व्हाइट कॉलर आतंकी: 2900 KG विस्फोटक, 20 टाइमर और राइफल... क्या था आतंकियों का प्लान? Inside Story
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत उल हिंद के एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। तीन डॉक्टरों समेत सात लोग गिरफ्तार किए गए हैं। आतंकियों के ठिकानों से भारी मात्रा में विस्फोटक और हथियार बरामद हुए हैं। मॉड्यूल कश्मीर और दिल्ली समेत कई शहरों में आतंकी हमले की साजिश रच रहा था।
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व्हाइट कॉलर आतंकी: क्या था आतंकियों का प्लान? Inside Story
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कश्मीर से लेकर दिल्ली तक विभिन्न शहरों को दहलाने के एक बड़े आतंकी षडयंत्र को विफल बनाते हुए जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत उल हिंद के एक अंतरराज्यीय व्हाइट कॉलर आतंकी मॉडयूल का भंडाफोड किया है।
मॉडयूल में शामिल तीन डॉक्टरों समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और उनके अन्य साथियों को पकड़ने का अभियान जारी है। गिरफ्तार डॉक्टरों में एक महिला डॉक्टर है जो लखनऊ की रहने वाली है अन्य दोनों डॉक्टर व अन्य आतंकी कश्मीर के ही रहने वाले हैं।
अलबत्ता, पकड़े गए आतंकियों के कश्मीर, फरीदाबाद और सहारनपुर उत्तर प्रदेश स्थित ठिकानों से 2900 किलो विस्फोटक पदार्थ , एक चीनी स्टार पिस्तौल, एक बेरेटा पिस्तौल , एक एके 56 राइफल और एक एके एके क्रिंकोव राइफल, बैटरियां, आईईडी बनाने का सामान और 20 टाइमर भी बरामद किए गए हैं।
पुलवामा का रहने वाला है डॉ. मुजम्मिल
बरामद हथियार व गोला बारूद में से 350 किलोग्राम विस्फोटक एजेंट- अमोनियम नाइट्रेट और टाइमर के अलावा दो पिस्तौल और एक क्रिंकोव राइफल फरीदाबाद हरियाणा के दौज गांव में गत रविवार को आरोपित आतंकी डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब के किराए के कमरे से बरामद की गई है।
डॉ. मुजम्मिल दक्षिण कश्मीर में जिला पुलवामा में कोईल का रहने वाला है और वह बीते कुछ वर्ष से फरीदाबाद स्थित स्थित अल-फलाह अस्पताल में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा था। उसकी गिरफ्तारी डा आदिल अहमद राथर निवासी काजीगुंड कुलगाम द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर हुई है।
डॉ. आदिल को पुलिस ने इस मॉडयूल के गत माह पकड़े पांच अन्य सदस्यों से पूछताछ के दौरान मिले सुरागों और श्रीनगर के नौगाम व उसके साथ सटे इलाकों में बाजार व चौराहों मे लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सहारनपुर मेरठ से पकड़ा था।
डॉ. आदिल सहारनुपर के एक निजी अस्पताल में नियुक्ति से पूर्व पिछले साल 24 अक्टूबर 2024 तक दक्षिण कश्मीर में जीएमसी अनंतनाग में बतौर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा था। वह वनपोरा कुलगाम का रहने वाला है।
लॉकर से मिली एसॉल्ट राइफल
जीएमसी अनंतनाग में उसके लॉकर से एक एसॉल्ट राइफल व कुछ अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया गया है। इस माडयूल के पकड़े गए छह अन्य सदस्यों में तीन आरिफ निसार डार उर्फ साहिल यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद तीनों ही नौगाम श्रीनगर के रहने वाले हैं।
दो अन्य सदस्य मौलवी इरफान अहमद (मस्जिद के इमाम) जिला शोपियां और जमीर अहमद अहंगर उर्फ मुतलाशा वाकूरा गांदरबल के रहने वाले हैं।
मामले की जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह मॉडयूल सिर्फ दो चार शहरों तक सीमित नहीं है बल्कि इसका नेटवर्क कश्मीर के लगभग हर शहर में फैला हुआ है।
मॉड्यूल के सभी सदस्य इंटरनेट मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए न सिर्फ आपस में बल्कि पाकिस्तान, गुलाम जम्मू कश्मीर और अन्य देशों में स्थित अपने हैंडलरों के साथ लगातार संपर्क में थे। उन्होंने बताया कि यह मॉड्यूल आतंकियों का महिमांडन करने, नए आतंकियों की भर्ती करने व आतंकी संगठनों के लिए विभिन्न तरीकों से पैसे का बंदोबस्त करने के अलावा आतंकी हमलों के लिए टारगेट भी तय करने में जुटा हुआ था।
जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर दीवारों पर चिपके गए थे
उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत में श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र नौगाम में विभिन्न जगहों पर जैश ए मोहम्मद के पोस्टर दिवारों पर चिपके पाए गए थे। इसके बाद पुलिस ने नौगाम और उसके साथ सटे इलाकों में तलाशी अभियान भी चलाया और सभी संदिग्ध तत्वों की निगरानी की।
जिस इलाके में यह पोस्टर लगाए गए थे, वहां बाजार, चौराहे व अन्य जगहों पर लगे सीसीटीवी की फुटेज की गहन जांच की गई और मकसूद,आरिफ निसार, मौलवी इरफान अहमद और जमीर अहमद को पकड़ लिया गया। इन सभी के मोबाइल फोन व अन्य डिजिटल उपकरणों की जांच की गई और उसके आधार पर डा आदिल अहमद राथर और डा मुजम्मिल को चिह्नित किया गया।
डा मुजम्मिल का सहयोग करने वाली एक महिला डाक्टर को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। डा मुजम्मिल ने हथियारों को अपने ठिकाने तक पहुंचाने के लिए उसकी मदद ली थी।
मामले की जांच से जुढ़े सूत्रों ने बताया कि यह माडयूल अगले कुछ ही दिनों में श्रीनगर और जम्मू कश्मीर के बाहर दिल्ली समेत देश के कुछ अन्य शहरों में एक बड़े आतंकी हमले की तैयारी में था। हमलों को अंजाम देने लिए विभिन्न जगहों पर विस्फोटक जमा किए जा रहे थे। इनके पास से बरामद दस्तावेजों में आइइडी व अन्य विस्फोटक तैयार करने की जानकारी भी है।
श्रीनगर में धमाके का षडयंत्र
उन्होंने बताया कि इस मॉडयूल ने गत माह श्रीनगर में एक बडे़ धमाके का भी षडयंत्र रचा था, जो अंतिम समय में टाल दिया गया थ। उन्होंने बताया कि इस माडयूल में शामिल डा आदिल व डा मुजम्मिल समेत अधिकांश सदस्यों के खिलाफ पहले कभी कोई आतंकी या अलगाववादी गतिविधियों का मामला दर्ज नहीं है।
सिर्फ दो आरोपितों के खिलाफ पत्थरबाजी के मामले दर्ज होने की सूचना है और वह भी काफी पुराने हैं। यह एक व्हाइट कालर आतंकी नेटवर्क है, जिसके सदस्यों की मौजूदा और पुरानी पृष्ठभूमि प्रत्यक्ष तौर पर पूरी तरह से सामान्य नजर आती है। उन्होंने बताया कि यह मॉडयूल सामाजिक व धर्मार्थ कार्यों की आड़ में धन भी जुटा रहा था।

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