Train To Kashmir: घाटी में खुशहाली की सीटी बजाएगी वंदे भारत ट्रेन, होटल उद्योगों को लगेंगे पंख; इन क्षेत्रों में भी आएगी क्रांति
वंदे भारत एक्सप्रेस कश्मीर के होटल उद्योग के लिए संजीवनी साबित होगी। पर्यटन फल और फूलों की खेती के साथ ही होटल उद्योग को भी इससे बढ़ावा मिलेगा। प्रशासन सेवा को सुचारु रूप से शुरू करने के प्रयास में जुटा है वहीं होटल व्यवसायी भी मेहमानों के स्वागत के लिए तैयार हैं। कई स्पेशल डिस्काउंट देने पर भी विचार किया जा रहा है।

रजिया नूर, श्रीनगर। वंदे भारत रेल घाटी में खुशहाली की सीटी बजाती आएगी। यहां की अर्थ व्यवस्था में नई जान डालने वाली इस रेल सेवा से टूरिजम, फ्रूट व फ्लोरिकल्चर इंडस्ट्री में क्रांति आएगी, वहीं होटल उद्योग भी खूब फले फूलेगा। सेवा को सुचारु ढंग से शुरू कराने को लेकर जहां प्रशासन इन दिनों प्रयासों में जुटा है, वहीं होटल उद्योग से जुटे लोग भी मेहमानों की मेहमान नवाजी के लिए तैयारियां कर रहे हैं।
संबंधित लोगों का कहना है कि यह रेल सेवा उनके लिए केवल एक रेल सेवा ही नहीं, बल्कि उनके उद्योग के लिए एक संजीवनी है। जागरण संवाददाता ने इस हवाले से कुछ स्थानीय होटल मालिकों से बातचीत की। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया दी।
मैन पावर बढ़ाने की तैयारी में जुटे होटल ओनर्स
श्रीनगर के बुलीवार्ड में स्थित एक होटल मालिक शहनवाज अहमद डार ने कहा कि इस ट्रेन सर्विस के शुरू होने से हमारी इस टूरिस्ट इंडस्ट्री में एक क्रांति आएगी। टूरिस्ट इन्फलो बढ़ेगा और जाहिर सी बात है कि इससे होटल इंडस्ट्री भी ग्रो करेगी। शहनवाज ने कहा कि हम बहुत खुश हैं और अभी से न केवल हमारे मेहमानों यानी टूरिस्टों का इंतजार कर रहे हैं, बल्कि उन्हें सर्व करने के हवाले से भी तैयारियों में जुट गए हैं।
शहनवाज ने कहा कि मेरे होटल में 45 कमरें हैं। समर सीजन में यह सारे कमरे बुक रहते थे। जबकि ऑफ सीजन में आधे से ज्यादा कमरे खाली ही रहते थे। लेकिन अब हमारे यह कमरे यकीनी तौर पर सालभर ऑक्यूपाय रहेंगे। जाहिर सी बात है कि इतने मेहमानों को सर्व करने के लिए मुझे मैन पावर की भी जरूरत पड़ेगी। हालांकि, मैं अपने इस होटल में और कमरे बनवाना चाहता था। लेकिन मैं चाह कर भी ऐसा नही कर सकता। क्योंकि यह एरिया ग्रीन बेल्ट में आता है और यहां कंस्ट्रक्शन की मनाही है। अलबत्ता मैं होटल का मैन पावर बढ़ाने की तैयारी कर रहा हूं। मेरे होटल में फिलहाल 23 कर्मचारी हैं। जिनमें मैनेजमेंट से लेकर, रसोई व सफाई कर्मचारी शामिल हैं। लेकिन टूरिस्ट फ्लो बढ़ने के हिसाब से मुझे कुछ और कर्मचारियों की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए मैंने तलाश शुरू कर दी है।
ऑफ-ऑन टूरिस्ट सीजन का मिट गया कॉन्सेप्ट
लाल चौक के साथ सटे आबीगुजर इलाके में स्थित एक होटल मालिक फयाज अहमद ने कहा कि अभी तक तो यहां समर या विंटर सीजन हुआ करता था और हम इन्हीं दो सीजनों में अपनी रोजी रोटी जुटाते थे। लेकिन अब यह वंदेभारत रेल सेवा यह कॉन्सेप्ट खत्म करने वाली है। अब यहां हर सीजन टूरिज्म सीजन होगा और सालभर टूरिस्ट यहां की सैर को आएंगे, जिससे हमारा बिजनेस भी बढ़ेगा। फयाज ने कहा कि समर सीजन में हमारा काम अच्छा होता था, लेकिन विंटर सीजन में हमारे इस होटल के चंदेक कमरे ही ऑक्यूपाय रहते थे।
क्योंकि विंटर सीजन असल में अमूमन हाई बजट टूरिस्ट ही यहां का रुख करते थे और यहां आते ही पहाड़ों का रुख करते थे और अपना डेरा गुलमर्ग व पहलगाम में ही लगाते थे। जबकि लो बजट टूरिस्ट समर सीजन में यहां आना पसंद करते थे। क्योंकि, समर सीजन में डल झील, मुगल गार्डन, ट्यूलिप गार्डन के अलावा श्रीनगर में बहुत सारी जगहें देखने लायक है। लिहाजा टूरिस्ट यहां कुछ दिन जरूर रुकते हैं।
होटलों में स्पेशल डिस्काउंट उपलब्ध रखने पर विचार
शहनवाज ने कहा कि मैं समझता हूं कि यह सेवा शुरू होना हमारे लिए एक नेक शगुन है और इसका आभार जताने के लिए मैं अपने होटल में मेहमानों के लिए स्पेशल डिस्काउंट भी रखूंगा। मिसाल के तौर पर अगर कमरे का एक दिन का किराया 1500 है तो मेहमान को 500 रुपये की छूट होगी।
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