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    Udhampur में संपन्न हुआ तीन दिवसीय Shankri Devta Mela, 90 हजार श्रद्धालुओं ने की शिव मंदिर में पूजा-अर्चना

    By Jagran NewsEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Mon, 18 Sep 2023 05:21 PM (IST)

    केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में तीन दिवसीय शंकरी देवता मेले का समापन हो गया है। पंचैरी ब्लॉक स्थित शिव मंदिर में 90 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। जिला विकास परिषद के अध्यक्ष लाल चंद ने कहा कि ऐसे मेले भाईचारे शांति और समृद्धि का संदेश फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे मेलों का संरक्षण होना चाहिए।

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    उधमपुर में संपन्न हुआ तीन दिवसीय शंकरी देवता मेला (फाइल फोटो)

    जम्मू, पीटीआई। Shankri Devta Mela जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में तीन दिवसीय शंकरी देवता मेले का आयोजन किया। तीन दिनों में 90,000 से अधिक भक्तों ने शंकरी देवता के प्राचीन मंदिर में पूजा-अर्चना की। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। पंचैरी ब्लॉक में शंकरी देवता मेला रविवार रात को संपन्न हो गया।

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    अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से 90,000 से अधिक लोग ऐतिहासिक मेले में आए और शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की। बता दें कि शंकरी देवता मंदिर मीर गांव में एक पहाड़ी पर स्थित है, जो घास के मैदानों, ऊंचे पहाड़ों और हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है।

    'शांति और समृद्धि का संदेश...'

    जिला विकास परिषद के अध्यक्ष लाल चंद और उपायुक्त सलोनी राय ने कहा कि ऐसे मेले सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों के आदान-प्रदान और भाईचारे, शांति और समृद्धि का संदेश फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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    उन्होंने कहा कि ऐसे मेलों को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

    श्रद्धालुओं ने देखे कई सांस्कृतिक कार्यक्रम

    अधिकारियों ने कहा कि तीन दिवसीय मेले में श्रद्धालुओं ने स्थानीय शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों और लोक कलाकारों द्वारा क्षेत्र की सांस्कृतिक परंपराओं को दर्शाने वाले थीम-आधारित नाटकों के अलावा लोक संगीत और नृत्य सहित उत्साहजनक प्रदर्शन देखा।

    उन्होंने बताया कि मेले में आने वाली आम जनता के लिए स्थानीय और बाहरी विक्रेताओं द्वारा लगाए गए कई विभागीय स्टॉल, अस्थायी मिठाई की दुकानें, खिलौनों की दुकानें और अन्य मनोरंजक वस्तुएं मुख्य आकर्षण थीं।

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