Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jammu Kashmir Tourism: कश्मीर में अब परवान चढ़ रहा पर्यटन उद्योग, इस साल आ चुके हैं 26 लाख टूरिस्ट

    Updated: Sun, 24 Nov 2024 09:37 AM (IST)

    कश्मीर में पर्यटन उद्योग फल-फूल रहा है क्योंकि इस वर्ष के पहले नौ महीनों में ही लगभग 26 लाख सैलानी देश-विदेश से आ चुके हैं। उम्मीद है कि दिसंबर के अंत तक यह आंकड़ा 30 लाख पार कर जाएगा। इस वृद्धि के पीछे बेहतर सुरक्षा स्थिति प्रशासन के प्रयास और पर्यटकों का विश्वास है। पर्यटन उद्योग के पुनरुत्थान से कारोबार को भी बढ़ावा मिल रहा है।

    Hero Image
    कश्मीर में बढ़ने लगा पर्यटन उद्योग (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। बदले कश्मीर में पर्यटन उद्योग अब परवान चढ़ रहा है। इस वर्ष पहले नौ माह में लगभग 26 लाख सैलानी देश-विदेश से आ चुके हैं। उम्मीद है कि दिसंबर के अंत तक यह आकड़ा 30 लाख पार कर जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बीते नौ माह के दौरान जम्मू कश्मीर में चुनाव भी हुए और आतंकियों ने कुछ सनसनीखेज हमले भी किए, उसके बावजूद पर्यटकों का रिकार्ड संख्या में आना कश्मीर में शांति, सुरक्षा और विश्वास के वातावरण पर मुहर लगा रहा है। पर्यटन उद्योग के परवान चढ़ने से कारोबार को भी बढ़ावा मिल रहा है।

    लाल चौक पर शाम होते ही पर्यटकों का जमावड़ा बता रहा है कि पांच वर्ष पहले तक मरनासन्न नजर आ रहा पर्यटन उद्योग फिर से जीवंत हो चला है। मौजूदा वर्ष में पहली जनवरी से 30 सितंबर तक घाटी में 35,254 विदेशी सैलानी भी आए।

    जबकि वर्ष 2022 में यह आंकड़ा साढ़े चार हजार के आसपास ही था। बीते वर्ष बारह महीने में कुल 27.10 लाख पर्यटक घाटी आए थे, जबकि उससे पूर्व 2022 में 26.70 लाख सैलानी आए थे।

    ऑफ सीजन में पर्यटकों की आमद

    सितंबर से दिसंबर की शुरुआत तक कश्मीर को पर्यटन के लिहाज से ऑफ सीजन माना जाता है, लेकिन लगातार पर्यटकों की आमद अब कश्मीर को सदाबहार पर्यटन स्थल के रूप में बदलने का संकेत भी दे रही है। सामान्य परिस्थितियों में सितंबर से दिसंबर की शुरुआत तक घाटी में विशेषकर श्रीनगर में लगभग होटल खाली रहते रहे हैं।

    उनमें बुकिंग 20 से 30 प्रतिशत तक ही रहती है। पर इस बार ऐसा नहीं है। अभी अक्टूबर में यह साठ प्रतिशत रही है, जबकि नवंबर के पहले पखवाड़े के अंत तक 70 प्रतिशत तक बुकिंग रही है। सभी बड़े होटल लगभग बुक रहे हैं। दिसंबर के अंत तक कश्मीर में सभी होटलों में शत-प्रतिशत बुकिंग की उम्मीद है।

    चुनाव के बाद बढ़ गई पर्यटकों की संख्या

    जम्मू कश्मीर होटलियर्स क्लब के चेयरमैन मुश्ताक चाया ने कहा कि समग्र सुरक्षा परिदृश्य में सुधार और प्रदेश प्रशासन द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न स्तरों पर किए जा रहे प्रयासों से ही पर्यटन उद्योग को बल मिला है।

    अगस्त के बाद से अगर यहां पर्यटकों की आमद में कुछ कमी देखी गई है तो शायद वह चुनाव के कारण। अब फिर आमद बढ़ने लगी है। दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में विशेष कर क्रिसमस और नए साल की पूर्व रात्रि को होने वाले जश्न के समय यह कमी दूर जो जाएगी।

    पर्यटकों की लगातार आगमन से न सिर्फ डल झील में शिकारा चलाने वाले या हाउसबोट मालिक ही नहीं, अन्य होटल व रेस्तरां आपरेटर, टैक्सी चालक, कश्मीरी दस्तकारी का सामान बनाने वाले कारीगर और दुकानदार समेत समाज का लगभग हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है।

