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    दो बार कराया बंध्याकरण, फिर भी हो गए चार बच्चे; अब रोजगार दे सरकार... वृद्ध ने Jharkhand सरकार से लगाई गुहार

    By Sanjay Jha Edited By: Mritunjay Pathak
    Updated: Thu, 27 Nov 2025 08:37 PM (IST)

    Bokaro Elder Sterilization Case: झारखंड के एक बुजुर्ग व्यक्ति ने सरकार से रोजगार देने की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि दो बार नसबंदी कराने के बाद भी उन्हें चार बच्चे हो गए, जिससे परिवार का पालन-पोषण मुश्किल हो रहा है। आर्थिक तंगी से परेशान होकर उन्होंने सरकार से मदद मांगी है ताकि वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।

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    शिविर में एसडीएम प्रांजल ढांडा से बच्चों के लिए रोजगार की मांग करते गुहीराम मंडल।

    जागरण संवाददाता, चंदनकियारी (बोकारो)। Bokaro Elder Sterilization Case: झारखंड के बोकारो जिले के चंदनकियारी प्रखंड के साबड़ा पंचायत सचिवालय में आयोजित आपकी योजना–आपकी सरकार–आपके द्वार शिविर में गुरुवार को एक अनोखी और मार्मिक घटना देखने को मिली। जाराहारा गांव के 70 वर्षीय वृद्ध गुहीराम मंडल अपनी पत्नी के साथ शिविर में पहुंचे और एसडीएम प्रांजल ढांडा से ऐसी पीड़ा साझा की, जिसने वहां मौजूद अधिकारियों और ग्रामीणों को भी हैरान कर दिया।

    गुहीराम मंडल ने बताया कि उन्होंने सीमित आय और भविष्य की चिंता को देखते हुए वर्ष 1985 में सीएचसी चंदनकियारी में पत्नी का बंध्याकरण कराया था, ताकि परिवार बड़ा न हो और बच्चों के पालन–पोषण में समस्याएं न आएं। मगर आपरेशन के बावजूद उनकी पत्नी ने एक पुत्र को जन्म दे दिया। इससे परेशान होकर उन्होंने दोबारा चास में परिवार नियोजन के तहत आपरेशन करवाया, लेकिन इस बार भी एक पुत्र और एक पुत्री का जन्म हो गया।

    वृद्ध ने भावुक होकर कहा कि बंध्याकरण असफल होने पर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए थी, परंतु वर्षों तक शिकायत करने के बावजूद किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। उन्होंने कई बार उपायुक्त से लेकर जनप्रतिनिधियों तक अपनी व्यथा पहुुंचाई, मगर कोई मदद नहीं मिली। गुहीराम का कहना है कि यदि वे आर्थिक रूप से सक्षम होते तो कभी नसबंदी की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन सरकारी व्यवस्था की लापरवाही से आज उनका परिवार मुश्किल में है।

    उन्होंने एसडीएम से मांग की कि जब बच्चे सरकारी लापरवाही की वजह से पैदा हुए, तो उनके पालन–पोषण और भविष्य की जिम्मेदारी भी सरकार को निभानी चाहिए। उन्होंने अपने बच्चों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की गुहार लगाई।

    एसडीएम प्रांजल ढांडा ने उनकी बात सुनने के बाद कहा कि घटना काफी पुरानी है और अब उनके बच्चे वयस्क हो चुके हैं, जो रोजगार पाने के योग्य हैं। उन्होंने गुहीराम को आश्वस्त किया कि शिविर में लगे रोजगार स्टाल पर उनके बेटे आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि सरकार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही है, जिनका लाभ लिया जा सकता है।

    उधर, पूरे प्रखंड में सेवा का अधिकार सप्ताह के तहत भोजूडीह पूर्वी, भोजूडीह पश्चिमी, बड़ाजोर, साबड़ा, आद्राकुड़ी, फुसरो और कालिकापुर पंचायतों में शिविर का आयोजन किया गया। प्रत्येक स्थान पर कल्याणकारी योजनाओं के स्टॉल लगाए गए, जहां लोगों की समस्याएं सुनी गईं और आवेदनों का पुनरीक्षण किया गया।

    एसडीएम ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य है कि जनहित की योजनाएं सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचें। इसी उद्देश्य से 28 नवंबर तक तिथिवार शिविर जारी रहेगा। ग्रामीणों ने भी शिविर में बढ़–चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी समस्याएँ अधिकारियों के सामने रखीं।

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