोरी स्थान के दबोचा गया आरोपित
एक जुलाई को फुलेंद्र धनबाद के लिलोरी स्थान पर खराब पल्सर बाइक को लेने गया था। पल्सर बाइक जहां खड़ी थी वहां चास थाना पुलिस नजर रखे हुई थी। बाइक के पास पहुंचते ही फुलेंद्र दबोच लिया गया। पुलिस ने इससे पूछताछ के बाद बुधवार को जेल भेज दिया था।
इसके पहले पुलिस ने इस मामले में रौशन सिंह, राहुल पटेल उर्फ डायमंड, नितेश कुमार, प्रिंस कुमार, आदित्य राज और मुसाफिर हवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
इनके पास से सात लाख रुपये के गहने बरामद हुए थे। लूटे गए बाकी गहने व हथियार डकैतों के साथी गोलू व देवा लेकर फरार हो गए। पुलिस अब इनकी गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही है।
इसके बाद वह आकर अन्य आरोपितों के साथ डाका डाला। डाका डालने के बाद वह पल्सर बाइक से निकला और लिलोरी स्थान पहुंच गया। यहां बाइक खराब हो गई तो एक झोपड़ी नुमा जगह पर बाइक खड़ी कर धनबाद के अप्सरा होटल चला गया।
इस होटल में रात भर छह सौ रुपये फोन पे से देने के बाद अगले दिन निकल गया। इसके कुछ दिन बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।