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    Bokaro News: शव लेकर आई एंबुलेंस व चालकों को ग्रामीणों ने बनाया बंधक, मुआवजा मिलने पर छोड़ा

    Updated: Sun, 25 May 2025 03:42 PM (IST)

    गोमिया के रजडेरवा गांव में प्रवासी मजदूर रेशका हेम्ब्रम का शव पहुंचने पर ग्रामीणों ने मुआवजा न मिलने पर एंबुलेंस को बंधक बना लिया। मृतक की पत्नी ने कंपनी पर सहयोग न करने का आरोप लगाया। मुखिया और पंचायत सदस्यों के समझाने और संवेदक द्वारा 70 हजार और बकाया वेतन भेजने के बाद मामला शांत हुआ। कंपनी ने बीमा राशि भी जल्द भेजने का आश्वासन दिया।

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    शव लेकर आई एंबुलेंस व चालकों को ग्रामीणों ने बनाया बंधक

    संवाद सहयोगी, गोमिया। गोमिया प्रखंड के सुदूरवर्ती चुट्टे पंचायत अंतर्गत रजडेरवा गांव निवासी सह प्रवासी मजदूर रेशका हेम्ब्रम (50) का शव रविवार सुबह एंबुलेंस से पैतृक गांव लाया गया। शव पहुंचते ही गांव में कोहराम मच गया।

    एंबुलेंस और चालकों को बनाया बंधक

    वहीं, ठेका कंपनी के संवेदक की ओर से शव के साथ उचित मुआवजा राशि नहीं भेजने पर मृतक के रिश्तेदार व ग्रामीण आक्रोशित हो गए और एंबुलेंस संख्या जीजे 23एटी 6650 तथा गुजरात के दो चालक क्रमशः सुनील पटेल व विपुल पटेल को बंधक बनाकर एम्बुलेंस को वापस गुजरात लौटने से रोक दिया।

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    इस दौरान स्वजनों ने शव को भी एंबुलेंस से नहीं उतारा। घटना की सूचना पर पहुंचे पंचायत के मुखिया रियाज अहमद व पंसस अजय कुमार रविदास, बिनोद महतो, जगदीश महतो उर्फ टाइगर ने मजदूर संतोष के असामयिक मौत पर दुख जताया और आक्रोशित भीड़ को शांत कराने का प्रयास किया।

    चालक व उप चालक के साथ किसी प्रकार की मारपीट नहीं करने की अपील की। मृतक की पत्नी सोलीमुनी देवी ने बताया कि उन्हें शुक्रवार को फोन पर जानकारी मिली कि उसके पति सेटरिंग मिस्त्री रेशका की मौत हो गई है।

    शव लेकर वापस गांव आते समय कंपनी के मालिक ने उन्हें मुआवजा के रूप में न तो सहयोग राशि भेजी, न ही बकाया वेतन दिया है।

    वहीं, मुखिया रियाज अहमद ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा दो घंटे तक एंबुलेंस व चालकों को रोके जाने के बाद संवेदक द्वारा 70 हजार तथा उसका बकाया वेतन लगभग 12 हजार भेज दिया गया है।

    क्लेम पूरा होने के बाद बीमा राशि जल्द भेजने का आश्वासन दिया है। जिसके बाद कागजी कार्रवाई पूर्ण कर चालकों व एंबुलेंस को मुक्त कर दिया गया।

    मृतक के पुत्र राकेश व राजेश हेम्ब्रम सहित स्वजनों का आरोप था कि कंपनी और ठेकेदार सिर्फ शव को भेजकर अपने कर्तव्यों से भागना चाहती थी। बहरहाल गमगीन माहौल में शव का दाहसंस्कार कर दिया गया है।