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    मोबाइल चार्जर, रास्ता और आतंकियों से चार बार मुलाकात; पहलगाम हमले पर यूसुफ कटारी ने पूछताछ में किए बड़े खुलासे

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 06:55 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शामिल आतंकियों को मदद करने वाले एक ओवर ग्राउंड वर्कर मोहम्मद युसूफ कटारी को गिरफ्तार किया गया है। उसने आतंकियों को एक एंड्राइड फोन चार्जर दिया था जो उसकी गिरफ्तारी का अहम सबूत बना। पूछताछ में पता चला कि वह आतंकियों से कई बार मिला था और उन्हें रसद सहायता प्रदान करता था।

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    पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों से चार बार मिला था कटारी। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले में शामिल तीन आतंकियों से हिरासत में लिए गए ओवर ग्राउंड वर्कर मोहम्मद युसूफ कटारी ने चार बार मुलाकात की थी। उसने उन्हें एक एंड्राइड फोन चार्जर भी दिया था। यही चार्जर उसे हिरासत में लेने के लिए एक अहम सबूत बना।

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    26 वर्षीय कटारी को सितंबर के आखिरी सप्ताह में हिरासत में लिया गया था। उसे सुलेमान उर्फ आसिफ, जिबरान और हमजा अफगानी को महत्वपूर्ण रसद सहायता प्रदान करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ये तीन आतंकवादी हैं जिन्होंने पहलगाम में 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इनमें अधिकांश पर्यटक थे।

    कई दिनों बाद हुई थी गिरफ्तारी

    अधिकारियों ने बताया कि कटारी ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह श्रीनगर शहर के बाहर ज़बरवान पहाड़ियों में चार मौकों पर इन तीनों से मिला था। कई सप्ताह की जांच के बाद उसकी गिरफ़्तारी हुई।

    यह सफलता जुलाई में शुरू किए गए आतंकवाद रोधी अभियान ऑपरेशन महादेव के स्थल से बरामद सामग्री के फोरेंसिक विश्लेषण के बाद मिली। इस ऑपरेशन के बाद पहलगाम नरसंहार में शामिल तीन आतंकवादी मारे गए थे। यह अभियान श्रीनगर के बाहरी इलाके में जबरवान रेंज की तलहटी में चलाया गया था।

    पुलिस ने ऑपरेशन के दौरान बरामद कई वस्तुओं में से एक आंशिक रूप से नष्ट हो चुके एंड्राइड मोबाइल फोन चार्जर की जाच के बाद कटारी तक पहुंचने का प्रयास किया। श्रीनगर पुलिस ने चार्जर के असली मालिक का पता लगाया जिसने फोन को एक डीलर को बेचने की पुष्टि की। यही जानकारी पुलिस को धीरे-धीरे कटारी तक ले गई।

    आतंकियों को रास्ता दिखाने में मदद की थी

    अधिकारियों ने बताया कि कटारी जो कथित तौर पर ऊंचे इलाकों में खानाबदोश छात्रों को पढ़ाता था, आतंकी समूह का एक प्रमुख स्रोत था। माना जाता है कि उसने चार्जर मुहैया कराने और हमलावरों को दुर्गम इलाकों में रास्ता दिखाने में मदद की थी।

    आतंकवादी सुलेमान उर्फ आसिफ पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड, जिबरान अक्टूबर 2024 के सोनमर्ग सुरंग हमले से जुड़ा था और हमजा अफगानी, तीनों 29 जुलाई को ऑपरेशन महादेव के तहत एक मुठभेड़ में मारे गए।

    घाटी में आतंकवादी नेटवर्क ध्वस्त

    हालांकि अधिकारियों ने चल रही जांच का हवाला देते हुए और जानकारी देने से इनकार कर दिया लेकिन इस गिरफ्तारी को कश्मीर घाटी में सक्रिय आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

    उन्होंने संकेत दिया कि यह मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपा जा सकता है। एजेंसी पहले से ही पहलगाम हमले की साजिश की जांच कर रही है।

    एजेंसी ने 22 अप्रैल के आतंकी हमले के सिलसिले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है जिन पर आतंकवादियों को कथित तौर पर रसद सहायता और आश्रय प्रदान करने का आरोप है।