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    Udhampur Seat: 'हम किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे, हमारे विपक्ष...', चुनाव प्रचार के बीच भाजपा उम्मीदवार जितेंद्र सिंह

    Updated: Mon, 01 Apr 2024 08:46 AM (IST)

    जम्मू कश्मीर की उधमपुर डोडा सीट पर 19 अप्रैल को वोटिंग होनी है। इस सीट से कुल 12 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। आज चुनाव प्रचार के बीच भाजपा के उम्मीदवार डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हम किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं। हमारे विपक्ष में कोई नहीं है। बता दें कांग्रेस ने यहां से लाल सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है जो दो बार सांसद रहे हैं।

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    Jammu Kashmir News: हमारे विपक्ष कोई नहीं है-जितेंद्र सिंह। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, उधमपुर। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले चुनावी रैली में केंद्रीय मंत्री और उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार डॉ. जितेंद्र सिंह ने सोमवार को कहा कि हम किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहे हैं। हमारे विपक्ष में कोई नहीं है। लेकिन यह लोगों का उत्साह है कि इतनी भीड़ इकट्ठा होती है। पीएम नरेंद्र मोदी और विकास, हर विकास कार्य 2014 के बाद हुआ है।

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    लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही जम्मू- कश्मीर में भी राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। जम्मू- कश्मीर की पांच संसदीय सीटों के लिए पांच चरणों में चुनाव होने हैं। सबसे पहले ऊधमपुर-डोडा संसदीय सीट के लिए 19 अप्रैल को चुनाव होगा। ऊधमपुर-डोडा-कठुआ संसदीय सीट पर 12 प्रत्याशी मैदान में हैं।

    इसमें भाजपा ने डा. जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) और गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) ने जीएम सरूरी को उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने इस सीट से दो के सांसद रहे लाल सिंह को उतारा है। मुकाबला 'दो सिंह' के बीच ही बताया जा रहा है।

    संसदीय चुनाव के साथ विधानसभा के चुनाव तो नहीं हो रहे हैं, इसलिए अब सारी पार्टियों का ध्यान लोकसभा चुनाव पर ही केंद्रित रहेगा। पांच सीटों के लिए चुनाव अलग अलग चरण में होने हैं। इसलिए सरकार को सुरक्षा के बंदोबस्त करने में अधिक चुनौती पेश नहीं आएगी।

    जम्मू कश्मीर में बारामुला सीट के लिए मतदान 26 मई को होना है। इसलिए मई के अंत तक चुनावी गहमागहमी बनी रहेगी। चुनाव में सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती होगी। स्टार प्रचारकों के लिए भी संसदीय क्षेत्रों में जाकर प्रचार के लिए समय रहेगा, क्योंकि चुनाव पांच चरण में हैं। ऐसे में पार्टियों को निर्धारित संसदीय क्षेत्र में अधिक समय देने का मौका भी मिलेगा।