Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kishtwar Cloudburst: 200 कंबल की डिमांड.. मिले सिर्फ 40, डेढ़ हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने ठंड में गुजारी रात

    Updated: Fri, 15 Aug 2025 03:26 PM (IST)

    किश्तवाड़ में चशौती त्रासदी के बाद हमोरी लंगर पर लगभग 1500 श्रद्धालु ठंड में रात बिताने को मजबूर हैं। कइयों के पास कंबल नहीं हैं और वे खुले आसमान के नीचे आग जलाकर बैठे हैं। लंगर संचालकों ने प्रशासन से कंबलों की मांग की लेकिन केवल 40 कंबल भेजे गए जो बहुत खराब थे। संचालकों ने प्रशासन पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है।

    Hero Image
    सर्द रात में श्रद्धालुओं के लिए मांगे 200 कंबल, मिले 40 वह भी ओढ़ने लायक नहीं

    जागरण संवाददाता, किश्तवाड़: चशौती त्रासदी के बाद हमोरी लंगर पर डेढ़ हजार से अधिक श्रद्धालु ठंड और असुविधा में रात गुजारने को मजबूर हैं। कुछ श्रद्धालु टेंट के नीचे तिरपालों में सिमटे हैं, जबकि अन्य खुले आसमान के नीचे आग जलाकर बैठने को विवश हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राहत कार्य में जुटे बाइकर्स भी वहीं खुले में बैठे हैं। सैकड़ों श्रद्धालुओं के पास कंबल की कमी है। हमोरी लंगर के संचालकों ने बताया कि इस समय लगभग 1500 श्रद्धालु लंगर में रुके हैं, जबकि इतनी बड़ी संख्या के लिए ठहरने की उचित व्यवस्था नहीं है। उपलब्ध कंबल श्रद्धालुओं में बांटे गए हैं, लेकिन कई श्रद्धालु बिना कंबल के रात बिताने को मजबूर हैं।

    200 कंबलों की मांग की गई

    इस स्थिति को देखते हुए मचैल तहसीलदार से 150 से 200 कंबलों की मांग की गई। लेकिन मचैल से केवल 40 कंबल भेजे गए, जो इतनी खराब स्थिति में थे कि उन्हें ओढ़ना तो दूर, बिछाना भी संभव नहीं था। कई श्रद्धालुओं ने मजबूरी में उन कंबलों को लिया। इसके अलावा, कंबल लेकर आए मजदूरों को लंगर वालों से मजदूरी लेने के लिए कहा गया।

    प्रशासन पर लापरवाही के आरोप

    लंगर संचालकों ने कहा कि मचैल में हजारों कंबल उपलब्ध हैं, लेकिन इस भीषण त्रासदी के बावजूद प्रशासन की ओर से आवश्यक संख्या में कंबल नहीं भेजना उनकी संवेदनहीनता को दर्शाता है। इस मामले में डीसी किश्तवाड़ और एसडीएम पाडर से संपर्क करने की कई कोशिश की गई, लेकिन नेटवर्क खराब होने के कारण बात नहीं हो पाई।