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    कश्मीर में लौटने लगी रौनक, छुट्टियां मनाने पहुंच रहे विदेशी पर्यटक; पहलगाम हमले के बाद छा गई थी वीरानगी

    Updated: Mon, 16 Jun 2025 08:38 PM (IST)

    कश्मीर घाटी में सुरक्षा और शांति बहाल होने से पर्यटकों की संख्या में इज़ाफा हुआ है। डल झील से लेकर गुलमर्ग तक पर्यटक बिना किसी डर के घूम रहे हैं। विदेशी पर्यटकों की संख्या भी बढ़ी है जिनमें यूरोपीय पर्यटक प्रमुख हैं। पर्यटकों का कहना है कि कश्मीर स्वर्ग जैसा है और यहाँ के लोग मददगार हैं। पर्यटन विभाग इसे बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है।

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    विदेशी पर्यटक भी करने लगे कश्मीर की सैर (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। कश्मीर घाटी में सुरक्षा,शांति और विश्वास के वातावरण की बहाली का असर अब पर्यटकों की आमद पर भी नजर आने लगा है। उनकी संख्या में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी हो रही है और देश के विभिन्न भागों से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी पर्यटक घाटी में छुट्टियां बिताने पहुंच रहे हैं।

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    डल झील का किनारा हो या गुलमर्ग की वादियां, पहलगाम हो या सोनमर्ग ,भयमुक्त भाव से सैर करते हुए पर्यटक नजर आते हैं। किसी के भी चेहरे पर किसी तरह का भय नहीं हैं,जिससे पूछो वही कहता है कि यहां बहुत सुंदर,शांत और सुरक्षित वातावरण है।

    बीते एक सप्ताह के दौरान वादी में विदेशी पर्यटकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि पर्यटन विभाग और संबधित सुरक्षा एजेंसियों ने घाटी की यात्रा पर आए विदेशी पर्यटकों की संख्या का खुलासा नहीं किया है,लेकिन विभिन्न सूत्रों से उपलब्ध जानकारी के अनुसार, यह संख्या 200 के करीब है। इनमें से अधिकांश यूरोपीय हैं। अमेरिका से भी तीन से चार पर्यटक आए हैं। थाइलैंड और कोरिया से भी पर्यटक कश्मीर आए हैं।

    पोलैंड की एक पर्यटक कैरोलिना ने कश्मीर के हालात और वातावरण पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं यहां पहली बार नहीं आयी हूं। मैं पहले भी कई बार आ चुकी हैं। एक टूअर एंड ट्रैवल एजेंसी की संचालक कैरोलिना ने कहा कि मैं अकेली नहीं हूं मेरे साथ कुछ और लोग भी आए हैं। यहां लोग बहुत सहृदय हैं, जिससे मिलो वही मुस्कराहट के साथ आपका स्वागत करता है। यहां डर-असुरक्षा जैसी कोई बात नहीं है। मुझे यकीन है कि हम फिर से यहां आएंगे। इस साल, मेरी कंपनी के तीन समूह जिनमें 60 लोग होंगे, आएंगे।

    मार्गरेट नामक एक अन्य विदेशी पर्यटक ने कहा कि मैं पहली बार कश्मीर आयी हूं। मैंने यहां हिंसा के बारे में सुना था, यह भी पता चला था कि यहं इंडिया का अपने पड़ोसी मुल्क के साथ जंग हुई है,लेकिन हमें यहां ऐसा कुछ नहीं लगा है। यहां हालात पूरी तरह से सामान्य हैं, कश्मीर की वादियां, यहां झीलें खूबसूरत हैं। लोग भी अच्छे और मददगार है।यहां जो भी आएगा, उसे अच्छा लगेगा। कश्मीर तो स्वर्ग जैसा ही है।

    अंतरराष्ट्रीय टूर गाइड, यूनिस ने कहा कि बैसरन पहलगाम की घटना ने यहां पर्यटन को बहुत नुकसान पहुंचाया है। लेकिन जिस तरह से प्रदेश सरकार ने, केंद्र सरकार ने मिलकर प्रयास किया, स्थानीय टूअर आपरेटरों ने , होटल मालिकों ने ,यहां जो भी पर्यटन क्षेत्र से जुड़ा है, सभी ने हालात को संभालने के लिए, लोगों को यह समघने के लिए कि कश्मीर सुरक्षित और शांत है, यहां लोग पर्यटकों के संरक्षक हैं, यह उसका ही नतीजा है कि आज फिर कश्मीर में देशी-विदेशी पर्यटक आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि पोलिश दूतावास और यूरोपीय संघ के सदस्यों के साथ हमारे संयुक्त प्रयासों से, हमने कश्मीर में पर्यटन को पुनर्जीवित करने का काम किया है।

    पर्यटन निदेशक राजा याकूब ने कहा कि जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग ने कश्मीर में पर्यटन को फिर से पटरी पर लाने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किया है। खुद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इसमें निजी तोर पर दिलचस्पी ले रहे हैं। उन्होंने कश्मीर में देश में पर्यटन क्षेत्र से जुड़े प्रतिष्ठित संगठनों के प्रतिनिधियों से संपर्क किया है, कश्मीर के हालात को लेकर जो भ्रांतियां हैं, उन्हें दूर करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है और उसका नतीजा अब नजर आने लगा है।