    क्रिसमस और नए साल के लिए सभी प्रमुख होटल बुक

    ट्रेवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ कश्मीर टॉक के अध्यक्ष रौफ अहमद त्रम्बू ने कहा कि क्रिसमस और नए साल के लिए सभी प्रमुख होटल बुक हो चुके हैं। गुलमर्ग में लगभग सभी होटल बुक हैं। कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में यह बढ़ोतरी हालात में सुधार का नतीजा है।

    उन्होंने कहा कि लोगों में अब यहां पहले की तरह भय की भावना नहीं है, पर्यटकों में अपनी सुरक्षा को लेकर कोई भयभीत नजर नहीं आता, उनमें जो सुरक्षा और विश्वास की जो भावना है, वह पहले कभी नहीं देखी गई थी।

    प्रदेश प्रशासन ने पर्यटकों की सुविधा के लिए नए पर्यटन केंद्र विकसित किए। देश-विदेश में रोड शो किए हैं, जिनमें पर्यटन क्षेत्र से जुड़े स्थानीय लोगों को भागीदार बनाया। इन सभी प्रयासों से पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। उससे भी बड़ी बात यह है कि कश्मीर के सुरक्षा परिदृश्य में जो सुधार आया है, उससे यहां विश्वास का वातावरण बना। उससे समग्र पर्यटन क्षेत्र में सुधार आया है। पर्यटन उद्योग में उछाल से कश्मीर में आर्थिक गतिविधियां भी बढ़ी हैं।

    राजा याकूब, पर्यटन निदेशक, कश्मीर

    ट्रेवल एजेंसी भी उत्साहित

    कश्मीर में एक ट्रेवल एजेंसी के संचालक फिरदौस सौफी ने कहा कि अगर काम नहीं होता तो श्रीनगर में पर्यटकों की आरामदायक यात्रा के लिए ट्रांसपोर्टर्स अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस वाहन तैयार नहीं कराते। करीब चार वर्ष पहले तक और कोराना काल में यहां तो कई ट्रांसपोर्टरों को अपने वाहन बेचने पड़े थे।

    कई की बैंक ने कुर्की की थी। यही हाल होटल वालों का था। पर अब लालचौक, अमीराकदल, डल गेट, नेहरू पार्क पर्यटकों से गुलजार रहते हैं। वहीं इंडिया प्राइड टूअर ट्रैवल एजेंसी के प्रबंध निदेशक रमन कुमार शर्मा ने कहा कि अब कश्मीर सदाबहार पर्यटन स्थल बन चुका है। यहां अब बजट होटल के दाम भी टू और थ्री स्टार होटल जैसे हो रहे हैं। यह तभी है, जब पर्यटकों की भीड़ है।

    यह भी पढ़ें- कश्मीर के पहाड़ों में हुई बर्फबारी, आज भी बारिश के आसार; इन इलाकों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करेगी सरकार

    दस्तकारों की भी चांदी

    कश्मीरी दस्तकारी का सामान बेचने वाले रियाज अहमद ने कहा कि उनके काम और सामान की सराहना करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ग्राहक आसानी से मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पहले की तुलना में दुगने पश्मीना शॉल बेची हैं।

    ईदगाह में क्रिवल कढ़ाई के कारीगर गौहर बट ने कहा कि इस वर्ष सिर्फ परदे और चादर ही नहीं, बल्कि तकियों के लिए भी क्रिवल कढ़ाई के लिहाफ बनाए हैं। उन्होंने कहा कि उनके साथ 30 कारीगर काम करते हैं। कोई बेकार नहीं रहा है।

    कोई हाउसबोट नहीं रहता खाली

    हाउसबोट संचालक हिलाल अहमद ने कहा कि इस वर्ष जनवरी से लेकर अगस्त की शुरुआत तक शायद ही कोई हाउसबोट एक दिन से ज्यादा समय तक खाली रहा हो। सितंबर-अक्टूबर में हाउसबोट की आकयूपेंसी लगभग 40 प्रतिशत तक रही है। यह अब फिर जोर पकड़ रही है।

    ज्यादातर अग्रिम बुकिंग ही है। बशीर अहमद नामक एक शिकारा चालक ने कहा कि यहां चाहे हाउसबोट में ठहरने वाला टूरिस्ट हो या होटल में रुकने वाला, सभी शिकारा की सैर का आनंद लेने आ रहे हैं। काम अच्छा चल रहा है।

    यह भी पढ़ें- वैष्णो देवी जा रहे हैं तो संभलें! न मिलेंगी पालकी और न घोड़े-पिट्टू, रोपवे परियोजना के विरोध में हड़ताल जारी