भारतीय किसान यूनियन ने कटड़ा रोपवे पर जताई नाराजगी, बोले- 'विकास के नाम पर पहाड़ों को खोखला कर रहा श्राईन बोर्ड'
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने कटड़ा रोपवे परियोजना पर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की आलोचना की है। बीकेयू का आरोप है कि विकास के नाम पर पहाड़ों को खोखला किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को खतरा है। उन्होंने निर्माण कार्य रोकने और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने की मांग की है।

यूनियन ने चेतावनी दी कि अंधाधुंध निर्माण से भूस्खलन का खतरा बढ़ जाएगा।
संवाद सहयोगी, जागरण, कटड़ा। भारतीय किसान यूनियन (लोकतांत्रिक) के यूपी प्रदेश अध्यक्ष अमर सिंह लोधी एवं जिला प्रभारी अशोक मौर्य ने माता वैष्णो देवी धाम की यात्रा के दौरान श्राइन बोर्ड के कार्यों पर कड़ा विरोध जताया है।
उन्होंने कहा कि “श्राइन बोर्ड अपनी मनमानी नहीं चला सकता”, क्योंकि यह यात्रा केवल किसी संस्था की नहीं बल्कि करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रतीक है।अगर रोपवे गाँडोला लगा इस इसका अंजाम श्राइन बोर्ड को भूगतना पड़ेगा।
नेताओं ने कहा कि कटड़ा पहले था, फिर श्राइन बोर्ड आया, और कटड़ा के लोगों ने ही इस यात्रा को वर्षों तक संभाला और इसकी पहचान को कायम रखा। आज वही लोग अपने हक की बात कर रहे हैं, इसलिए श्राइन बोर्ड को चाहिए कि वह जनता की आवाज़ सुने, न कि विकास के नाम पर पहाड़ों को खोखला करे।रोपवे जैसे पोरजेक्ट पर्यटक स्थल पर लगाए ना की धार्मिक स्थलों पर।
पर्यावरण और आस्था दोनों के लिए खतरा
अमर सिंह लोधी ने कहा कि श्राइन बोर्ड द्वारा विकास कार्यों के नाम पर लगातार पहाड़ों की खुदाई और संरचनात्मक बदलाव किए जा रहे हैं, जो पर्यावरण और आस्था दोनों के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा, “आस्था के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मां वैष्णो देवी की पवित्र यात्रा भावनाओं से जुड़ी है, इसे किसी व्यावसायिक परियोजना की तरह नहीं देखा जा सकता।”
उन्होंने यह भी कहा कि जो श्रद्धालु बाणगंगा, चरणपादुका, अर्धकुंवारी, हाथी मत्था, सांझीछत होते हुए मां वैष्णो देवी के दरबार पहुंचते हैं, वे थकावट के बावजूद मन की शांति और सुकून लेकर लौटते हैं। “जब मां के दर्शन होते हैं, तो सारा कष्ट मिट जाता है, वही असली भक्ति है। लेकिन अगर रास्ते और वातावरण को कृत्रिम बना दिया जाएगा, तो वह भावना खत्म हो जाएगी,” उन्होंने कहा।
उत्तर प्रदेश से किसान कटड़ा में होने वाले आंदोलन में शामिल होंगे
अमर सिंह लोधी और अशोक मौर्य ने यह भी बताया कि वे वर्ष 1994 से लगातार माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए आते रहे हैं और आगे भी आते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर श्राइन बोर्ड अपनी मनमानी पर अड़ा रहा, तो वे उत्तर प्रदेश से किसानों की एक विशेष ट्रेन भरकर कटड़ा में होने वाले आंदोलन में शामिल होंगे।
नेताओं ने साफ कहा कि श्राइन बोर्ड को जनता को साथ लेकर चलना चाहिए, क्योंकि यात्रा के संचालन में स्थानीय लोगों का योगदान और अनुभव अमूल्य है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी निर्णय में जनता की राय को नज़रअंदाज़ करना संघर्ष को जन्म देगा।
अंत में, भारतीय किसान यूनियन (लोकतांत्रिक) के नेताओं ने सरकार और श्राइन बोर्ड से अपील की कि वे विकास और आस्था के बीच संतुलन बनाए रखें। उन्होंने कहा, “माता वैष्णो देवी केवल एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा का प्रतीक है। इसे बचाना हर भारतीय का कर्तव्य है।”
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