'मतदाताओं ने मेरी बात मानी और जवाब दिया', बडगाम उपचुनाव में नेकां की हार पर फिर क्या बोले बागी सांसद रुहुल्लाह
नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह ने कहा कि बडगाम उपचुनाव के नतीजे मतदाताओं का स्वतंत्र फैसला हैं, जिस पर किसी दल का प्रभाव नहीं था। उन्होंने कहा कि उनका संघर्ष जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए है, न कि सत्ता के लिए। उन्होंने दिल्ली और श्रीनगर में हुए आतंकी हमलों पर सरकार से जवाबदेही की मांग की और कहा कि विफलताओं के बाद जिम्मेदार लोगों को पद छोड़ देना चाहिए।

मतदाताओं ने मेरी बात मानी और जवाब दिया- नेकां सांसद
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेकां सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह ने रविवार को कहा कि बडगाम में हुए हालिया उपचुनाव के नतीजे मतदाताओं के स्वतंत्र निर्णय को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल ने परिणाम को प्रभावित नहीं किया। पत्रकारों से बात करते हुए रुहुल्लाह ने कहा कि उन्होंने लोगों से केवल अपनी अंतरात्मा की आवाज़ पर वोट देने का आग्रह किया था और मतदाताओं ने स्पष्टता के साथ इसका जवाब दिया।
उन्होंने कहा कि उनका राजनीतिक संघर्ष विधानसभा या संसद में एक सीट के लिए नहीं बल्कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए है।रूहुल्लाह ने उन लोगों की आलोचना की जो चुनौतीपूर्ण समय में भी केवल सत्ता के पदों पर ही केंद्रित रहते हैं और इस तरह के दृष्टिकोण को क्षेत्र के व्यापक मुद्दों के समाधान के लिए अपर्याप्त बताया।
दिल्ली और श्रीनगर में हुए हालिया आतंकी हमलों पर प उन्होंने पीड़ितों के साथ एकजुटता व्यक्त की और केंद्र सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पिछले 11 वर्षों में बार-बार हुई हिंसक घटनाओं के लिए सत्ता में बैठे लोगों को गंभीर आत्मनिरीक्षण और ज़िम्मेदारी की ज़रूरत है। न कि भारतीय मुसलमानों या कश्मीरी मुसलमानों पर दोष मढ़ने की।
उनके अनुसार राजनीतिक, प्रशासनिक और सुरक्षा स्तर पर ज़िम्मेदार लोगों को बार-बार हो रही नाकामियों के बाद पद छोड़ देना चाहिए था। विपक्षी रैलियों में उनके पोस्टर दिखाए जाने के दावों पर रूहुल्लाह ने कहा कि बडगाम के लोगों ने स्वतंत्र रूप से मतदान किया। न कि किसी संगठनात्मक निर्देश के कारण।
उन्होंने कहा कि कश्मीरी मतदाता अपने फ़ैसलों के प्रति पूरी तरह सचेत हैं और उन्हें राजनीतिक सुविधा के लिए कम करके नहीं आंका जाना चाहिए या उनकी ग़लत व्याख्या नहीं की जानी चाहिए।

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