Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चीन सीमा पर जम्‍मू की फौजी बिटिया और उसकी महिला टीम का दिखा जलवा, पुलों की देखरेख का जिम्‍मा निभा रही

    By Lokesh Chandra MishraEdited By:
    Updated: Mon, 31 Jan 2022 09:51 AM (IST)

    पौनी के गांव भारख की रहने वाली सेना मेें कैप्टन सानिया हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में तैनात हैं। एक सप्ताह के भीतर उन्हें एक महिला टीम के साथ अपने सेक् ...और पढ़ें

    Hero Image
    जम्मू की बेटी वायरल जज्बे से भरी तस्वीरों ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं में जोश भर दिया है।

    जुगल मंगोत्रा, पौनी : जम्मू की बेटी सानिया राजपूत इन दिनों अरुणाचल प्रदेश की सरहदी क्षेत्रों में सड़क संपर्क सुचारु करने के एक बड़े मिशन में जुटी है। इंटरनेट मीडिया में वायरल उसके जज्बे से भरी तस्वीरों ने जम्मू-कश्मीर के बच्चों से लेकर युवाओं में जोश भर दिया है। अरुणाचल में चीन सीमा से सटे क्षेत्रों में पुलों की देखरेख और मरम्मत का जिम्मा उसके पास है। सीमावर्ती क्षेत्रों में पुल सेना के आवागमन के लिए अहम होते हैं। वहीं सेना मेंं कैप्टन सानिया की काबिलियत पर माता-पिता गर्व महसूस कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जम्मू संभाग के रियासी जिले के पौनी के गांव भारख की रहने वाली सेना मेें कैप्टन सानिया हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में तैनात हैं। एक सप्ताह के भीतर उन्हें एक महिला टीम के साथ अपने सेक्टर के किसी एक स्थान पर सिंगल बेली ब्रिज को डी-लान्च करने का चुनौतीपूर्ण कार्य दिया गया। भारतीय इतिहास में यह पहली बार था कि महिलाओं की एक टीम इस ऑपरेशन को कर रही थी क्योंकि बेली ब्रिज डी-लॉन्चिंग कोई आसान काम नहीं था। पुल के हिस्से भारी थे। उन्हें संभालने के दौरान घायल होने का खतरा भी था। इस महिला दल का नेतृत्‍व कर रही कैप्‍टन सानिया की तस्‍वीरें इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गईं। वह जोश के साथ टीम के साथ मिल पुल के ढांचे को सावधानी से हटाती दिख रही हैं। 

    कैप्टन सानिया की कमान में डी-लॉन्चिंग आपरेशन बिना किसी दुर्घटना के बड़ी सफलता थी। उन्होंने अब तक अपनी महिला टीम के साथ दो बेली ब्रिज को डी-लान्च किया है। सेना में अधिकारी के रूप में सानिया तीसरी पीढ़ी हैं। उनके पिता जगदेव सिंह चिब और माता अंजना ने बेटी को हमेशा प्रेरित किया।

    बेटी पर है गर्व

    पिता जगदेव सिंह चिब, माता अंजना का कहना है कि सानिया जिस तरह से सेना में कड़ी मेहनत और लगन से कार्य कर रही हैं उससे उन्हें गर्व है। युवा वर्ग को कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई करने के बाद सेना में भर्ती होने के लिए आगे बढऩा चाहिए, ताकि वे भी सानिया की तरह परिवार और देश का नाम रोशन कर सकें।

    क्या होते हैं बैली ब्रिज :

    बैली ब्रिज आपातकालीन स्थिति में बनाए जाते हैं। यह ब्रिज टेंपरेरी बेस पर बनाए गए होते हैं जिन्हें एक से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किया जा सकता है। आपात स्थिति में यह सेना की मूवमेंट को आसान बना देते हैं। अब टेंपरेरी बेस पर बनाए गए इन पुलों पर लगे सभी उपकरणों को खोल कर दूसरी जगह पर बनाए जाने वाले पुलों में प्रयोग किया जाएगा।