प्राकृतिक सौंदर्य, अध्यात्म और रोमांच... एक ही यात्रा में सबकुछ का आनंद; बर्फ से लदे पहाड़ खूब करते हैं टूरिस्ट को आकर्षित
उधमपुर में सनासर-पत्नीटाप-गौरीकुंड-सुद्धमहादेव टूरिस्ट सर्किट सैलानियों को रोमांच, मनोरंजन, अध्यात्म और तीर्थ पर्यटन का अनुभव कराता है। यहां ठहरने के ...और पढ़ें

प्राकृतिक सौंदर्य, अध्यात्म और रोमांच का सफर। फोटो जागरण
अमित माही, उधमपुर। अगर यात्रा आपके लिए सिर्फ कुछ पल बिताने के बजाए प्रकृति से संवाद, सुकून और अध्यात्म की तलाश का नाम है तो जम्मू-कश्मीर का एक अनछुआ टूरिस्ट सर्किट आपको बुला रहा है। जम्मू के उधमपुर जिला में पहाड़ों की गोद में बसा पत्नीटॉप-सनासर-सुद्धमहादेव-मानतलाई सर्किट आपको ताउम्र यादों में संजोकर रखने का एक सुखद अहसास कराएगा।
यह सर्किट उन पर्यटकों के लिए विशेष है, जो एक ही यात्रा में प्राकृतिक सौंदर्य, रोमांच, आस्था, स्वास्थ्य और योग का अनुभव करना चाहते हैं। आइए, आपको ले चलें इस अद्भुत सफर पर।
पत्नीटॉप के बर्फ से लदे पहाड़ करते हैं आकर्षित
जम्मू से करीब 100 किलोमीटर दूर और समुद्रतल से लगभग 2026 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पत्नीटॉप जम्मू क्षेत्र का सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन है। यहां का सुहावना मौसम और देवदार के घने जंगल गर्मियों में मैदानों की तपिश से राहत देते हैं।
वहीं, सर्दियों में बर्फ से लदे पहाड़ सैलानियों को अपनी ओर खींचते हैं। पूरी उम्मीद है कि इस बार भी 31 दिसंबर तक पत्नीटॉप में बर्फबारी हो जाएगा। यह स्थल फैमिली टूरिज्म, नेचर वॉक और हेल्थ टूरिज्म के लिए आदर्श है। पास ही नाग मंदिर जैसे धार्मिक स्थल इसे आस्था से भी जोड़ते हैं। यहां पर एशिया का सबसे ऊंचा गंडोला केबल कार भी है।
रोमांच पसंद करते हैं तो चलें सनासर
पत्नीटॉप से 18 किलोमीटर की दूरी पर बसा सनासर एक कप-आकार के हरे-भरे मैदान जैसा लगता है, जिसके चारों ओर ऊंचे चीड़ और देवदार के पेड़ हैं। लगभग 2050 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह जगह एडवेंचर टूरिज्म का हब मानी जाती है।
यहां पैराग्लाइडिंग, पैरासेलिंग, गोल्फ, ट्रेकिंग, नेचर वाक, शिकारा राइडिंग, हार्स राइडिंग, जिप लाइन जैसी गतिविधियां पर्यटकों को खासा आकर्षित करती हैं। युवाओं और एडवेंचर प्रेमियों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं। यहां जम्मू संभाग का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन भी है।
आस्था का संगम है सुद्धमहादेव व गौरीकुंड
पत्नीटाप से करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सुद्धमहादेव भगवान शिव के सबसे प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। देविका नदी के तट पर बसे इस धाम में शिव-पार्वती की प्राचीन प्रतिमा, नंदी और भगवान शिव का विशाल त्रिशूल श्रद्धालुओं को आस्था से भर देता है।
मान्यता है कि भगवान शिव ने इसी त्रिशूल से माता पार्वती को सताने वाले राक्षस शुद्धंत का वध किया था। उसी के नाम से इस जगह का नाम सुद्धमहादेव पड़ा। शुद्धंत की पत्थर बन चुकी अस्थियां भी मंदिर में हैं। पापनाशनी बावली के बारे में मान्यता है कि इसमें स्नान करने से पापों का नाश होता है। यहां से थोड़ी दूरी पर गौरीकुंड है। मान्यता है इस कुंड में मां पार्वती स्नान कर भगवान शिव की पूजा करती थीं।
योग, साधना और शिव विवाह की साक्षी है मानतलाई
सुद्धमहादेव से पांच किलोमीटर आगे स्थित मानतलाई देवदार के जंगलों से घिरा एक शांत आध्यात्मिक स्थल है। मान्यता है कि यहीं भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।
आज उस स्थल पर विशाल सरोवर है। इसी जगह पर प्रसिद्ध योग गुरु स्वामी धीरेंद्र ब्रह्मचारी के आश्रम को अब प्रधानमंत्री विकास पैकेज के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर के योग, वेलनेस, आयुर्वेद और मेडिटेशन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जा चुका है। इसे संचालन के लिए सौंपने की प्रक्रिया जारी है।
कैसे पहुंचें
जम्मू से ऊधमपुर की दूरी करीब 65 किलोमीटर है। ऊधमपुर में रेल और सड़क मार्ग दोनों से पहुंचा जा सकता है। यहीं से यह पूरा सर्किट शुरू होता है। आगे का सफर अपने वाहन, टैक्सी या बस से भी किया जा सकता है।
रुकने के लिए होटल, हट्स व होम स्टे भी
चार अलग तरह के पर्यटन का अनुभव कराने वाले इस टूरिस्ट सर्किट में सैलानियों के ठहरने के लिए होटल, हट से लेकर होम स्टे की सुविधाए हैं। सनासर, पत्नीटाप और सुद्धमहादेव में होम स्टे की सुविधा 500 रुपये से उपलब्ध है। इसी तरह से होटल के स्तर के मुताबिक कमरे 2000 रुपये व उससे अधिक में उपलब्ध हैं। जबकि सरकारी हट्स भी हैं, जिनको जेकेटीडीसी की बेवसाइट पर बुक कराया जा सकता है।
पत्नीटाप डेवलेपमेंट अथारिटी सानासर-पत्नीटाप-गौरीकुंड-सुद्धमहादेव मानतलाई सर्किट को विकसित कर रहा है। इस सर्किट पर सैलानी अपने बजट के मुताबिक सस्ते से लेकर लग्जरी ठहराव का अनुभव कर सकते हैं। आगे गौरीकुंड से पत्नीटाप तक पीएमजीएसवाई की रोड़ बनेगी, जिससे इस सर्किट की मौजूदा दूरी 80 किलोमीटर से घटकर करीब 60 किलोमीटर रह जाएगी। - विरेंद्र मन्याल, सीईओ पत्नीटाप डेवलेपमेंट अथॉरिटी
वास्तव में यह रोमांच, मनोरंजन, अध्यात्म एवं तीर्थ पर्यटन सर्किट एक पैकेज जैसा है। इसमें घूमने के लिए आने वाले सैलानियों को उनके मन मुताबिक पर्यटन का आनंद मिलेगा। युवा और बच्चों के लिए साहसिक पर्यटन उपलब्ध है। बुजुर्गों और बड़ों के लिए तीर्थ और अध्यात्म पर्यटन स्थल है। मनोरंजन पसंदीदा लोगों को इस पूरे सर्किट में आनंद मिलेगा। - बलवंत सिंह मनकोटिया, विधायक, चिनैनी

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