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    नए परिसीमन से बदल जाएगी ऊधमपुर-डोडा की सियासत, पहाड़ को मिलेगा हक, बढ़ेंगी सीटें

    By Lokesh Chandra MishraEdited By:
    Updated: Sun, 06 Feb 2022 02:54 AM (IST)

    नए परिसीमन से सबसे बड़ा असर ऊधमपुर-डोडा लोकसभा क्षेत्र की सियासत पर पड़ने वाला है। भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम ऊधमपुर किश्तवाड़ और डोडा जिले को उसका हक द ...और पढ़ें

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    परिसीमन से विकास की दौड़ में पिछड़े पहाड़ को उसका मान मिल सके।

    अनिल गक्‍खड़, जम्मू : नए परिसीमन से सबसे बड़ा असर ऊधमपुर जिले एवं ऊधमपुर-डोडा लोकसभा क्षेत्र की सियासत पर पड़ने वाला है। भौगोलिक दृष्टि से दुर्गम लेकिन महत्वपूर्ण  ऊधमपुर, किश्तवाड़ और डोडा जिले को उसका हक देने का प्रयास इस रिपोर्ट में दिखता है। यही वजह है कि तीनों जिलों में एक-एक विधानसभा क्षेत्र का इजाफा किया गया है। साथ ही विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन भी इस तरह से किया गया है कि विकास की दौड़ में पिछड़े पहाड़ को उसका मान मिल सके। ऊधमपुर जिले के पंचैरी और मोंगरी क्षेत्र को मिलाकर नया विधानसभा क्षेत्र बनाने की मांग पूरी होती दिख रही है। यह लोग 1996 से इसके लिए संघर्ष करते आ रहे थे।

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    इतना ही नहीं ऊधमपुर-डोडा लोकसभा क्षेत्र में व्यापक बदलाव का असर क्षेत्र की सियासत पर भी साफ दिखेगा। रियासी को इससे अलग कर जम्मू लोकसभा क्षेत्र में शामिल कर दिया गया है। साफ है कि क्षेत्र का आकार कम करने का प्रयास रहा पर अभी भी कठुआ से आरंभ होकर रामबन तक और उसके साथ डोडा और किश्तवाड़ जैसे पहाड़ी क्षेत्रों को नापना शायद अभी भी राजनीतिक दलों के लिए आसान कार्य नहीं होने वाला है।

    किस करवट होगी ऊधमपुर की सियासत

    ऊधमपुर जिला पैंथर पार्टी के प्रभाव वाला क्षेत्र रहा है। ऐसे में भाजपा को ऊधमपुर में अपनी सीटें बचाने के लिए कुछ अलग करके दिखाना होगा। हालांकि राममनगर सीट का आरक्षित हो जाने से पैंथर्स पार्टी का गणित गड़बड़ा सकता है।  अब परिवार को दूसरी सीट पर जाना होगा। पूर्व में चिनैनी सीट आरक्षित थी। ऐसे में यह चुनाव जिले की सियायत का भविष्‍य भी तय करने वाले हैं।

    ऊधमपुर पश्चिम से पहाड़ी क्षेत्र की मांग पूरी हुई

    क्षेत्र के लोग पहाड़ी क्षेत्र को अलग विधानसभा क्षेत्र बनाने की मांग कर रहे थे। अब ऊधमपुर पश्चिम क्षेत्र में पहाड़ी तहसीलों पंचैरी और मोंगरी को शामिल कर उन्हें प्रतिनिधित्व देने का प्रयास है। ऐसा न होने पर भाजपा को लोगों का ताप झेलना पड़ सकता था। अब ऊधमपुर पूर्व और पश्चिम के नाम से दो सीट बन गई हैं। खास बात यह है कि ऊधमपुर तहसील में दो हिस्सों में बंट गई है। मजालता को ऊधमपुर पूर्व में शामिल किया गया है।

    1996 से की जा रही पहाड़ी विधानसभा की मांग

    पहाड़ी क्षेत्र के लिए अलग विधानसभा बनाने की मांग 1996 से की जा रही है। अभी दिसंबर माह में प्रारूप पेश किए जाने के बाद क्षेत्र के लोगों ने अपने प्रतिनिधित्व की मांग पर बंद का आह्वान भी किया था।

    लांदार पंचैरी और मोंगरी इलाका ऊधमपुर और रियासी जिला की तीन विधानसभाओं में बंटा था। लांदर पंचैरी में कुल 13 पंचायतें हैं। इनमें से सात चिनैनी विधानसभा क्षेत्र, तीन ऊधमपुर और तीन रियासी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा थी। मोंगरी तहसील की सभी आठ पंचायतें रियासी विधानसभा क्षेत्र में शामिल थीं। अब विधानसभा क्षेत्र का दायरा जिले में ही सीमित रहने वाला है। ऐसे में रियासी में कोई गांव शामिल नहीं है।

    मां वैष्‍णो धाम को विधानसभा में भी पहचान

    परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार रियासी में सीटों की संख्या तो नहीं बढ़ाई गई है पर तीनों विधानसभा क्षेत्र का दायरा बदल गया है। मां वैष्णो देवी स्थल का प्रतिनिधित्व पहली बार विधानसभा में दिखेगा। कटड़ा और अन्य क्षेत्रों को जोड़कर इस धार्मिक स्थल के नाम पर अलग विधानसभा सत्र बनाया गया है। यह क्षेत्र देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र रहा है पर अब विधानसभा में उसको प्रतिनिधित्व देने की तैयारी है। इस कारण रियासी विधानसभा सीट का दायरा पूरी तरह बदल जाएगा। माहौर क्षेत्र के नाम से अलग विधानसभा क्षेत्र बनाया गया है।

    मां वैष्णो देवी विधानसभा क्षेत्र में कटड़ा तहसील शामिल रहेगी ही। इसके अलावा रियासी तहसील का कटड़ा से सटा हिस्सा और भाबर ब्राह्म्णा, भागा कोटली, कोटली बजालियां क्षेत्र शामिल रहेंगे। 2011 की जनगणना के अनुसार इस विधानसभा क्षेत्र की आबादी 73684 है। हालांकि अब यह संख्या काफी बढ़ गई है।

    किश्तवाड़ और डोडा को मिला उनका हक

    दुनिया भर में अपनी खूबसूरती के लिए विख्यात किश्तवाड़ और डोडा जिले अबतक सियासी उपेक्षा का शिकार रहे। यही कारण है कि उन्हें विकास में भी पिछड़ा रखा गया। अब दोनो जिलों में एक-एक सीट बढ़ाकर उनका सियासी प्रतिनिधित्व बढ़ाया गया है। इससे क्षेत्र की आवाज विधानसभा में उठेगी और निश्चित तौर पर इसका पिछड़ापन दूर होगा। विकास की बयार और तेजी से क्षेत्र में पहुंचेगी।

    ऊधमपुर जिला

    पहले           अब

    ऊधमपुर       ऊधमपुर पूर्व

    चिनैनी (सु)    ऊधमपुर पश्चिम

    रामनगर        रामनगर (सु)

                        चिनैनी

    किश्तवाड़ जिला

    किश्तवाड़       किश्तवाड़

    इंद्रवाल           मुगल मैदान

                         पद्दर

    डोडा जिला

    डोडा              डोडा

                         डोडा पश्चिम

    भद्रवाह            भद्रवाह

    रियासी जिला

    रियासी             रियासी

    गुलाबगढ़         श्रीमाता वैष्णो देवी

    गुल                 माहौर (सु)

    रामबन जिला

    रामबन (सु)       रामबन

    बनिहाल            बनिहाल