पैन कार्ड मामले में बोकारो विधायक श्वेता सिंह की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, BJP ने की जांच की मांग
बोकारो विधायक श्वेता सिंह पैन कार्ड और वोटर आईडी को लेकर विवादों में हैं। पूर्व विधायक बिरंची नारायण ने उन पर चुनाव में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है और राज्यपाल से शिकायत की है। बीजेपी ने भी इस मामले की जांच की मांग की है। श्वेता सिंह के पति संग्राम सिंह ने आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि वे कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार हैं।
जागरण संवाददाता, बोकारो। रांची के विधायक सीपी सिंह, पूर्व विधायक बिरंची नारायण और भाजपा के अन्य नेताओं ने राजभवन में शनिवार को झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार से मुलाकात की।
उन्होंने राज्यपाल को एक ज्ञापन दिया। इस ज्ञापन के माध्यम से पूर्व विधायक बिरंची नारायण ने कहा है कि बोकारो की विधायक श्वेता सिंह ने 2024 विधानसभा चुनाव में बीएसएल, एचएससीएल पूल में दस-बारह वर्ष पूर्व आवंटित क्वार्टर से संबंधित सूचना को छिपाया।
इस संबंध में जानकारी मिली है कि उन्होंने उस आवंटित क्वार्टर का किराया भी बकाया रखा है। नियमत: शपथ पत्र में नो ड्यूज सर्टिफिकेट संलग्न करना होता है, जो उन्होंने जानबूझ कर नहीं दिया। इस प्रकार श्वेता सिंह ने गलत जानकारी शपथ पत्र के रुप में नोटरी पब्लिक से सत्यापित करके प्रस्तुत किया। यह एक गंभीर अपराध है।
उन्होंने कहा गया कि विधायक श्वेता सिंह के पास वर्तमान में चार वोटर आईडी कार्ड हैं। यह भी एक गंभीर अपराध है। आखिर एक व्यक्ति चार जगह से मतदाता कैसे हो सकता है। इसी प्रकार उनके पास दो पैन कार्ड हैं। यही पैन नंबर उन्होंने विधानसभा चुनाव 2024 के नामांकन फार्म में भरा है।
सवाल उठता है कि जब पहले से उनके नाम पैन कार्ड था, जो उन्होंने दूसरा पैन कार्ड क्यों और किन परिस्थितियों में बनवाया, यह जांच का विषय है।
ऐसा प्रतीत होता है कि निश्चित रुप से आधार कार्ड में भी जरूर छेड़छाड़ हुआ होगा। यह भी जांच का विषय है। इसलिए यथाशीघ्र संपूर्ण मामले की जांच कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाए।
पूर्व विधायक अर्धज्ञानी, महामहिम को कर रहे बदनाम
बोकारो विधायक श्वेता सिंह के पति संग्राम सिंह ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जिस पार्टी का झंडा पूर्व विधायक ढो रहे हैं उसका सिंबल भी उनके पिता स्व. समरेश सिंह की देन है। पूर्व विधायक अपने हार का गम बर्दास्त नहीं कर पा रहे हैं।
1 जुलाई 2023 को वैसे सभी पैन कार्ड निरस्त हो गए जो कि आधार लिंक नहीं थे। श्वेता सिंह 2015 से अब तक एक ही पैन पर रिटर्न फाइल कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि रही बात वोटर कार्ड का हटाने का तो प्रत्येक वर्ष में मतदाता पुनरीक्षण किया जाता है। एक वोटर कार्ड के अलावा कोई और नहीं है। यदि है तो संबंधित बूथ लेबल कार्यकर्ता की जवाबदेही है।
पूर्व विधायक डर गए हैं, इसलिए जनता के समर्थन का उल्लंघन कर रहे हैं। यदि वे चाहते हैं कि इस प्रकार जनता काम छोड़कर व्यक्तिगत लड़ाई लड़ना तो समरेश सिंह का परिवार उनके सामने खड़ा है, जो अब तक हम लोग नहीं चाहते थे वह करना पड़ेगा। मामला अब व्यक्तिगत हो गया तो बात दूर तक जाएगी। उनके सभी आरोप का जवाब है।
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