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    छोटी उम्र में अनन्या अपनी मखमली आवाज से बनी आम से खास

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 23 Oct 2019 06:32 AM (IST)

    अमित माही ऊधमपुर तीन साल की उम्र में स्कूलों के कार्यक्रमों में गाने के साथ गायन शुरू

    छोटी उम्र में अनन्या अपनी मखमली आवाज से बनी आम से खास

    अमित माही, ऊधमपुर :

    तीन साल की उम्र में स्कूलों के कार्यक्रमों में गाने के साथ गायन शुरू करने वाली ऊधमपुर की बेटी अनन्या शर्मा ने आज महज 12 साल की उम्र में अपनी मेहनत और लगन के दम पर गायकी के क्षेत्र में नाम स्थापित कर लिया है। पिछले तीन महीनों में वह एक पंजाबी टीवी रियालिटी शो सहित दो गायन प्रतियोगिताओं की विजेता बनकर अपनी मधुर आवाज में गायकी का लोहा मनवा कर आम से खास बन चुकी है। वह प्रतिदिन औसतन दो घंटे रियाज करती है। उसने संगीत की शिक्षा जिले के ही अपने दो गुरुओं व चाचा से ली।

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    अनन्या आर्मी पब्लिक स्कूल ऊधमपुर में सातवीं कक्षा की छात्रा है। उसके पिता अरुण कौल जम्मू-कश्मीर पुलिस में हैं और ऊधमपुर जिला के पंचैरी थाना के प्रभारी हैं। गायकी के क्षेत्र में अनन्या शर्मा तेजी से चमकने वाला सितारा बन गई है। बेटियों से भेदभाव करने वाले समाज के लिए अनन्या शर्मा ने मिसाल कायम की है। बेटियां किसी से कम नहीं हैं। ठान लें तो मन चाहा मुकाम पा सकती हैं। ईश्वर केवल रास्ता दिखाते हैं, मंजिल तक पहुंचने के लिए खुद ही मेहनत करनी होती है। मेहनत और समर्पण वह शक्तियां हैं, जो कुछ भी दिला सकती हैं। सफल होना है तो जमाना क्या सोचेगा, क्या कहेगा, इसकी परवाह किए बिना लक्ष्य की ओर बढ़ने से मंजिल मिल जाती है। अनन्या कहती है कि दोनों प्रतियोगिताएं जीतने के बाद उसकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। पिता ने सिखाया है कि जितनी बड़ी जीत होती है, सबकी अपेक्षाएं भी उतनी बढ़ती हैं, उन पर खरा उतरने के लिए अभ्यास और मेहनत भी उतनी ही ज्यादा करनी पड़ती है। इसलिए वह और ज्यादा मेहनत कर रही है।

    अनन्या को गायकी का शौक बचपन से ही था। उसने तीसरी कक्षा में स्कूल में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में गाना शुरू किया और अपने स्कूल के साथ अन्य स्कूलों में हुए कार्यक्रमों में हिस्सा लेती रही। पुरस्कार मिलने से प्रोत्साहित होकर गायकी की तरफ शौक बढ़ता चला गया। उसके दादा सुंदर दास दिवान भी अच्छे गायक हैं। दादा से प्रेरित अनन्या लता मंगेश्कर को आदर्श मानती है।

    अनन्या की सफलता की उड़ान परिवार के योगदान के बिना संभव नहीं होती। उसे मनचाही मंजिल तक पहुंचाने में पिता अरुण कौल ने पुलिस की व्यस्त नौकरी में समय निकाला। अनन्या को परीक्षाओं के दौरान में भी रियाज से नहीं रोका। पढ़ाई के साथ वह गायन और खेल को भी पूरा समय दे सके, यह शेड्यूल पिता ने बनाकर दिया, जिससे वह हर काम को समय दे पाती है।

    गायकी में निखार के लिए वह अपने गुरु अरुण और लक्की सर के अलावा अपने चाचा राकेश से भी गायन की बारीकियां सीखती है। अनन्या ने सोनी के सुपरस्टार सिंगर रियालिटी सिंगिग प्रतियोगिता का ऑडिशन चंडीगढ़ में दिया। ऑडिशन में चुने जाने के बाद उसे दिल्ली बुलाया गया, मगर मौसम में बदलाव की वजह से दिल्ली में गला चोक होने के कारण वह गा नहीं पाई। इससे वह काफी मायूस हुई। इसके बाद वॉयस ऑफ पंजाब के लिए ऑडिशन हुए और उसमें चुनी गई। जीवन में पहली बार किसी रियालिटी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाली अनन्या ने अपनी मखमली आवाज का जादू चलाकर विजेता का खिताब अपने नाम किया। इस मंच पर उनके मेंटर तेजवंत किट्टू ने अनन्या से कहा कि यदि ईश्वर उनको दूसरा जन्म इंसान के रूप में दे तो अनन्या को अपनी बेटी के रूप में पाना चाहेंगे। कटड़ा नवरात्र महोत्सव में भेंट प्रतियोगिता की रही विजेता

    अनन्या ने गत सितंबर माह में कटड़ा नवरात्र महोत्सव में हुई अखिल भारतीय भेंट प्रतियोगिता में भी अपनी आवाज का जलवा दिखाया। इस प्रतियोगिता में विभिन्न राज्यों से आए दिग्गज गायकों को अपनी मखमली आवाज से पछाड़ कर इस प्रतियोगिता की विजेता का खिताब भी अपने नाम किया। इसके साथ वीनस कंपनी के साथ पा‌र्श्व गायकी का अनुबंध भी जीता। पा‌र्श्व गायन को लेकर वह काफी उत्साहित है और इसके लिए कड़ी मेहनत से तैयारी भी कर रही है।