भूस्खलन से कटड़ा में भूमिका मंदिर पर खतरा
मां वैष्णो देवी के प्रथम पड़ाव यानी भूमिका मंदिर के परिसर में बीती रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन के चलते मंदिर परिसर में जगह-जगह भारी मलबा ...और पढ़ें
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संवाद सहयोगी, कटड़ा : मां वैष्णो देवी के प्रथम पड़ाव यानी भूमिका मंदिर के परिसर में बीती रात हुई मूसलाधार बारिश के कारण हुए भूस्खलन के चलते मंदिर परिसर में जगह-जगह भारी मलबा एकत्रित हो गया है। इससे मंदिर पर भी खतरा उत्पन्न हो गया है। तड़के हुई मूसलाधार बारिश के कारण मंदिर के साथ लगती पहाड़ी से एकाएक भारी भूस्खलन हो गया, जिसके कारण मंदिर की सीढि़यों और ग्रिल को काफी नुकसान पहुंचा है।
मंदिर के पुजारी शुभम शर्मा ने बताया कि मंदिर के पास ही पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा गांव दरूड़ तक सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जिसको लेकर बीती रात हुई मूसलाधार बारिश से एकाएक भूस्खलन हो गया। मंदिर की सीढि़यों के साथ हुई मंदिर परिसर जहां तक की चारों ओर पत्थर तथा उनके साथ ही मलबा आदि एकत्रित हो गया इस भूस्खलन के कारण मंदिर की सीढि़यों के साथ ही ग्रिल जहां ताकि मंदिर परिसर के संगमरमर को भारी नुकसान पहुंचा है। अगर समय रहते इस भूस्खलन को नहीं रोका गया तो इस ऐतिहासिक मंदिर पर भी खतरा मंडरा सकता है।
पीडब्ल्यूडी विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राजेश गुप्ता ने बताया कि ऐतिहासिक भूमिका मंदिर परिसर में भूस्खलन का समाचार मिला है। विभाग जल्द ही मलबा आदि हटाकर पहाड़ी के साथ ही सड़क मार्ग की मरम्मत करेगा ताकि इस ऐतिहासिक मंदिर को कोई नुकसान ना पहुंचे।
ऐतिहासिक महत्व है भूमिका मंदिर का मां वैष्णो देवी की कथा व पुराणों के अनुसार जब मां वैष्णो देवी के परम भक्त श्रीधर ने विशाल भंडारे का आयोजन किया था तो इस भंडारे में मां वैष्णो देवी को पाने के लिए भैरवनाथ भी पहुंचा। श्रीधर से मांस-मदिरा की मांग करने लगा। तब श्रीधर ने कहा कि यह भंडारा पूरी तरह से वैष्णव है। तब भैरवनाथ गुस्से में आ गए। इतनी देर में मां वैष्णो देवी ने इसी स्थान पर परम भक्त श्रीधर को कन्या के रूप में दर्शन दिया था। यहीं से वैष्णो देवी को पाने के लिए भैरवनाथ पीछे लग गया। जिस जगह पर श्रीधर को माता ने दर्शन दिया था, उसी जगह पर मंदिर है। इसे यात्रा का प्रथम पड़ाव कहा जाता है।

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