बिहार से स्केटिंग करते बाबा बर्फानी के दर्शन को निकले 16 साल के अमित, इन जगहों का भी कर चुके हैं दर्शन
16 वर्षीय अमित कुमार बिहार के जहानाबाद से स्केटिंग करते हुए बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए निकले हैं। उधमपुर में उन्होंने बताया कि यह उनकी पहली अमरनाथ यात्रा है और स्केटिंग उनका बचपन का जुनून है। अमित पहले भी स्केटिंग से केदारनाथ और वैष्णो देवी जा चुके हैं। उनका उद्देश्य सनातन धर्म को बढ़ावा देना है और उन्हें महादेव पर पूरा भरोसा है।

जागरण संवाददाता, उधमपुर। खेलने कूदने की उम्र में बिहार के जहानाबाद में रहने वाले 16 वर्ष के अमित कुमार बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए स्केटिंग करते हुए घर से अकेले निकला है। रविवार को वह उधमपुर पहूंचा और उसने बताया कि स्केटिंग करना उसका बचपन का जनून है। वह महादेव की कृपा से ही अकेले हिम्मत जुटा का पहली बार बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए श्री अमरनाथ यात्रा पर जा रहा है।
उधमपुर पहूंचने पर अमित ने बताया कि वह पहली बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए श्री अमरनाथ जा रहा है। आज उसकी यात्रा का 27वां दिन है और अगले कुछ दिनों में बाबा बर्फनी के दर्शन करने का सपना पूरा हो जाएगा। स्केटिंग तो बचपन से कर रहा हूं, लेकिन पिछले कुछ समय से स्केटिंग के जरिए कुछ अलग करने का प्रयास कर रहा है।
स्केटिंग के जरिए यात्रा करते हुए अभी तक दो बार केदारनाथ के दर्शन कर चुका हूं। इसके साथ नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में भी एक बार यात्रा कर चुका है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी की यात्रा करने का भी सौभाग्य प्राप्त का चुका हूं। हर बार यात्रा करने का अलग अनुभव रहता है। अभी तक मैंने करीब 16 हजार किलोमीटर की यात्रा स्केटिंग के जरिए कर ली है।
यात्रा करने का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म को आगे बढ़ाना और गौ माता को राष्ट्र माता बनाने का संदेश जन जन तक पहूंचाना है। यात्रा करते हुए इसका संदेश लोगों तक पहूंचाने का प्रयास कर रहा हूं। जब मैं स्केटिंग के जरिए यात्रा पर निकलता हूं तो पिता और भाई मेरी हिम्मत बढ़ाते हैं। लेकिन मां को इसकी चिंता होती है और वह मुझे रोकने का प्रयास करती है। लेकिन मैं मां को समझाता हूं कि आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि महादेव मेरे साथ है।
अमित कुमार ने कहा कि जब महादेव है तो फिर चिंता की क्या बात है। पिछले दिनों पहलगाम में हमले का भी कोई डर नहीं है, क्योंकि उसने ही मेरी रक्षा करनी है। जब यात्रा कर रहा होता हूं तो रास्ते में कोई मंदिर मिलता है, या फिर कोई गुरुद्वारा मिलता है तो वहीं पर रात गुजार लेता हूं। अब मुझे बेसब्री से केवल बाबा बर्फानी के दर्शन करने का ही इंतजार है।
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