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    वाटर एटीएम लगे पांच वर्ष हो गए, पर नहीं मिल पाया शीतल जल

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 14 May 2022 06:06 AM (IST)

    अमित माही ऊधमपुर शीतल जल सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने वाले वाटर एटीएम ऊधमपुर में लगे प

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    वाटर एटीएम लगे पांच वर्ष हो गए, पर नहीं मिल पाया शीतल जल

    अमित माही, ऊधमपुर :

    शीतल जल सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने वाले वाटर एटीएम ऊधमपुर में लगे पांच साल बीत गए। इस अवधि में वाटर एटीएम पर मिलने वाले पानी की दरों में तो इजाफा हो गया, मगर आज तक ये वाटर एटीएम लोगों को शुद्ध शीतल जल नहीं दे पाए। भीषण गर्मी में लोगों को इन वाटर एटीएम की सख्त जरूरत है, मगर इनके शुरू होने की कोई संभावना नहीं है।

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    वर्ष 2017 में स्थानीय निकाय की ओर से जम्मू संभाग में कई जगहों पर वाटर एटीएम लगाने के लिए मुंबई की अमरुतम कंपनी के साथ करार किया गया था। करार के तहत नगर परिषद को अमरुतम को वाटर एटीएम लगाने के लिए जगह उपलब्ध कराने के साथ इसे लगाने की अनुमति देनी थी। स्थानीय निकाय निदेशालय के निर्देशों पर ऊधमपुर नगर परिषद ने वर्ष 2017 में अमरुतम कंपनी को ऊधमपुर में तीन स्थानों नगर परिषद कार्यालय के मुख्य गेट, सैला तालाब मेटाडोर स्टैंड और एमएच चौक में वाटर एटीएम बूथ बनाने के लिए जगह उपलब्ध कराई। उसके बाद बूथ स्थापित करने का काम भी शुरू हो गया। बूथ बनाकर तैयार होने के बाद कंपनी ने एटीएम में मशीनें लगाकर उसकी टेस्टिंग भी कर ली। इसके साथ ही वाटर एटीएम की ब्रांडिग भी की, जिस पर शीतल और शुद्ध आरओ के ठंडे पानी की रेट लिस्ट भी लगाई गई। इससे सभी लोगों को जल्द ही इन वाटर एटीएम से ठंडा और आरओ का स्वच्छ पानी सस्ते दामों पर मिलने की जो उम्मीद जगी। लेकिन यह उम्मीद पांच वर्ष बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। अब भीषण गर्मी पड़ रही है। तेज धूप और भीषण गर्मी लोगों का हाल बेहाल कर उनके कंठ सुखा रही है, मगर सफेद हाथी बने ये एटीएम पांच वर्षो से आम लोगों के किसी काम नहीं आए है। अलबत्ता इस अवधि में एक रुपये में मिलने वाले 200 एमएल के पानी के एक गिलास का दाम बढ़ कर दो रुपये जरूर हो गया। लगता नहीं कि ये वाटर एटीएम आने वाले समय में शुरू हो पाएंगे, क्योंकि नगर परिषद द्वारा अनेक बार अमरुतम कंपनी के पदाधिकारियों के साथ संपर्क करने के बावजूद आज तक ये शुरू नहीं हो पाए हैं। हर बार नगर परिषद को कंपनी एक-दो हफ्ते में इनको शुरू करने की बात तो कहती रही है, मगर इसे शुरू नहीं किया।

    एमएच चौक के पास बने बूथ के बाहर आटो रिक्शा खड़े रहते हैं और नगर परिषद के बाहर बने एटीएम बूथ के बाहर फड़ी लगी रहती है। एटीएम शुरू होने से आम लोगों को मिलता काफी लाभ

