Pahalgam Attack: 'औरतों को सुहाग और बच्चों से छीना जा रहा मां का आंचल', मीरवाइज बोले- यह अमानवीय; जंग समाधान नहीं
मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त करते हुए शांति की अपील की है। उन्होंने पाकिस्तानी महिलाओं को निर्वासित करने को अमानवीय बताया और सरकार से इस नीति पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। मीरवाइज फारूक ने जम्मू-कश्मीर के लोगों से संयम बरतने और शांति के लिए प्रार्थना करने को कहा है। जंग किसी विवाद का समाधान नहीं है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। ऑल पार्टी हुर्रियत कान्फ्रेंस के चेयरमैन और अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक ने शुक्रवार को भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें उम्मीद करनी चाहिए कि दोनों मुल्कों के बीच शांति और सौहार्द का वातावरण बने, दोनों अपने सभी विवादास्पद मुद्दों को बिना युद्ध किए बातचीत के जरिए सुलझाएंगे।
आज यहां जामिया मस्जिद में नमाज जुम्मा से पूर्व अपने खुतबे में मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने कहा कि जंग किसी भी विवाद का समाधान नहीं है। उन्होंने इस अवसर पर जम्मू कश्मीर के विभिन्न भागों में ब्याह के बाद आकर बसी पाकिस्तान और पीओके जम्मू-कश्मीर की महिलाओ को निर्वासित किए जाने पर भी एतराज जताया और कहा कि यह अमानवीय है।
पाकिस्तान भेजे जाने पर मीरवाइज चिंतित
मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने आज अपने खुतबे में मौजूदा हालात का जिक्र करते हुए लोगों से संयम बनाए रखने और दोनों मुल्कों के बीच शांति व सौहार्द की बहाली की दुआ करने को कहा।
उन्होंने पाकिस्तानी नागरिकों को निर्वासित किए जाने की नीति पर पुनर्विचार करने का आग्रह करते हुए कहा कि जिस तरह से जम्मू-कश्मीर में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों के निर्वासित किया जा रहा है, वह पूरी तरह से अमानवीय है।
इससे परिवारों में विभाजन हो रहा है। औरतों को उनके सुहाग से अलग किया जा रहा है, बच्चों से उनकी मां का आंचल छीना जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसी एक ही घटना में वापस भेजे जा रहे 80 वर्षीय लकवाग्रस्त अब्दुल वहीद बट की बस में ही दुखद मौत हो गई।
कई परिवारों में गम का माहौल
उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच जब भी तनाव पैदा होता है, उसका खामियाजा सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर की जनता को भुगतना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से अब यहां से कई पाकिस्तानी नागरिकों केा निर्वासित किया जा रहा है, उससे जम्मू-कश्मीर में कई परिवारों में गम का माहौल पैदा हो गया है।
यह जम्मू-कश्मीर में वास्तविक शांति और स्थिरता के लिए प्रतिकूल है। मैं उनसे यह भी अपील करता हूं कि मानवीय आधार पर ऐसे लोगों के परिवार के सदस्यों को वापस न भेजा जाए और उनके परिवारों को कष्ट न दिया जाए।
कई घरों को गिराया गया
मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने बैसरन पहलगाम नरसंहार की निंदा करते हुए कहा कि जब भी ऐसा कुछ होता है तो कश्मीर के लोगों को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है, उन्हें सबसे ज्यादा नुकसान होता है। इस हमले की कश्मीर के हर नागरिक ने निंदा की है, कोई इसके साथ नहीं है, लेकिन इसके बावजूद कश्मीरियों को इसलिए जिम्मेदार ठहराकर निशाना बनाया जा रहा है।
यहां कई लोगों को हिरासत में लिया गया है, कई लोगों के घरों को गिराया गया है। मीडिया के एक बड़े हिस्से द्वारा कश्मीरियों को बदनाम करने के कारण छात्रों और पेशेवरों को डर के मारे वापस लौटना पड़ा है। अगर यही उद्देश्य है, तो यह सब अपराधियों को दंडित करने में कैसे मदद कर रहा है?
उन्होंने अवामी एक्शन कमेटी पर प्रतिबंध लगाए जाने और पुलिस द्वारा लोगों को अवामी एक्शन कमेटी से दूर रहने की सलाह दिए जाने पर मीरवाइज ने कहा कि हमारे संगठन ने कभी भी हिंसा का समर्थन नहीं किया है।
हमने हमेशा शांति और सुलह की बात की है। पहले हमारे संगठन पर राजनीतिक दुराग्रह के कारण अन्यायपूर्ण तरीके से पाबंदी लगाई गई और अब पुलिस लाउडस्पीकरों पर घोषणा कर लोगों को इससे जुड़ने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दे रही है। यह अनुचित है।
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