'सुमन-के' तरीके से हाथ धोकर कोरोना से करें बचाव
यदि आप सुमन-के तरीके को हाथ धोते समय ध्यान में रखें तो कोरोना वायरस के खतरे को 90 फीसद तक कम किया जा सकता। यह बात शनिवार को डीसी ऊधमपुर दफ्तर के कांफ्रेंस हाल में मीडिया के लिए आयोजित वर्कशॉप में कोरोना वायरस के बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त जिला के नोडल अधिकारी डॉ. मोहम्मद यासीन मलिक ने दी।
जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : यदि आप सुमन-के तरीके को हाथ धोते समय ध्यान में रखें तो कोरोना वायरस के खतरे को 90 फीसद तक कम किया जा सकता। यह बात शनिवार को डीसी ऊधमपुर दफ्तर के कांफ्रेंस हाल में मीडिया के लिए आयोजित वर्कशॉप में कोरोना वायरस के बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त जिला के नोडल अधिकारी डॉ. मोहम्मद यासीन मलिक ने दी।
डॉ. यासीन ने कहा कि कोरोना वायरस से का सबसे बढि़या तरीका बार बार हाथ धोते रहना हैा। केवल हाथ धोने मात्र से कोरोना वायरस के खतरे को 85 फीसद तक कम किया जा सकता है। लोग पानी और साबुन लगा कर हाथ तो धोते हैं, मगर ज्यादातर लोग हाथ धोने का सही तरीका नहीं अपनाते। इसके दो कारण होते हैं या तो लोगों को सही तरीका पता नहीं होता या पता होने के बावजूद याद नहीं रहता।
उन्होंने कहा कि हाथ धोने का तरीका आसानी से याद रहे, इसके लिए इसे (एसयूएमएएन-के) सुमन-के का नाम दिया है। हाथ धोते समय 'सुमन-के' तरीके को याद रखें। उन्होंने कहा कि स का मतलब, पहले सीधे हाथ धोएं, उ का मतलब उलटी तरफ से हाथ धोएं, म का मतलब मुट्ठियों को अंदर से धोएं, अ का मतलब अंगुठों को धोएं, न का मतलब दोनों हाथों के नाखून हथेलियों पर रगड़ कर साफ करें और के का मतलब है कलाई को साफ करें। सभी शब्दों को जोड़ कर इसे 'सुमन-के' का नाम दिया है। यह हर किसी को आसानी से याद रहेगा।
उन्होंने बताया कि 'सुमन-के' तरीके से जितनी बार हो सके हाथ धोएं। हर बार हाथ 20 से 40 सेकेंड तक साबुन के साथ मल कर धोएं। कुछ भी खाने से पहले हाथ जरूर धोएं। बाहर से लौटने पर हाथों को अच्छी तरह साफ करें। उन्होंने कहा कि केवल मात्र हाथ धोने की आदत डाल कर ही कोरोना के खतरे को 90 फीसद तक कम किया जा सकता है।
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