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    रियासी में बाढ़-बारिश ने छीने 39 परिवारों के आशियाने, खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर 150 लोग

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 06:18 PM (IST)

    रियासी जिले के पौनी क्षेत्र में भारी बारिश से 39 परिवार बेघर हो गए हैं। मकानों की दीवारें और छतें गिरने से करीब 150 लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। प्रशासन ने पीड़ितों को स्कूल में शरण दी है। प्रभावितों ने तत्काल राहत और पुनर्वास की मांग की है। प्रशासन नुकसान का जायजा ले रहा है और राहत कार्य जारी है।

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    रियासी में बाढ़ से 39 परिवार बेघर, 150 लोग प्रभावित (फोटो: जागरण)

    जुगल मंगोत्रा, पौनी। लगातार हो रही भारी वर्षा ने रियासी जिले के पौनी क्षेत्र के सुधीनी गांव में कहर बरपा दिया है। तेज बारिश से मकानों की दीवारें और छतें गिरने लगीं, जिससे गांव के करीब 39 परिवार पूरी तरह से बेघर हो गए।

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    अनुमानित तौर पर 150 के करीब लोग अब खुले आसमान तले जीवनयापन करने को मजबूर हो गए हैं।

    फिलहाल स्थानीय प्रशासन की तरफ से बेघर लोगों को सरकारी मिडिल स्कूल सुधीनी में शरण दी है। गांव के पूर्व पंच मोहम्मद असलम ने कहा गांव छोड़ने को मजबूर लोगों की आंखों में दर्द और मायूसी साफ झलक रही है।

    महिलाएं अपने उजड़े घरों को देखकर रो पड़ीं, जबकि बुजुर्गों ने कहा कि ऐसा मंजर उन्होंने पहले कभी नहीं देखा।

    वर्षा के साथ आई मिट्टी व मलबे ने लोगों का सामान और मवेशी तक छीन लिया। अब कुछ प्रभावित परिवार स्कूल के अलावा अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों के घरों में शरण ले रहे हैं।

    स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तुरंत राहत और पुनर्वास की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि हालात गंभीर हैं और अगर मदद नहीं मिली तो परिवारों के सामने भोजन व रहने का संकट और गहरा सकता है।

    वहीं पंचायत प्रतिनिधियों ने भी जिला प्रशासन से अपील की है कि प्रभावितों को अस्थायी आश्रय, भोजन और आर्थिक सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जाए। ग्रामीणों का दर्द साफ झलक रहा है कि उनकी मेहनत की कमाई से बने घर कुछ ही घंटों में मलबे में तब्दील हो गए।

    प्रशासनिक स्तर पर मौके का जायजा लेने और प्रभावित परिवारों की सूची बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है।

    मोहम्मद सदीक ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा “हमारा घर गिर गया, अब बच्चों को कहां लेकर जाएं समझ नहीं आ रहा। बहुत मुश्किल होता है जब अपनी मातृभूमि इस कदर छोड़नी पड़े। प्रशासन को तुरंत मदद करनी चाहिए।"

    रियाज अहमद ने कहा कि उम्रभर की कमाई एक पल में मिट्टी हो गई। कुदरत का ऐसा कहर इससे पहले कभी नहीं देखा। परिवार माल मवेशी छोड़कर दूसरी जगह पर शरण लेना बहुत मुश्किल होता है सरकार को मदद करनी चाहिए।

    गुरजा बीबी ने बताया कि घरों के अंदर रखा राशन कपड़े इत्यादि सब मलबे में दब गए, सब कुछ उजड़ गया। अगर सरकार मदद करेगी तो फिर से आशियाना बनाने में थोड़ी बहुत राहत मिलेगी।

    फातिमा बीबी ने प्रशासन से तत्काल राहत शिविर और मदद की गुहार लगाई है। तहसीलदार और पटवारी की टीमों ने मौके पर पहुंच कर स्कूल में शरण दिलाई है। खाने-पीने का प्रबंध पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा किया गया है।

    पौनी के तहसीलदार साहिल रंधावा ने कहा कि बारिश से प्रभावित परिवारों का सर्वे कराया जा रहा है। सभी बेघर हुए लोगों के लिए अस्थायी राहत शिविर की व्यवस्था की गई है। प्रभावितों को तुरंत राहत सामग्री और आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

    सुधीनी की पूर्व सरपंच नीलम रानी ने कहा कि यहां के परिवार बेहद कठिन हालात में हैं। पंचायत स्तर पर भी हम राहत पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सरकारी मदद के बिना यह संभव नहीं है। प्रशासन को तुरंत पक्का पुनर्वास प्लान बनाना चाहिए।

    स्थानीय विधायक कुलदीप राज दुबे ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधियों को निर्देश दिए हैं कि सभी प्रभावितों को अस्थायी आश्रय, राशन और मुआवजा उपलब्ध कराया जाए। राज्य और केंद्र सरकार से भी विशेष राहत पैकेज की मांग उठाई गई है।

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