अपहरण, गैंगरेप और मर्डर... क्या है 35 साल पुराना सरला हत्याकांड? जिसमें बढ़ी यासीन मलिक समेत आठ लोगों की मुश्किलें
श्रीनगर में कश्मीरी हिंदू नर्स सरला भट्ट के अपहरण सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के 35 साल बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशेष जांच एजेंसी (एसआइए) ने यासीन मलिक समेत जेकेएलएफ के सात पूर्व कमांडरों के घरों की तलाशी ली। इस दौरान डायरियां और डिजिटल सुबूत बरामद हुए। सरला भट्ट ने आतंकियों का फरमान मानने से इनकार कर दिया था जिसके बाद आतंकियों ने अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीरी हिंदू महिला नर्स सरला भट्ट के अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के 35 वर्ष बाद मानवता को शर्मसार कर देने वाले इस कृत्य से पर्दा जल्द उठ सकता है।
जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशेष जांच एजेंसी (एसआइए) ने मंगलवार को श्रीनगर में यासीन मलिक समेत जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के सात पूर्व कमांडरों के घरों की तलाशी ली। इस दौरान एसआइए ने कुछ डायरियां और डिजिटल सुबूत भी बरामद किए हैं। सरला भट्टा मर्डर केस क्या है आइए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
कश्मीर में नब्बे के दशक में कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने के लिए विवश किया गया, और उस समय नरसंहार की जो तस्वीरें सामने आईं वे खौफनाक थीं।
सरला भट्ट का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने कश्मीर छोड़ने का आतंकियों का फरमान मानने के बजाय शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान में उपचाराधीन मरीजों की सेवा को प्राथमिकता दी थी। इससे बौखलाए आतंकियों ने उसका अपहरण व सामूहिक दुष्कर्म कर 19 अप्रैल, 1990 को मौत के घाट उतारकर शव सड़क पर फेंक दिया था।
पिछले साल शुरू हुईं जांच
सरला भट्ट की हत्या ने पूरे कश्मीर को हिला दिया था। उसकी हत्या की जांच बीते 35 वर्ष में ठंडे बस्ते में पड़ी रही। हालांकि एसआइए ने गत वर्ष इस मामले को खंगालना शुरू किया था।
वहीं उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हाल में आतंकी हिंसा से संबंधित उन सभी मामलों की जांच नए सिरे से करने के निर्देश दिए थे, जिनमें एफआइआर दर्ज हुई, लेकिन जांच अपने अंजाम तक नहीं पहुंची और अपराधी बच निकले। जांच एजेंसियों ने ऐसे सभी चर्चित और सनसनीखेज मामलों की जांच शुरू कर दी है।
जेकेएलएफ के आतंकियों ने किया था नर्स का अपहरण
सरला भट्ट दक्षिण कश्मीर में काजीबाग (अनंतनाग) की रहने वाली एक 26 वर्षीय नर्स थी। वह श्रीनगर के शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान में तैनात थीं। 1990 में कश्मीरी हिंदुओं को भाग जाने का फरमान सुनाया था।
शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान उस समय आतंकियों और जिहादियों का एक प्रमुख अड्डा बना हुआ था। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के ठेकेदारों में एक डॉ. अहद गुरु वहीं तैनात था। उसने कई बार सरला भट्ट को डराने का प्रयास किया था।
डॉ. अहद गुरु और संसद हमले में लिप्त अफजल गुरु दोनों आपस में रिश्तेदार भी थे। सरला भट्ट ने जब संस्थान छोड़ने से मना कर दिया तो डॉ. गुरु ने जेकेएलएफ के कमांडर हमीद शेख से संपर्क किया।
जेकेएलएफ आतंकियों ने किया किडनैप
साल 14 अप्रैल, 1990 को जब सरला अपने हॉस्टल में बैठी हुई थी, तब जेकेएलएफ के आतंकियों ने उसे अगवा कर लिया। 19 अप्रैल 1990 को सरला भट्ट का शव श्रीनगर के डाउन टाउन में सड़क किनारे पड़ा मिला। उसके साथ दुष्कर्म हुआ था और उसे चार गोलियां मारी गई थीं।
सरला भट्ट की शवयात्रा पर भी फेंका गया था बम जिहादियों के डर से कोई उसका शव उठाने को तैयार नहीं था। बाद में जब उसका दाह संस्कार करने के लिए उसकी शवयात्रा निकाली गई तो उस पर भी बम फेंका गया। उसके परिवार को कश्मीर से भगाने के लिए उनके मकान को भी आग लगा दी गई।
सरला भट्ट को अगवा और उनकी हत्या के मामले में श्रीनगर के नगीन पुलिस स्टेशन में एफआइआर : 56/1990 दर्ज की गई, लेकिन जांच ठंडे बस्ते में रही। वर्ष 2022 में रिलीज हुई चर्चित फिल्म कश्मीर फाइल्स में भी सरला भट्ट के किरदार को भी दिखाया गया था।
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