    नगर परिषद ने वाटर एटीएम लगाने के लिए जिन तीन स्थानों का चयन किया था, उससे बड़ी संख्या में आम लोगों को इसका लाभ मिलता। टाउन हाल के पास नगर परिषद दफ्तर के बाहर लगे एटीएम का लाभ पास ही स्थित जिब और चनैनी रूट के मेटाडोर स्टैंड के यात्रियों के अलावा पुलिस थाना, बिजली दफ्तर, सेरीकल्चर दफ्तर, मिनी स्टेडियम, सीएमओ दफ्तर और बाजार आने वाले लोगों को मिलता, जबकि एमएच चौक पर लगे एटीएम एमएच चौक में बसों व मेटाडोरों का इंतजार करने वाले यात्रियों व अन्य शहरवासियों को फायदा देते। वहीं, सैला तालाब मेटाडोर स्टैंड में लगा एटीएम शुरू होने से सैला तालाब मेटाडोर स्टैंड के यात्रियों, स्कूलों व कालेज के विद्यार्थियों और आम लोगों को लाभ पहुंचाता। एमएच, सैला तालाब व टाउन हाल अत्याधिक व्यस्त रहने वाले इलाके हैं, जिससे गर्मी में पानी की जरूरत महसूस होने पर एटीएम का पूरा लाभ लोगों को मिलता। मगर भीषण गर्मी पड़ रही है, लेकिन एटीएम बूथ बेकार पड़े हैं। वाटर एटीएम शुरू होने से नगर परिषद की भी होती कमाई

    ऊधमपुर में वाटर एटीएम शुरू होने से नगर परिषद की कमाई भी होती, क्योंकि करार के मुताबिक वाटर एटीएम पर सस्ती दरों पर पानी उपलब्ध कराने वाली कंपनी जितना भी पानी बेचती, उसका 20 फीसद हिस्सा नगर परिषद को बतौर राजस्व देती। वाटर एटीएम शुरू होने से नगर परिषद को भी अच्छा राजस्व मिल पाता। जिसके बदले में नगर परिषद ने कंपनी को केवल एटीएम लगाने के लिए जगह आवंटित की थी। वहां पर बूथ बनाने से लेकर मशीनों को लगाने व एटीएम को संचालित करने के सभी खर्चे नगर परिषद को खुद वहन करने थे। वाटर एटीएम से पानी केवल सिक्कों को डालने पर निकलना था, इसलिए इसे हर सप्ताह या दस दिनों के बाद खोला जाना था। सिक्के जमा करने वाला लाकर दो चाबियों वाला है। एक चाबी नगर परिषद और दूसरी कंपनी के पास रहेगी। दोनों चाबियां लगाकर ताला खोलने के बाद सिक्कों की गिनती करने के बाद कुल कमाई का 20 फीसद नगर परिषद के खाते में जमा कराया जाना था, मगर न एटीएम शुरू हुए और न ही नगर परिषद को राजस्व मिला। कंपनी से कई बार संपर्क किया, पर सिर्फ आश्वासन ही मिला : जोगेश्वर गुप्ता

    नगर परिषद अध्यक्ष ऊधमपुर डा. जोगेश्वर गुप्ता ने कहा कि एटीएम लगाने का काम मौजूद नगर परिषद के गठन से पहले हो चुका था। अध्यक्ष पद संभालने के बाद दो वर्षो तक अमरुतम कंपनी के पदाधिकारियों से संपर्क साधा। हर बार जल्द शुरू करने की बात तो कही गई, मगर शुरू नहीं हुए। इसके बाद उन्होंने कंपनी के लिए काम करने वाले टिकरी के एक व्यक्ति से संपर्क कर एमएच चौक में वाटर एटीएम चलाने का प्रयास किया, मगर वह भी सफल नहीं हुआ, जिसके बाद से यह बंद पड़ा है। अमरुतम के साथ करार स्थानीय निकाय निदेशालय स्तर पर हुआ था, जिसका कोई दस्तावेज नगर परिषद के पास नहीं है। किसी समाज सेवी संस्था के सहयोग से चलाने का प्रयास किया जाएगा। यदि यह सफल नहीं हुआ तो एमएच चौक चौक और सैला तालाब में लगी मशीनों को हटाकर खाली कराया जाएगा। यदि वह किसी उपयोग में आ सके तो उनको किराये पर दिया जाएगा, अन्यथा डिस्मेंटल कर दिया जाएगा।

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