Jammu Kashmir: ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक का बनिहाल-संगलदान खंड 20 फरवरी को खुलेगा, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
ऐसा लगता है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल संपर्क स्थापित करने का सपना पूरा होने वाला है। अब कश्मीर से संगलदानरामबन) तक ट्रेन दौड़ेगी। ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना (Udhampur Srinagar Baramulla rail link) कश्मीर को पूरे देश से रेल नेटवर्क से जोड़ने वाला एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। आज से 11 साल पहले 2013 में रेल बारामुला से बनिहाल तक पहुंची थी।

अमित माही, ऊधमपुर। कश्मीर से कन्याकुमारी तक रेल संपर्क स्थापित करने का सपना पूरा होने के करीब है। कश्मीर की तरफ से जम्मू संभाग के मुहाने पर स्थित बनिहाल ( रामबन) तक ट्रेन (Banihal Sangaldan section) पहुंचने के 11 वर्ष बाद अब यह 48 किलोमीटर और जम्मू की तरफ आगे बढ़ेगी। कमिश्नर रेलवे सेफ्टी (सीआरएस) इंस्पेक्शन के बाद अब 20 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जम्मू दौरे के दौरान इसका उद्घाटन करने वाले हैं।
इसके बाद केवल 56 किलोमीटर के हिस्से में ही ट्रेन चलाना शेष रहेगा। मौजूदा वर्ष के मध्य तक सूमचे देश का कश्मीर से रेल संपर्क स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना (Udhampur Srinagar Baramulla rail link) कश्मीर को पूरे देश से रेल नेटवर्क से जोड़ने वाला महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। प्रधानमंत्री की ओर से झंडी दिखाते ही श्रीनगर से चलने के बाद ट्रेन का अंतिम स्टेशन अब बनिहाल की जगह संगलदान बन जाएगा।
इन दोनों स्टेशनों के बीच दो और स्टेशन खड़ी और सुंबड़ भी होंगे। तीन दिन के बाद यात्री श्रीनगर से चल कर संगलदान तक का सफर ट्रेन से कर सकेंगे। रेल परिचालन के लिए तैयार बनिहाल-खड़ी-सुंबड-संगलदान रेल खंड का निर्माण 15863 करोड़ की लागत से हुआ है।
11 वर्ष पूर्व 2013 में रेल बारामुला से बनिहाल पहुंची थी। अब आगे संगलदान तक रेल परिचालन शुरू होने से स्थानीय लोगों को काफी फायदा और सुविधा होगी। साथ ही पर्यटन भी बढ़ेगा।
48 में से 43 किमी से अधिक सफर सुरंगों के बीच
बनिहाल से संगलदान तक 48 किलोमीटर रेल का सफर सुरंगों के बीच है। इस खंड पर 11 बड़े, चार छोटे व एक ओवरहेड पुल है। इस हिस्से में देश की लंबी 12.75 किलोमीटर सुरंग सहित कुल 11 सुरंगें हैं।
सभी की लंबाई 43.37 किलोमीटर है। यानि इस हिस्से में रेल का 90 फीसद सफर सुरंगों के बीच तय होगा, जो बेहद रोमांचकारी होगा।
30.1 किलोमीटर लंबी एस्केप टनल
सुरक्षा और बचाव के लिए इस रेल खंड पर तीन एस्केप टनल बनाई गई हैं, जिनकी लंबाई 30.1 किलोमीटर है। इसके अतिरिक्त इस खंड में 30 मोड़(कर्व) है, जिनकी लंबाई 23.72 किलोमीटर है।
यात्रियों की सुरक्षा व आराम को और बढ़ाने के लिए गिट्टी रहित (ब्लास्ट लेस) ट्रैक व ‘कैन्टेड टर्नआउट्स जैसी कई उन्नत सुविधाओं को रेलवे ने पहली बार शामिल किया है। निगरानी के लिए सीसीटीवी व अत्याधुनिक सुरंग-सुरक्षा के साथ वेंटिलेशन और अग्निशमन प्रणाली शामिल हैं।
खुलेंगे संभावनाओं के नए द्वार
यह 48 किलोमीटर का सफर चिनाब क्षेत्र के दूरदराज के क्षेत्रों में संभावनाओं के नए द्वार खोलेगा। यह ट्रेन बनिहाल से रामबन के खड़ी, सुंबड़ और संगलदान तक जाएगी। इसी सफर में रेलवे की बड़ी सुरंग भी है। साथ ही खड़ी और सुंबड़ में खूबसूरत वादियां हैं।
यूएसबीआरएल परियोजना एक नजर में
कुल लंबाई- 272 किलोमीटर l रेल परिचालन हो रहा : 161 किलोमीटर l पहला चरण पूरा : काजीगुंड-बारामुला रेल खंड (118 किलोमीटर) अक्टूबर 2009 l
दूसरा चरण : बनिहाल-काजीगुंड (18 किलोमीटर) जून 2013 l तीसरा चरण : ऊधमपुर कटड़ा (25 किलोमीटर) जुलाई 2014 अब और 48 किमी शुरू होगा रेल परिचालन : l बनिहाल से खड़ी- 14.869 किलोमीटर l खड़ी से सुंबड़-13.565 किलोमीटर l सुंबड़ से संगलदान 19.504 किलोमीटर।
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